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Friday, June 21, 2024

एक ही GNM कोर्स में प्रवेश के लिए चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग में अलग-अलग नियम और प्रक्रिया को लेकर उठ रहे सवाल

एक ही GNM कोर्स में प्रवेश के लिए चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग में अलग-अलग नियम और प्रक्रिया को लेकर उठ रहे सवाल

प्रदेश में चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की ओर से हर साल नौ राजकीय प्रशिक्षण केंद्रों में जीएनएम कोर्स के लिए 453 छात्रों का दाखिला लिया जाता है। इस वर्ष भी यह दाखिला इंटरमीडिएट की मेरिट के आधार पर लिया जा रहा है, जबकि चिकित्सा शिक्षा विभाग के तहत निजी पैरामेडिकल कॉलेजों में इसी कोर्स में दाखिले के लिए प्रदेश स्तरीय प्रवेश परीक्षा कराई जा रही है। एसोसिएशन के अध्यक्ष आरके वाजपेयी एवं महासचिव धर्मेंद्र गुप्ता ने इस पर आपत्ति जताई है। उन्होंने विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र भेज कर कहा कि एक ही कोर्स के लिए दो नियम नहीं चलाए जाएं। निजी कॉलेजों ने पूर्व वर्षों की तरह ही जीएनएम में दाखिले की प्रक्रिया पूरी कर ली है। ऐसे में प्रशिक्षणार्थियों में भ्रम की स्थिति हो रही है। उन्होंने यह भी बताया कि भारतीय उपचर्या परिषद के एक्ट के अनुसार संस्थान को ही प्रवेश प्रक्रिया कराने के लिए अधिकृत किया गया है। राज्य सरकार को किसी भी प्रकार से जीएनएम प्रवेश संबंध में एक्ट में कोई प्रावधान नहीं है। इसके लिए पहले राज्य सरका को एक्ट बनाने की जरूरत है।


निजी कॉलेजों में प्रवेश परीक्षा के जरिये GNM कोर्स में दाखिले की तैयारी शुरू, स्वास्थ्य विभाग में मेरिट से ही दाखिला

अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय को मिली परीक्षा की जिम्मेदारी

निजी कॉलेज संचालकों ने मेरिट के आधार पर दाखिले के लिए डीजीएमई को लिखा पत्र


लखनऊ। प्रदेश के निजी कॉलेजों में चल रहे जनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी (जीएनएम) कोर्स में दाखिला प्रदेश परीक्षा के जरिये होगा। इसकी तैयारी शुरू हो गई है। परीक्षा की जिम्मेदारी अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय को सौंपी गई है। दूसरी तरफ निजी कॉलेज संचालकों ने चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण महानिदेशक को पत्र देकर मेरिट के आधार पर ही दाखिला दिलाने की गुहार लगाई है।


प्रदेश सरकार की ओर से चिकित्सा शिक्षा के साथ ही नर्सिंग एवं पैरामेडिकल शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए विभिन्न कोर्स में दाखिले के लिए प्रवेश प्रक्रिया कराई जा रही है। इसीके तहत अब तीन वर्षीय जीएनएम डिप्लोमा कोर्स में भी दाखिले के लिए ऑनलाइन केंद्रीयकृत प्रवेश प्रक्रिया अपनाई जाएगी। केंद्रीयकृत प्रणाली के जरिये प्रदेश के 386 कॉलेजों में 17845 छात्रों को दाखिला दिया जाएगा।

उत्तर प्रदेश प्राइवेट नर्सिंग एवं पैरामेडिकल कॉलेज एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बुधवार को चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण महानिदेशक से मुलाकात की। उन्हें ज्ञापन सौंपा। मांग की कि निजी कॉलेजों में पहले की तरह हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की मेरिट के आधार पर दाखिले की प्रक्रिया अपनाई जाए। ज्ञापन देने वालों में एसोसिएशन के अध्यक्ष आरके वाजपेयी एवं महासचिव धर्मेंद्र गुप्ता आदि शामिल थे।



स्वास्थ्य विभाग में मेरिट से ही दाखिला

स्वास्थ्य विभाग की ओर से तीन वर्षीय जीएनएम कोर्स के लिए नौ राजकीय प्रशिक्षण केंद्र संचालित हैं। इन केंद्रों में इंटरमीडिएट विज्ञान वर्ग के नंबरों के आधार पर मेरिट बनाई जाती है। फिर इसी मेरिट से दाखिला लिया जाता है। स्वास्थ्य विभाग में डीएनएम की 453 सीटें हैं। स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक (प्रशिक्षण) डॉ. नरेंद्र अग्रवाल ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग के अलग-अलग शासनादेश हैं। स्वास्थ्य विभाग शासनादेश के तहत पूरे प्रदेश के छात्रों से आवेदन लेता है। फिर मेरिट के आधार पर नौ राजकीय प्रशिक्षण केंद्रों में दाखिला देता है। अभी इस साल भी यही प्रक्रिया अपनाई जा रही है।


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