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Wednesday, May 26, 2021

TGT-PGT : शिक्षक भर्ती के टॉपर खा रहे हैं धक्का, जारी कर दी प्रतीक्षा सूची, अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों में भर्ती का मामला

TGT-PGT : शिक्षक भर्ती के टॉपर खा रहे हैं धक्का, जारी कर दी प्रतीक्षा सूची, अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों में भर्ती का मामला

माध्यमिक शिक्षा

टीजीटी-पीजीटी 2016 के 100 से अधिक शिक्षक महीनों से भटक रहे

अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों में भर्ती का मामला

प्रयागराज : प्रदेश भर के साढ़े चार हजार से अधिक सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में प्रशिक्षित स्नातक (टीजीटी) और प्रवक्ता (पीजीटी) भर्ती 2016 के टॉपर धक्का खा रहे हैं और उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने रिक्त पदों को भरने के लिए प्रतीक्षा सूची जारी कर दी ।


समायोजन के लिए शिक्षक स्कूल प्रबंधक, डीआईओएस कार्यालय, शिक्षा निदेशालय से लेकर चयन बोर्ड तक महीनों से धक्का खा रहे 100 से अधिक चयनित शिक्षकों का कहना है कि जिले मे पद खाली है तो पहले मुख्य सूची में चयनित उन जैसे शिक्षकों को मौका मिलना चाहिए। लेकिन उनके विषय में संवेदनशील तरीके से विचार करने की बजाय चयन बोर्ड ने रिक्त पदों पर पदस्थापन के लिए प्रतीक्षा सूची जारी कर दी। जो उनके साथ नाइंसाफी है।

शिक्षक भर्ती की टॉपर भी खा रही ठोकर : डॉ. रानू वर्मा ने प्रवक्ता रसायन विज्ञान की भर्ती में पहली रैंक पाई थी। चयन बोर्ड ने उनकी नियुक्ति अल्पसंख्यक स्कूल में कर दी जो उसके अधिकार क्षेत्र में ही नहीं है जिसके चलते वह कार्यभार ग्रहण नहीं कर सकीं।

प्रवक्ता अर्थशास्त्र पर चयनित गौरव वर्मा को शंकर विद्यालय इंटर कॉलेज प्रतापगढ़ आवंटित हुआ लेकिन तदर्थ शिक्षक के कार्यरत होने के कारण वह ज्वाईन नहीं कर सके। राहुल कुमार का प्रशिक्षित स्नातक सिलाई पद पर रायबरेली के लिए चयन हुआ लेकिन तदर्थ शिक्षक की वजह से ज्वाईनिंग नहीं हो पाई। कानपुर की प्रगति द्विवेदी का प्रवक्ता सितार वादन पद पर मेरठ में कॉलेज मिला। चयन बोर्ड ने एक ही सीट पर दो लोग भेज दिए जिसके कारण वह अब तक भटक रही हैं ।


गलती चयन बोर्ड की, भुगत रहे चयनित मेधावी

चयन बोर्ड की गलती का खामियाजा चयनित मेधावी शिक्षक भुगत रहे हैं। चयन बोर्ड ने रिक्त पदों का सत्यापन कराए बगैर पदस्थापन कर दिया जिसके चलते 100 से अधिक शिक्षक ज्वाईन नहीं कर सके। बोर्ड ने कुछ अल्पसंख्यक स्कूलों में चयनितों को तैनात कर दिया उसके अधिकार क्षेत्र में ही नहीं है। कई स्कूलों में पद से अधिक शिक्षकों का आवंटन कर दिया, कहीं प्रमोशन से पद भर चुका था तो कहीं तदर्थ शिक्षक कार्यरत होने के कारण ज्वाईनिंग नहीं हो पाई।

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