एक जगह के परीक्षार्थियों को मिलेंगे अलग-अलग केंद्र
प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ियां रोकने की कवायद
रैंडम आधार पर होगा परीक्षा केंद्रों का आवंटन
लखनऊ। भर्ती परीक्षाओं में सुधार और परीक्षा प्रणाली को और मजबूत बनाने के तहत प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए केंद्रों का आवंटन रैंडम आधार पर किया जाएगा। इससे एक ही स्थान के परीक्षार्थी एक ही परीक्षा केंद्र पर परीक्षा नहीं दे सकेंगे। इसके अलावा कक्ष निरीक्षकों को परीक्षा कक्ष का आवंटन परीक्षार्थियों के परीक्षा केंद्र पर प्रवेश से 30 मिनट पूर्व स्टैटिक मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में रैंडम आधार पर किया जाएगा।
प्रदेश सरकार ने प्रदेश के विभिन्न आयोगों व चयन बोडों में चयन प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाने के लिए निर्धारित नीति के तहत परीक्षा केंद्रों में व्यवस्था को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं। कार्मिक विभाग की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार जिलाधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी परीक्षा केंद्र पर कक्ष निरीक्षकों की तैनाती में अतिरिक्त कार्मिकों की जरूरत पड़ने पर कम से कम 50 प्रतिशत स्टाफ परीक्षा केंद्र के बाहर का हो। ये सरकारी कार्मिक ही होंगे।
दिव्यांग और महिला परीक्षार्थियों का गृह मंडल में मिलेगा केंद्र: दिव्यांग परीक्षार्थियों को उनके गृह जिले और महिला परीक्षार्थी को उसके गृह मंडल से बाहर परीक्षा केंद्र आवंटित नहीं किया जाएगा। वहीं एक से अधिक जिले में परीक्षा के आयोजन की स्थिति में अन्य परीक्षार्थियों का केंद्र आवंटन उनके गृह जिले से बाहर रखा जाएगा।
परीक्षा कराने में चार अलग-अलग एजेंसियों की ली जाएगी मदद, यूपी में प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु फूल प्रूफ इंतजाम के लिए शासनादेश जारी
योगी सरकार का बड़ा फैसला : प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए बनाई नई नीति, भर्ती परीक्षाओं की चप्पे-चप्पे पर निगरानी
■ चार एजेंसियों को मिली अलग-अलग जिम्मेदारी
■ 04 लाख से ज्यादा परीक्षार्थी तो दो चरणों में परीक्षा
■ 01 पाली में पीसीएस परीक्षा कराने की छूट रहेगी
■ धांधली रोकने के लिए गृह मंडल के बाहर देनी होगी परीक्षा
■ सरकारी स्कूल, इंजीनियरिंग व मेडिकल कॉलेज बनेंगे केंद्र
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर भर्ती परीक्षा पेपर लीक होने से रोकने और धांधली खत्म करने के लिए फूलप्रूफ इंतजाम करते हुए नई नीति जारी कर दी गई है। एक भर्ती परीक्षा कराने के लिए चार एजेंसियों की अलग-अलग जिम्मेदारी होगी। परीक्षार्थियों को अपने गृह मंडल के बाहर परीक्षा देने जाना होगा। निःशक्तों और महिलाओं पर यह प्रतिबंध लागू नहीं होगा। चार लाख से अधिक परीक्षार्थी होने पर दो चरणों में परीक्षा होगी। रिजल्ट बनाने में धांधली रोकने के लिए आयोग और बोर्ड में ही ओएमआर शीट की स्कैनिंग कराई जाएगी।
परीक्षा केंद्र बनाने के लिए दो श्रेणियां बनाई गई हैं। पहली श्रेणी में राजकीय इंटर कॉलेज से लेकर मेडिकल व इंजीनयिरंग कॉलेजों को रखा गया है। दूसरी श्रेणी में एडेड स्कूलों को रखा गया है। वित्त विहीन स्कूलों व कॉलेजों में परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जाएगा।
गोपनीय कोड रहेंगे: अपर मुख्य सचिव कार्मिक डा. देवेश चतुर्वेदी ने गुरुवार की रात शासनादेश जारी करते हुए सभी आयोगों व बोर्ड को भेज इसे दिया है। एक पाली में अधिकतम पांच लाख परीक्षार्थियों को ही रखा जाएगा। पीसीएस परीक्षा को एक ही पाली में कराने की छूट होगी। प्रश्नपत्र के हर पन्ने पर गोपनीय सुरक्षा चिह्न जैसे यूनीक बार कोड, क्यूआर कोड, यूनीक सीरियल नंबर डालने होगा। जिससे जरूरत पर उसकी सीरीज के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सके। प्रश्नपत्र लाने व ले जाने के बक्से की टेंपर प्रूफ मल्टीलेयर पैकेजिंग होगी। प्रश्नपत्र सेटिंग के लिए पर्याप्त समय दिया जाएगा। परीक्षा नियंत्रक द्वारा प्रश्नपत्र छापने वाली एजेंसी का नियमित निरीक्षण किया जाएगा।
तीन सेटों में ओएमआर शीट, मूल प्रति आयोग के पास होगी
ओएमआर शीट तीन सेटों में होगी। मूल प्रति आयोग व बोर्ड के पास होगी। दूसरी सीलबंद कोषागार व तीसरी अभ्यर्थियों को दी जाएगी। परीक्षा के दौरान आयोग व बोर्ड किसी भी तरह की अफवाह का खंडन करेगा। परीक्षा के दौरान एसटीएफ व पुलिस के संपर्क में रहेंगे। परीक्षा के दौरान कंट्रोल रूम से कड़ी निगरानी की जाएगी।
चार एजेंसियों को मिली अलग-अलग जिम्मेदारी
■ एजेंसी-ए का काम प्रश्नपत्र तैयार करना, छपवाना और सभी जिलों के कोषागार में पहुंचाना होगा।
■ एजेंसी-बी का काम परीक्षा कराना, इसमें प्रश्नपत्रों को कोषागार से परीक्षा केंद्र तक पहुंचाना, परीक्षा केंद्र की सभी व्यवस्था व परीक्षा के बाद ओएमआर शीट को आयोग व बोर्ड तक पहुंचाना होगा।
■ एजेंसी सी का काम परीक्षा केंद्र पर सुरक्षा व्यवस्था, इसमें सिक्योरिटी, फ्रिस्किग, बायोमैट्रिक कैप्चर, सीसीटीवी, कंट्रोल रूम की व्यवस्था करना होगा।
■ एजेंसी-डी का काम ओएमआर शीट की स्कैनिंग आयोग व बोर्ड परिसर में ही कराकर परीक्षा का स्कोर चयन संस्था को उपलब्ध कराना होगा।
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