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Saturday, December 11, 2021

UPPSC : आरओ/एआरओ भर्ती परीक्षा में सीबीआई को ओएमआर शीट बदलने के मिले साक्ष्य, एफआईआर दर्ज करने की तैयारी

UPPSC : आरओ/एआरओ भर्ती परीक्षा में सीबीआई को ओएमआर शीट बदलने के मिले साक्ष्य, एफआईआर दर्ज करने की तैयारी

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग में भर्तियों की जांच कर रही सीबीआई को समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (आरओ/एआरओ) 2013 और 2014 में गड़बड़ी के साक्ष्य मिले हैं। शुक्रवार से प्रयागराज में डटी सीबीआई की टीम ने गोविन्दपुर कैंप कार्यालय में शिकायतकर्ताओं को बुलाकर उनके बयान दर्ज किए। आयोग पहुंचकर तत्कालीन कर्मचारियों और अधिकारियों से भी पूछताछ की। इन भर्तियों से संबंधित कागजातों को भी खंगाला जा रहा है।


सूत्रों के अनुसार चयनित अधिकारियों को दिल्ली मुख्यालय बुलाकर जांच की जाएगी। अभ्यर्थियों ने ओएमआर शीट बदलने की शिकायत की थी। 2013 की भर्ती में इसके पुख्ता साक्ष्य जांच एजेंसी को मिले हैं जिसके बाद जांच में तेजी आई है। माना जा रहा है कि जल्द इस मामले में सीबीआई एफआईआर दर्ज कर सकती है। प्रतियोगी छात्रों ने अपनी शिकायत के समर्थन में सीबीआई को साक्ष्य भी सौंपे थे।

उनके आधार पर जांच आगे बड़ी तो गड़बड़ी का पता चला। सीबीआई ने इसी साल चार अगस्त को अपर निजी सचिव (एपीएस) भर्ती 2010 में धांधली पर यूपीपीएससी के पूर्व परीक्षा नियंत्रक आईएएस प्रभुनाथ के खिलाफ दिल्ली में केस दर्ज किया था। पीसीएस 2015 परीक्षा में अनियमितता को लेकर 5 मई 2018 को सीबीआई के दिल्ली मुख्यालय में एफआईआर दर्ज की गई थी।

-505 पदों के लिए आयोजित आरओ/एआरओ-2013 का परिणाम 8 अगस्त 2015 को आया था
-426 पदों के लिए हुई आरओ/एआरओ- 2014 का परिणाम 28 नवम्बर 2016 को घोषित हुआ था

सुस्त जांच से प्रतियोगी छात्र नाउम्मीद
सीबीआई की सुस्त जांच से प्रतियोगी छात्र नाउम्मीद हो चुके हैं। आयोग में भ्रष्टाचार को जोर-शोर से उठाने वाले छात्र अब जांच एजेंसी को बयान तक दर्ज कराना नहीं चाहते। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष अवनीश पांडेय का कहना है कि सीबीआई का रवैया बेहद निराशाजनक है। लगभग 600 भर्तियों की जांच हो रही है और पांच साल में दो एफआईआर हुई है। यदि इसी रफ्तार से जांच चली तो न्याय मांगने वालों की उम्र निकल जाएगी। राज्य सरकार सीबीआई से एसआईटी गठित कर जांच आगे बढ़ाने के लिए कहे।

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