UPPSC : फंसी आरओ / एआरओ के चयनितों की नियुक्ति, अभिलेख सत्यापन न होने के कारण आयोग में अटकी रह गईं फाइलें।
प्रयागराज : समीक्षा अधिकारी (आरओ) / सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) 2016 के चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति कोविड के कारण फंसी हुई है। विवादों में घिरी इस परीक्षा का परिणाम जारी करने में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को पांच साल का वक्त लगा। किसी तरह रिजल्ट तो जारी हो गया लेकिन कोविड के कारण अभिलेख सत्यापन की प्रक्रिया शुरू नहीं की जा सकी। नतीजा कि अभ्यर्थियों की फाइलें आयोग में ही अटकी रह गई।
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने आरओ/ एआरओ 2016 के तहत 361 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था। इनमें सामान्य चयन के 356 और विशेष (बैकलॉग) चयन के पांच पद थे। आरओ/एआरओ के 303 पद थे और बाकी पद राजकीय बचत में स्टेटिकल असिस्टेंट, महिला एवं बाल कल्याण में इंवेस्टिगेटर कम कंप्यूटर, बाट माप विभाग में इंवेस्टिगेटर कम कंट्रोलर, असिस्टेंट मलेरिया अफसर, जूनियर ऑडिटर जैसे विशेष योग्यता वाले थे। पांच साल के दौरान विशेष योग्यता वाले कई पदों पर भर्ती की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के पास चली गई तो कई पद विभागों में समाप्त हो गए। आयोग के सूत्रों का कहना है कि ऐसे ही विभिन्न कारणों से 58 पद भर्ती परीक्षा से बाहर कर दिए गए। भर्ती का विज्ञापन वर्ष 2016 में जारी हुआ और अंतिम चयन परिणाम 2021 में आया।
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