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Saturday, June 8, 2024

RTE आवेदन में एक साल बाद कॉपी दिखाएगा यूपी लोकसेवा आयोग, कार्य प्रणाली पर लगातार उठ रहे सवाल

RTE आवेदन में एक साल बाद कॉपी दिखाएगा यूपी लोकसेवा आयोग, कार्य प्रणाली पर लगातार उठ रहे सवाल 


प्रयागराज। लोक सेवा आयोग की कार्य प्रणाली पर भी सवाल उठने लगे हैं। पीसीएस-2023 मुख्य परीक्षा में शामिल एक अभ्यर्थी ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत कॉपी दिखाने की मांग की है। अभ्यर्थी की ओर से इसी वर्ष दो मई को इसके लिए आवेदन किया गया था। हालांकि, आयोग को 15 मई को यह आवेदन मिला है। अब आयोग की ओर से पिछले दिनों पत्र जारी कर 14 मई 2025 को कॉपी दिखाने की बात कही गई है। 


अभ्यर्थी को इस तारीख को दिन में तीन बजे आयोग में उपस्थित रहने के लिए कहा गया है। खास यह कि पीसीएस-2023 का अंतिम परिणाम भी जनवरी में घोषित किया जा चुका है। ऐसे में सालभर बाद कॉपी दिखाए जाने को लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो गए हैं।



पीसीएस-2015 मेंस की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन पर भी उठ चुके हैं सवाल

प्रयागराज। पीसीएस-जे से पहले भी उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की भर्ती परीक्षाओं व मूल्यांकन में अनियमितता को लेकर सवाल उठ चुके हैं। पीसीएस-2015 मुख्य परीक्षा (मेंस) व अपर निजी सचिव (एपीएस) 2011 मुख्य परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं में गड़बड़ी को लेकर सीबीआई भी एफआईआर दर्ज करा चुकी है। आयोग की भर्ती परीक्षाएं 2011 से सवालों के घेरे में हैं। एपीएस के साथ पीसीएस- 2011, 2013 व 2015 की मुख्य परीक्षाओं में गड़बड़ी की शिकायतें हुई थीं।


 इसमें कई अभ्यर्थियों को अधिक अंक देने की जानकारी दी गई थी। वहीं, कुछ को कम अंक दिए जाने की भी शिकायत हुई थी। इसके आधार पर अभ्यर्थियों ने दोबारा परीक्षा कराने की भी मांग की थी। अभ्यर्थियों की यह मांग हीं मानी गई, लेकिन लगातार आंदोलनों के बाद सीबीआई की जांच बैठा दी गई पूरे मामले की प्रारंभक जांच के आधार पर सीबीआई की ओर से एपीएस- 2011 व पीसीएस-2015 मुख्य परीक्षा के मूल्यांकन में गड़बड़ी की बात करते हुए एफआईआर लिखाई गई। सीबीआई 2011 से 2015 के बीच करीब 600 भर्तियों की जांच कर रही है। 




एक उत्तर पुस्तिका की हैंडराइटिंग मैच न करने पर पीसीएस-जे मुख्य परीक्षा की 18042 कॉपियों की शुरू हुई जांच

 उप्र लोक सेवा आयोग ने पीसीएस-जे 2022 की मुख्य परीक्षा में शामिल सभी 3019 अभ्यर्थियों की 18042 उत्तर पुस्तिकाओं का सत्यापन शुरू करा दिया है। एक अभ्यर्थी की अंग्रेजी विषय की उत्तर पुस्तिका में उसकी हैंडराइटिंग मैच नहीं करने संबंधी हाईकोर्ट में दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान आयोग ने हलफनामा देकर यह जानकारी दी है। आयोग ने कहा है कि याची की शिकायत के बाद कॉपियों की जांच शुरू कर दी गई है, ताकि हैंडराइटिंग बदले जाने के आरोपों की असलियत सामने आ सके।

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