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Friday, April 19, 2024

मुख्यमंत्री अभ्युदय कोचिंग में पढ़े 718 युवा हुए सफल, मेधा की राह में गरीबी नहीं बन पाई रोड़ा

मुख्यमंत्री अभ्युदय कोचिंग में पढ़े 718 युवा हुए सफल, मेधा की राह में गरीबी नहीं बन पाई रोड़ा


मेधा की राह में गरीबी को नहीं बनने दिया रोड़ा, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के मेधावी छात्रों को मिलती है कोचिंग सुविधा, सीएम अभ्युदय योजना में अध्ययन कर 20 से ज्यादा युवा सिविल सेवा में हुए चयनित


चुनौतियां

■ परीक्षा में धैर्य और सतत मेहनत की जरूरत। छात्र-छात्राओं को रोकना चुनौती।

■ अच्छे शिक्षकों को लाना एक चुनौती।

■ नीट और जेईई की सफलता का प्रतिशत ज्यादा, उस तरफ भी झुकाव लाना।

■ दिल्ली व कोटा के शिक्षकों को भी लाने की कवायद।



लखनऊ। मेधा की राह में गरीबी एक बड़ी बाधा है, जिसकी वजह से बड़ी संख्या में युवाओं के सपने हकीकत नहीं बन पाते। प्रदेश सरकार ने ऐसे मेधावियों के लिए सीएम अभ्युदय योजना शुरू की। इसके तहत होनहार युवाओं को आईएएस, आईपीएस, आईआईटी से लेकर मेडिकल परीक्षाओं के लिए निशुल्क कोचिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।


इस योजना की सफलता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि महज तीन साल में 718 बच्चे सिविल सेवा से लेकर आईआईटी तक में दाखिला ले चुके हैं। हाल में जारी यूपीएससी परिणामों में सीएम अभ्युदय योजना में अध्ययन कर 20 से ज्यादा युवाओं का चयन सिविल सेवा में हुआ है। वर्ष 2021 में सीएम अभ्युदय योजना शुरू हुई थी। इसके जरिये उन युवाओं के सपने पूरे हुए जो लाखों रुपये खर्च कर महंगी कोचिंग नहीं कर सकते थे।


8000 होनहारों को मुफ्त कोचिंग, पहली बार ऐसी पहल

मुख्यमंत्री अभ्युदय कोचिंग योजना पहले 18 मंडल स्तर पर शुरू की गई थी। फिर इसे प्रदेश के सभी 80 जनपदों में लागू किया गया। इसके 264 छात्रावास हैं। प्रदेश में आठ कोचिंग सेंटर हैं। दो लखनऊ में भागीदारी भवन और अलीगंज में हैं। हापुड़, अलीगढ़, आगरा, इलाहाबाद, बनारस और गोरखपुर में एक-एक हैं। करीब 8000 युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। 


कोचिंग सेंटर में एससी-एसटी और ओबीसी के लिए रहने-खाने, पढ़ने की मुफ्त व्यवस्था है। इसके अलावा डे स्कॉलर के रूप में सुबह 9 से रात 9 बजे तक तैयारियां होती हैं, जिसमें हर वर्ग के मेधावी आते हैं। इसमें पढ़ाई और तैयारी से सारी सुविधाएं निशुल्क दी जाती हैं। प्री और मेन्स के अलावा मॉक इंटरव्यू भी कराए जाते हैं। यहां से निकले सिविल सेवा के टॉपर, अधिकारी और आईआईटीयंस निशुल्क गाइडेंस देते हैं। अपने अनुभव साझा करते हैं और तैयारियों व साक्षात्कार की लाइव प्रस्तुति देते हैं। छात्रों के लिए 350 से ज्यादा लेक्चरर हैं।


मुख्यमंत्री का ये अभिनव पहल है, हालांकि इस योजना में अभी और सुधार की गुंजाइश है। यूपीएससी और जेईई-नीट के प्रतिष्ठित शिक्षकों को भी इससे जोड़ दिया जाए तो सफल होने वाले युवाओं की संख्या और बढ़ सकती है। प्रो. अनिल मिश्र, प्राचार्य व समाजशास्त्री

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