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Sunday, May 9, 2021

एपीएस भर्ती का विज्ञापन फंसा, अभ्यर्थियों ने दिया ज्ञापन, आठ साल पुरानी भर्ती भी अब तक पूरी नहीं करा सका यूपीपीएससी

एपीएस भर्ती का विज्ञापन फंसा, अभ्यर्थियों ने दिया ज्ञापन, आठ साल पुरानी भर्ती भी अब तक पूरी नहीं करा सका यूपीपीएससी


अपर निजी सचिव (एपीएस) के ढाई सौ पदों का अधियाचन मिलने के बावजूद उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) भर्ती का विज्ञापन जारी नहीं कर रहा है। शुक्रवार को तमाम अभ्यर्थी आयोग पहुंचे और ज्ञापन देकर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी करने की मांग की।


अभ्यर्थियों ने कहा कि उन्हें आयोग के नए अध्यक्ष से बहुत उम्मीदें हैं। आयोग वर्ष 2013 की एपीएस भर्ती अब तक पूरी नहीं कर सका है। इस भर्ती की कंप्यूटर परीक्षा नहीं कराई गई। इस भर्ती में शामिल हुए अभ्यर्थी अब ओवरएज हो रहे हैं। आयोग ने दिसंबर 2017 के परीक्षा कैलेंडर में एपीएस भर्ती को शामिल किया था और परीक्षा के लिए 10 जून 2018 को परीक्षा कराने की तिथि निर्धारित की थी, लेकिन भर्ती का विज्ञापन भी जारी नहीं किया।

वर्ष 2020 में आयोग को एपीएस के तकरीबन ढाई सौ पदों का अधियाचन मिल गया, पर 2021 के परीक्षा कैलेंडर में एपीएस भर्ती का जगह नहीं दी गई। अभ्यर्थियों के मुताबिक आयोग की ओर से कहा जा रहा है कि पाठ्यक्रम संशोधन के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है, जब अभ्यर्थियों का दावा है कि पाठ्यक्रम संशोधन को मंजूरी मिल चुकी है,  लेकिन आयोग विज्ञापन जारी करने में लेटलतीफी कर रहा है। ज्ञापन देने वालों में दीपक कुशवाहा, उमेश पांडेय, आशीष कुशवाहा, शैलेश पांडेय, विमल पाल आदि मौजूद रहे।


एपीएस के ढाई सौ पदों पर भर्ती अटकी, आठ साल से नई भर्ती शुरू नहीं कर सका आयोग

सार
यूपीपीएससी के पास ढाई सौ पदों का अधियाचन, फिर भी नया विज्ञापन नहीं किया जारी

विस्तार
अपर निजी सचिव (एपीएस) के ढाई सौ पदों पर भर्ती अटकी हुई है, जबकि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) भर्ती के लिए इन पदों का अधियाचन महीनों पहले मिल चुका है। सिर्फ यही नहीं, आठ साल पहले शुरू हुई एपीएस-2013 की भर्ती भी आयोग अब तक पूरी नहीं कर सका है। पुरानी भर्ती फंसी है और नई भर्ती शुरू नहीं हो सकी है, जिसका सबसे अधिक नुकसान उन अभ्यर्थियों को हो रहा है जो नई भर्ती परीक्षा में शामिल होने के लिए ओवरएज हो रहे हैं।


यूपीपीएससी ने एपीएस की नई भर्ती शुरू करने के लिए शासन को पाठ्यक्रम संशोधन का प्रस्ताव भेजा था, जिसे  अभी तक मंजूरी मिलने का इंतजार है। अभ्यर्थियों का कहना है कि प्रस्ताव भेजे महीनों बीत चुके हैं, लेकिन आयोग और शासन इसे गंभीरता से नहीं ले रहा। अभ्यर्थी एपीएस-2013 की अधूरी पड़ी भर्ती को लेकर भी सवाल उठा रहे हैं, जिसके तहत 176 पदों के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। इन पदों पर भर्ती के लिए लिखित परीक्षा और शॉर्टहैंड परीक्षा आयोजित की जा चुकी है, लेकिन नियमावली से जुड़े एक विवाद के कारण कंप्यूटर परीक्षा नहीं कराई जा सकी।

एपीएस के 176 पदों पर आठ साल पुरानी भर्ती फंसी हुई है। तमाम अभ्यर्थी ओवरएज हो रहे हैं। अगर एपीएस-2013 में उनका चयन नहीं हुआ तो ओवरएज होने के कारण वे एपीएस की नई भर्ती से भी वंचित रह जाएंगे, जबकि आयोग के पास ढाई सौ पदों का अधियाचन महीनों से पड़ा रहा है। अभ्यर्थियों का कहना है कि आयोग ने वर्ष 2017 और 2018 के कैलेंडर में भी एपीएस भर्ती को शामिल किया था, लेकिन परीक्षा नहीं कराई। ऐसे में ओवरएज होने के कारण भर्ती से वंचित होने वाले वाले अभ्यर्थियों की संख्या भी हर साल बढ़ती जा रही है।

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