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Saturday, July 29, 2023

इस बार भी यूपीटीईटी के आसार कम

इस बार भी यूपीटीईटी के आसार कम

 
प्रयागराज : प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापक भर्ती के लिए अनिवार्य उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी-टीईटी) इस साल भी होने के आसार नहीं है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी-टीईटी कराने की जिम्मेदारी परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय से लेकर प्रस्तावित उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग को सौंपी है। टीईटी कराने में न्यूनतम चार से पांच महीने का समय लगता है।

जबकि नया आयोग अब तक अस्तित्व में नहीं आ सका है। पहले आयोग की अधिसूचना जारी होगी, उसके बाद अध्यक्ष और सदस्यों के लिए आवेदन लेकर उनकी नियुक्ति की जाएगी। इसमें कम से दो से तीन महीने का समय लग जाएगा। ऐसे में यदि आज की तारीख में भी नये आयोग की अधिसूचना जारी हो जाती है तो इस वर्ष यूपीटीईटी कराना नामुमकिन होगा। पिछले साल भी परीक्षा नहीं हो सकी थी। उससे पहले नवंबर 2021 के अंत में पेपर लीक होने के कारण 21 जनवरी 2022 को परीक्षा करानी पड़ी थी।



उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग : नए आयोग का पता नहीं, यूपी टीईटी के आसार कम



प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापक भर्ती के लिए अनिवार्य उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी-टीईटी) इस साल भी होने के आसार नहीं है।


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यूपी-टीईटी कराने की जिम्मेदारी परीक्षा नियामक प्राधिक कार्यालय से लेकर प्रस्तावित उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग को सौंपी है। टीईटी कराने में न्यूनतम चार से पांच महीने का समय लगता है।



आयोग बने तो पूरा हो यूपी हो यूपी टेट का सपना
नए आयोग के गठन की 2019 से चल रही तैयारी, अभी तक नहीं मिली मंजूरी


प्रयागराज । बेसिक शिक्षा परिषद से संचालित प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक बनने के लिए डीएलएड और बीएड के साथ शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को पास करना भी अनिवार्य है, लेकिन 2021 के बाद से यूपी टीईटी नहीं होने से लाखों छात्र परेशान हैं।


यूपी टीईटी अभी तक यूपी सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय की तरफ से कराई जाती थी। कोरोना काल के बाद प्रतियोगी छात्र उम्मीद लगाए बैठे थे कि स्थितियां पटरी पर आ जाएंगी। इसी बीच शासन की तरफ से निर्णय लिया गया कि शिक्षक भर्तियों के साथ ही यूपी टीईटी कराने की जिम्मेदारी भी नए शिक्षा चयन आयोग पर रहेगी।


नए आयोग के गठन की तैयारी 2019 से चल रही है, लेकिन आज तक इसके गठन को मंजूरी नहीं मिल सकी। ऐसे में शिक्षक भर्ती के साथ ही यूपी टेट भी नए आयोग के चक्कर में अटक गई। प्रतियोगी छात्र मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष विक्की खान का कहना है कि प्रयागराज में हजारों की संख्या में टेट की तैयारी में जुटे छात्र किराए के कमरे का खर्च नहीं उठा पाने के कारण घर लौट चुके हैं।


छात्र अनिल कुमार उपाध्याय का कहना है कि प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों की भर्ती के लिए जरूरी टीईटी की तैयारी लगातार चल रही हैं, लेकिन अभी तक परीक्षा नहीं हो सकी। वहीं, छात्र मोर्चा के वरुण शर्मा ने कहा, एक तरफ बिहार सरकार ने पिछले दिनों डेढ़ लाख शिक्षक भर्ती का विज्ञापन जारी कर दिया, लेकिन यूपी में शिक्षक पात्रता परीक्षा तक नहीं हो पा रही है।






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