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Thursday, May 20, 2021

UPPSC : वैकल्पिक विषय हटाकर यूपी विशेष पेपर को करें शामिल, स्केलिंग का विवाद समाप्त करने के लिए छात्रों ने यूपीपीएससी के अध्यक्ष से की मांग

UPPSC : वैकल्पिक विषय हटाकर यूपी विशेष पेपर को करें शामिल, स्केलिंग का विवाद समाप्त करने के लिए छात्रों ने यूपीपीएससी के अध्यक्ष से की मांग


✳️स्केलिंग का विवाद समाप्त करने के लिए छात्रों ने यूपीपीएससी के अध्यक्ष से की मांग
✳️ओवरएज अभ्यर्थियों को दो अतिरिक्त अवसर, सफलता के मानक का मुद्दा भी उठाया


उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के नए अध्यक्ष संजय श्रीनेत के कार्यभार संभालने के बाद स्केलिंग का मुद्दा फिर गरमाया है। प्रतियोगी छात्रों ने नवनियुक्त अध्यक्ष को ज्ञापन देकर मांग की है कि पीसीएस परीक्षा में वैकल्पिक विषय को ही समाप्त कर दिया जाए और इसकी जगह उत्तर प्रदेश विशेष से संबंधित प्रश्रपत्र को शामिल किया जाए। इसके साथ ही छात्रों ने पूर्व की भांति प्रारंभिक परीक्षा में पदों की संख्या के मुकाबले 18 गुना और मुख्य परीक्षा में तीन गुना अभ्यर्थियों को सफल घोषित किए जाने की मांग की है।

भ्रष्टाचार मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष कौशल सिंह एवं अन्य प्रतियोगी छात्रों ने अध्यक्ष को ईमेल पर ज्ञापन प्रेषित कहा है कि स्केलिंग का मुद्दा वर्ष 2007 से लेकर अब तक चला आ रहा है। स्केलिंग थी तो भी समस्या थी और स्केलिंग न होने पर भी दिक्कत है। इससे किसी न किसी का हित प्रभावित हो रहा है। इसी वजह से कई राज्यों ने पीसीएस परीक्षा में वैकल्पिक विषय को ही हटा दिया और सामान्य अध्ययन का पेपर शामिल कर लिया। यूपीपीएससी में भी ऐसा किया जा सकता है। वैकल्पिक विषय की जगह यूपी विशेष पर आधारित दो प्रश्रपत्र शामिल किए जा सकते हैं। ऐसे में स्केलिंग का विवाद हमेशा के लिए समाप्त हो जाएगा और प्रदेश के भावी अफसरों को भी परीक्षा में यह साबित करना होगा कि वे उत्तर प्रदेश के बारे में कितना जानते हैं।

प्रतियोगियों का दावा है कि पीसीएस-2019 से स्केलिंग को हटाया गया, जिससे अन्य राज्यों के अभ्यर्थियों के चयन का ग्राफ तेजी से बढ़ा है। अगर वैकल्पिक विषय नहीं होगा तो स्केलिंग भी नहीं होगी और यूपी विशेष पर आधारित पेपर होने पर प्रदेश के युवाओं के लिए चयन के अवसर भी बढ़ेंगे। छात्रों का कहना है कि पीसीएस परीक्षा का पैटर्न बदलने और कोविड के कारण सबसे ज्यादा उन अभ्यर्थियों पर प्रभाव पड़ा है जो ओवरएज हुए हैं। ऐसे अभ्यर्थियों को अगली दो पीसीएस परीक्षाओं में शामिल होने के लिए दो अतिरिक्त अवसर दिए जाएं। इसके अलावा अध्यक्ष से मुख्य परीक्षा परिणाम के तत्काल बाद अंकपत्र जारी करने, प्रारंभिक परीक्षा का अंक पत्र एवं संशोधित उत्तरकुंजी जारी करने और सभी परीक्षाओं की प्रतीक्षा सूची जारी करने की मांग भी की गई।

प्रश्रों की गुणवत्ता पर दिया जाए ध्यान
प्रतियोगियों ने आयोग के नए अध्यक्ष से मांग की है कि पेपर सेटर की एक ऐसी कमेटी बनाई जाए जो प्रश्रों की गुणवत्ता में सुधार कर सके और प्रश्र गलत न हों। अगर गलत प्रश्र पूछे जाते हैं तो प्रतियोगी छात्रों को उसका लाभ मिलना चाहिए और कमेटी पर भी जुर्माना लगाया जाना चाहिए।

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