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Saturday, June 22, 2024

NTA के डीजी बर्खास्त, नीट में गड़बड़ियों की जांच CBI को, विश्वसनीयता बहाली के लिए उच्चस्तरीय समिति गठित

NTA के डीजी बर्खास्त, नीट में गड़बड़ियों की जांच CBI को, विश्वसनीयता बहाली के लिए उच्चस्तरीय समिति गठित 


बड़ी कार्रवाई

महानिदेशक सुबोध  कुमार सिंह पर गाज

CBI को समग्र जांच की जिम्मेदारी सौंपी

NTA पुनर्गठन के लिए समिति

प्रदीपसिंह खरोला को अतिरिक्त जिम्मेदारी


नई दिल्ली। नीट यूजी और यूजीसी नेट में गड़बड़ियों पर विवाद के बीच केंद्र सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए शनिवार को राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) के महानिदेशक (डीजी) सुबोध कुमार सिंह को वर्खास्त कर दिया। साथ ही, देर रात नीट में गड़बड़ियों की जांच सीबीआई को सौंप दी। बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई से पेपर लीक जांच की रिपोर्ट मिलने के बाद केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने यह फैसले किए। मंत्रालय ने आदेश में कहा, मामले की गहन समीक्षा के बाद सीबीआई को समग्र जांच सौंपी गई है। सरकार छात्रों के हितों की रक्षा व परीक्षा की शुचिता के लिए प्रतिबद्ध है।


भारतीय व्यापार संवर्धन संगठन के अध्यक्ष प्रदीपसिंह खरोला को एनटीए के डीजी का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। खरोला कर्नाटक कैडर के 1985 बैच के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी हैं। सुबोध को प्रतीक्षारत रखा गया है। शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने उन पर कार्रवाई के संकेत तीन दिन पहले दे दिए थे। प्रधान ने कहा था, गड़बड़ी मिलने पर किसी को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह बड़े अधिकारी ही क्यों न हों। शनिवार को भी दिन में प्रधान ने कहा, परीक्षाओं में गड़बड़ी के मामले में एनटीए के शीर्ष अधिकारी सवालों के घेरे में हैं।


विश्वसनीयता बहाली के लिए उच्चस्तरीय समिति

केंद्र सरकार ने प्रवेश परीक्षाओं की प्रक्रिया को विश्वसनीय और पारदर्शी बनाने के लिए इसरो के पूर्व प्रमुख डॉ. के राधाकृष्णन की अगुवाई में सात सदस्यीय समिति गठित की है। यह समिति राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) की संरचना और उसके कामकाज में सुधार के साथ डाटा सुरक्षा प्रोटोकॉल पर भी सिफारिशें देगी। समिति दो महीने में शिक्षा मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपेगी। समिति परीक्षा प्रक्रिया के तंत्र में सुधार, सुचारु व निष्पक्ष संचालन करने के लिए अहम पहलुओं पर गौर करेगी। संपूर्ण परीक्षा प्रक्रिया का विश्लेषण करते हुए सुधार करने व गड़बड़ी रोकने के सुझाव देगी। वहीं, एनटीए की मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) प्रोटोकॉल की समीक्षा कर हर स्तर पर अनुपालन के लिए निगरानी तंत्र के साथ इसे मजबूत करने के उपाय भी सुझाए जाएंगे।

समिति को डाटा सुरक्षा प्रोटोकॉल में सुधार के लिए सबसे पहले उसे मौजूदा डाटा सुरक्षा प्रक्रियाओं का मूल्यांकन कर सुधार के उपाय बताने होंगे। साथ ही, परीक्षाओं के पेपर सेटिंग तथा अन्य प्रक्रियाओं के सुरक्षा प्रोटोकॉल की जांच कर प्रणाली मजबूती करने की सिफारिशें देनी होंगी।


पूर्व इसरो प्रमुख को बनाया अध्यक्ष 
अध्यक्ष डॉ के राधाकृष्णन के साथ समिति में एम्स दिल्ली के पूर्व निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया, हैद्राबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के कुलपत्ति प्री. बीजे राव, आईआईटी मद्रास के प्रो. एमेरिटस राममूर्ति सदस्य होंगे। कर्मयोगी भारत के बोर्ड सदस्य पंकज बंसल, आईआईटी दिल्ली के डीन प्रो. आदित्य मित्तल और शिक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव गोविंद जायसवाल भी समिति में हैं।


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