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Tuesday, December 14, 2021

उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग ने मंगलवार को बदली थी पांच विषयों की उत्तरकुंजी, तीन और विषयों की संशोधित उत्तरकुंजी जारी, 21 दिसम्बर तक कर सकते हैं आपत्ति

UPHESC : असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के पांच विषयों की गलत उत्तरकुंजी जारी

अभ्यर्थियों की आपत्ति के बाद यूपीएचईएससी ने जारी की सही उत्तरकुंजी
जिस सेट का पेपर नहीं छपा, उसी सेट की जारी कर दी गई थी उत्तरकुंजी

उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग (यूपीएचईएससी) ने असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा के पांच विषयों की गलत उत्तरकुंजी जारी कर दी। जिस सेट का पेपर नहीं छपा था, आयोग ने गलती से उसी सेट की उत्तरकुंजी जारी कर दी। अभ्यर्थियों ने आपत्ति की तो आयोग ने इसकी जांच कराई और त्रुटि सामने आने के बाद सोमवार को सही उत्तरकुंजी जारी की गई। इन पांच विषयों की संशोधित अनंतिम उत्तरकुंजी पर 21 दिसंबर तक आपत्तियां आमंत्रित की गईं हैं।


प्रदेश के अशासकीय महाविद्यालयों में विज्ञापन संख्या-50 के तहत 47 विषयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 2002 पदों पर भर्ती के लिए तीन चरणों में लिखित परीक्षा आयोजित की गई थी। आयोग ने 10 दिसंबर को सभी 47 विषयों की अनंतिम उत्तरकुंजी जारी करते हुए अभ्यर्थियों से 18 दिसंबर तक आपत्तियां आमंत्रित की थीं।

इनमें से पांच विषयों हिंदी, एशियन कल्चर, भू-गर्भ विज्ञान, कीट विज्ञान और अनवांशिकी एवं पादप प्रजनन विषयों की गलत उत्तरकुंजी जारी कर दी गई थी। अभ्यर्थियों की आपत्ति के बाद आयोग ने इन पांच विषयों की संशोधित अनंतिम उत्तरकुंजी जारी करते हुए 21 दिसंबर तक आपत्तियां मांगीं हैं।


दरअसल, आयोग ने विशेषज्ञों से तीन सेट में पेपर तैयार कराए थे और इनमें से एक सेट छापने के लिए भेजा गया था। विशेषज्ञों से तीनों सेट की अलग-अलग उत्तरकुंजी तैयार कराई गई थी। प्रक्रिया गोपनीय होने के कारण आयोग के अफसरों को भी नहीं मालूम होता है कि किस सेट का पेपर छप रहा है और उसकी उत्तरकुंजी कौन सी है। उत्तरकुंजी को एक बंद लिफाफे में रख दिया जाता है।

इन पांच विषयों की उत्तरकुंजी गलत लिफाफे में रख दी गई और परीक्षा के बाद जो उत्तरकुंजी जारी की गई, वह दूसरे सेट की थी और उस सेट का पेपर छपा ही नहीं था। अभ्यर्थियों ने आयोग में आपत्ति दर्ज कराई। आयोग ने विशेषज्ञों से पेपर और उत्तरकुंजी का मिलान कराया तो अभ्यर्थियों की आपत्ति सही साबित हुई। आयोग की सचिव वंदना त्रिपाठी का कहना है कि पांचों विषयों की संशोधित अनंतिम उत्तरकुंजी जारी कर दी गई है। सचिव ने माना कि गलत उत्तर कुंजी जारी हो गई थी।


उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग ने मंगलवार को बदली थी पांच विषयों की उत्तरकुंजी, तीन और विषयों की संशोधित उत्तरकुंजी जारी, 21 दिसम्बर तक आपत्ति

प्रयागराज : उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग ने असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के 47 विषयों में से तीन और विषयों भूमि संरक्षण, संगीत सितार और पादप रोग की अनन्तिम उत्तरकुंजी बुधवार को बदल दी है। आयोग ने भूमि संरक्षण के मुख्य विषय के 70 प्रश्नों और सामान्य अध्ययन के 30 प्रश्नों की अनन्तिम उत्तरकुंजी में बदलाव किया है।

जबकि संगीत सितार और पादप रोग में सामान्य अध्ययन के सिर्फ 30 प्रश्नों की संशोधित अनन्तिम उत्तरकुंजी जारी की है। आयोग ने 13 नवंबर को पहली पाली में हुई असिस्टेंट प्रोफेसर हिन्दी, एशियन कल्चर, भू-गर्भ विज्ञान, कीट विज्ञान और अनुवांशिकी एवं पादप प्रजनन की भी मुख्य विषय के साथ सामान्य अध्ययन की अनन्तिम उत्तरकुंजी में मंगलवार को संशोधन किया था। आयोग ने सभी विषयों में आपत्ति दर्ज करने की अंतिम तिथि 18 दिसंबर से बढ़ाकर 21 दिसंबर कर दी है। सचिव वंदना त्रिपाठी के अनुसार अभ्यर्थी अपनी आपत्तियां साक्ष्यों के साथ आयोग की ई-मेल आईडी uphescobjection50@ gmail. com पर तथा उसकी हार्ड कॉपी साक्ष्यों के साथ पंजीकृत डाक से 21 दिसंबर तक अनिवार्य रूप से आयोग में उपलब्ध करा दें।

असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती में फेल को कर दिया था टॉप: इससे पहले विज्ञापन संख्या 47 के तहत असिस्टेंट प्रोफेसर चित्रकला में भी फेल अभ्यर्थी को टॉप करने का मामला सामने आ चुका है। महिलाओं के लिए आरक्षित दो पदों का अंतिम परिणाम उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग ने 23 सितंबर 2019 को घोषित किया था। जिसमें पूजा वर्मा (अनुक्रमांक 200096) का चयन प्रथम स्थान पर हुआ था। प्रतीक्षा सूची में प्रथम स्थान पर रही चांदनी वर्मा ने परिणाम के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दी। हाईकोर्ट के आदेश पर परिणाम की जांच हुई तो पता चला कि पूजा वर्मा को टंकण त्रुटि के कारण 155.55 अंक मिल गए थे जबकि वास्तव में मूल उत्तर पत्रक के आधार पर उन्हें 134.69 अंक ही लिखित परीक्षा में मिले थे। छह जुलाई 2021 को जारी संशोधित रिजल्ट में चांदनी वर्मा का चयन दूसरे स्थान पर हो गया जबकि पूजा वर्मा 7वें नंबर पर चली गई थी।

पहले रैंडम प्रक्रिया नहीं, फिर दे दी गलत उत्तरकुंजी

असिस्टेंट प्रोफेसर के 2003 पदों पर भर्ती का जिम्मा उठाने वाले उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग की विश्वसनीयता पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। पहले लिखित परीक्षा में रोल नंबरों की रैंडम प्रक्रिया नहीं की गई और अब गलत उत्तरकुंजी जारी करने का प्रकरण सामने आया। जिस भर्ती से लगभग एक लाख उच्च शिक्षित युवाओं का भविष्य जुड़ा हो उसमें ऐसी गड़बड़ियों से आयोग की छवि को धक्का पहुंच रहा है। ताजा उदाहरण हिन्दी जैसे महत्वपूर्ण विषय समेत सात अन्य विषयों की गलत अनन्तिम उत्तरकुंजी जारी करने का है। इससे पहले 30 अक्तूबर की लिखित परीक्षा के लिए जारी प्रवेश पत्र में रैंडम प्रक्रिया नहीं करने पर भी अभ्यर्थियों ने काफी हंगामा किया था। आयोग ने अपनी गलती स्वीकार की थी। वहीं आयोग के अध्यक्ष डॉ. ईश्वर शरण विश्वकर्मा का कहना है कि यह इतनी बड़ी गलती नहीं है। प्रयास है कि किसी अभ्यर्थी का नुकसान न हो।

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