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Monday, May 17, 2021

यूपीपीएससी के अध्यक्ष बोले : संदेह से परे होनी ही चाहिए आयोग की चयन प्रक्रिया, नवनियुक्त अध्यक्ष ने चयन प्रक्रिया में नई टेक्नोलॉजी लागू करने के दिए संकेत

यूपीपीएससी के अध्यक्ष बोले : संदेह से परे होनी ही चाहिए आयोग की चयन प्रक्रिया, नवनियुक्त अध्यक्ष ने चयन प्रक्रिया में नई टेक्नोलॉजी लागू करने के दिए संकेत

पदभार ग्रहण करने के बाद बोले यूपीपीएससी के नए अध्यक्ष संजय श्रीनेत
नवनियुक्त अध्यक्ष ने चयन प्रक्रिया में नई टेक्नोलॉजी लागू करने के दिए संकेत


उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की ओर से आयोजित परीक्षाएं मेधावी युवाओं की आकांक्षाओं का केंद्र होती हैं, ऐसे में आयोग की चयन प्रक्रिया संदेह से परे होनी ही चाहिए। यह बात आयोग के नवनियुक्त अध्यक्ष संजय श्रीनेत ने मंगलवार को पदभार ग्रहण करने के बाद कही। वर्तमान में जब आयोग स्केलिंग के मुद्दे पर चौतरफा घिरा हुआ है और आयोग की परीक्षाओं की सीबीआई जांच भी चल रही है, तब आयोग के नए अध्यक्ष का यह बयान काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। नए अध्यक्ष ने युवाओं को भरोसा दिलाया है कि आयोग उनके सुखद भविष्य को ध्यान में रखकर कार्य करेगा।


नवनियुक्त अध्यक्ष संजय श्रीनेत ने मंगलवार दोपहर एक बजे कार्यभार ग्रहण किया। भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी रहे श्रीनेत कई संवेदनशाील पदों पर नियुक्त रहे हैं। इससे पहले वह प्रवर्तन निदेशालय के उत्तर क्षेत्र के प्रभारी रहे, जहां उन्होंने आर्थिक अपराध से संबंधित अनेक गंभीर मामलों की पड़ताल की और इसी वजह से लगातार चर्चा में रहे। आयोग में ज्वाइनिंग के बाद श्रीनेत ने चयन प्रक्रिया में नई टेक्नोलॉजी लागू के संकेत दिए। उनके अनुसार लोक प्रशासक के चयन, लोक प्रशासन और मानव विकास संसाधन के क्षेत्र में नए प्रयोगों और टेक्नोलॉजी को भी आवश्यकतानुसार लागू किया जाना प्रासंगिक है। इससे आयोग की कार्यप्रणाली में तेजी, पारदर्शिता और दक्षता आएगी। 


उन्होंने प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था में लोक सेवा आयोग के अतिरिक्त चयनित अधिकारियों के प्रशिक्षण संस्थान और सरकार के कार्मिक विभाग को भी बराबर का भागीदार बताया। साथ ही कहा कि इनमें निकट का सामंजस्य स्थापित रहना चाहिए। अपने शपथ ग्रहण समारोह में श्रीनेत ने आयोग के सदस्यों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों से कहा कि प्रदेश में दक्ष, समावेशी और संवेदनशील प्रशासन उपलब्ध कराने के लिए योग्य, सत्यनिष्ठ उम्मीदवारों का प्रामणिक एवं पारदर्शी तरीके से समयबद्ध चयन लोक सेवा आयोग का संवैधानिक दायत्व है। आयोग एक संवैधानिक संस्था है। इसकी प्रमाणिकता, विश्वसनीयता बरकरार रखना आयोग के हर सदस्य, अधिकारी, कर्मचारी का दायित्व है। संवैधानिक मर्यादाओं के प्रति सत्यनिष्ठा हम सभी से अपेक्षित है। अंत में अध्यक्ष ने सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों से कहा कि कोरोना वायरस को हराने की जंग में सुरक्षित वैक्सीन लगवाएं और लोक सेवक के रूप में जरूरमंद व्यक्तियों के लिए मदद को आगे आएं।
अकादमिक शिक्षा को प्रशासन से जोड़ने पर जोर
नवनियुक्त अध्यक्ष संजय श्रीनेत इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र रह चुके हैं और यहां एएन झा हॉस्टल में रहकर उन्होंने स्नातक की पढ़ाई की थी। विश्वविद्यालय को याद करते हुए उन्होंने कहा कि अकादमिक शिक्षा को प्रशासन से जोड़ जाना चाहिए। शिक्षा वास्तविक अनुभवों और समाज की आवश्यकताओं के अनुरूप होनी चाहिए।
प्रशासनिक अफसर भी करें शोध कार्य
श्रीनेत ने इस बात पर जोर दिया कि प्रशासनिक अफसर भी शोध कार्य से जुड़े। उन्होंने पश्चिमी देशों में ‘स्कॉलर एडमिनिस्ट्रेटर’ की प्रचलित प्रथा का संदर्भ देते हुए कहा कि उच्च प्रशासनिक अधिकारियों को अध्ययन, अध्यापन और शोध कार्य भी करते रहना चाहिए। ‘अभ्युदय योजना’ इस दिशा में एक दूरदर्शी प्रयास है।



यूपीपीएससी के नए अध्यक्ष आज करेंगे ज्वाइन; कोविड के दौर में परीक्षाओं को पटरी पर लाना बड़ी चुनौती, अभ्यर्थियों को भी ढेरों उम्मीदें, मांगों की लंबी फेहरिस्त तैयार

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के नवनियुक्त अध्यक्ष संजय श्रीनेत 18 मई को कार्यभार ग्रहण कर लेंगे। हालांकि प्रदेश सरकार ने 18 अप्रैल को ही उन्हें इस पद पर नियुक्त कर दिया था, लेकिन औपचारिकताएं पूरी होने में तकरीबन एक माह का वक्त लग गया। आयोग के सचिव जगदीश के अनुसार नए अध्यक्ष मंगलवार सुबह ज्वाइन करेंगे।


अभ्यर्थियों को आयोग के नए अध्यक्ष से काफी उम्मीदें है और इसके लिए उन्होंने अपनी मांगों की लंबी फेहरिस्त भी तैयार कर रखी है। संजय श्रीनेत ने एएन झा हॉस्टल में रहकर इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई की थी। ऐसे में इलाहाबाद विश्वविद्यालय और डेलीगेसी के छात्रों को नए अध्यक्ष से काफी उम्मीदें हैं। हालांकि नए अध्यक्ष ऐसे वक्त में ज्वाइन करने जा रहे हैं, जब कोविड महामारी ने पांव पसार रखे हैं और इस दौर में भर्ती परीक्षाओं का आयोजन कराना आयोग के लिए काफी चुनौतीपूर्ण होगा।

नए अध्यक्ष के ज्वाइन करने से पहले ही आयोग आधा दर्जर बड़ी भर्ती परीक्षाओं को स्थगित कर चुका है, जिनमें पीसीएस-2021 की प्रारंभिक परीक्षा भी शामिल है। नए अध्यक्ष के सामने सबसे बड़ी चुनौती आयोग की परीक्षाओं को पटरी पर लाना होगा। 

भर्ती परीक्षाओं के आयोजन के अलावा अन्य मुद्दे भी अध्यक्ष के सामने होंगे। प्रतियोगियों ने तय किया है कि नए अध्यक्ष के समक्ष स्केलिंग का मुद्दा उठाया जाएगा। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय का कहना है कि स्केलिंग न होने के कारण प्रयागराज समेत पूर्वी यूपी में रहने वाले हिंदी पट्टी के छात्रों को काफी नुकसान हुआ है। अध्यक्ष से मांग की जाएगी कि स्केलिंग की व्यवस्था पुन: लागू हो। इसके साथ ही सभी भर्ती परीक्षाओं की वेटिंग लिस्ट जारी किए जाने, केवल उत्तर प्रदेश की महिलाओं को महिला आरक्षण का लाभ दिए जाने, हिंदी माध्यम की कॉपियों को मूल्यांकन केवल हिंदी के विशेषज्ञों और अंग्रेजी माध्यम की कॉपियों का मूल्यांकन केवल अंग्रेजी के विशेषज्ञों से कराने की मांग की जाएगी। इसके अलावा भर्ती परीक्षाओं सीबीआई जांच में सहयोग की मांग की जाएगी।


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