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Sunday, August 8, 2021

आरओ/एआरओ 2014 में भी एफआईआर दर्ज कराने की तैयारी

आरओ/एआरओ 2014 में भी एफआईआर दर्ज कराने की तैयारी

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की एक और भर्ती में सीबीआई एफआईआर दर्ज कराने की तैयारी में है। समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (आरओ-एआरओ) 2014 में ओएमआर शीट बदलने, अनाधिकृत व फर्जी प्रमाणपत्र मान्य करने और टाइप टेस्ट में अयोग्य को पास करने की जांच कर रही सीबीआई को सबूत मिल गए हैं।


सीबीआई ने इसकी प्रारंभिक जांच दो साल पहले ही शुरू कर दी थी। इस भर्ती का परिणाम आयोग ने 28 नवंबर 2016 को घोषित किया था। इसमें 426 पदों पर चयन हुआ था। सर्वाधिक 251 अभ्यर्थी उत्तर प्रदेश सचिवालय में समीक्षा अधिकारी के लिए चुने गए थे। पूर्व परीक्षा नियंत्रक प्रभुनाथ के कार्यकाल में हुई इस भर्ती में भी प्रतियोगी छात्रों ने अनियमितता के आरोप लगाए थे।

चहेते अभ्यर्थियों की ओएमआर शीट बदलने से लेकर ओ लेवल की जगह कम्प्यूटर के दूसरे प्रमाणपत्र स्वीकार करने के आरोप हैं। कुछ अभ्यर्थियों के ऐसे फर्जी कम्प्यूटर प्रमाणपत्र मान्य किए गए जिन संस्थाओं का कोई अस्तित्व ही नहीं था। यही नहीं टाइप टेस्ट में अयोग्य को मेधावी छात्रों के स्थान पर चुन लिया गया। इसमें कई बड़े नाम आने के कारण सीबीआई फूंक-फूंक कर कदम रख रही है।

4 अगस्त को आईएएस अधिकारी प्रभुनाथ के खिलाफ सीबीआई मुख्यालय में एफआईआर दर्ज होने के बाद कई लोगों में खलबली है। वहीं भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले प्रतियोगी छात्रों के हौसले बुलंद हैं। जांच एजेंसी ने जुलाई 2020 में आरओ/एआरओ 2013, पीसीएस 2013, प्रान्तीय न्यायिक सेवा 2013, मेडिकल अफसर परीक्षा 2014 की प्रारंभिक जांच शुरू की थी।

16 हजार अभ्यर्थियों ने दी थी मुख्य परीक्षा

आरओ-एआरओ 2014 की मुख्य परीक्षा 29 एवं 30 अगस्त 2015 को प्रयागराज और लखनऊ में हुई थी। प्रारंभिक परीक्षा में सफल 16 हजार से अधिक अभ्यर्थी मुख्य परीक्षा में शामिल हुए थे।

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