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Tuesday, February 1, 2022

✊ मांग : 90 दिन में पूरी हों UPSSSC की लंबित भर्तियां

✊ मांग : 90 दिन में पूरी हों UPSSSC की लंबित भर्तियां


प्रयागराज : भर्तियां अक्सर लंबित हो जाती हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने इस मिथक को तोड़ने के लिए 2019 से 2021 के बीच वर्षों से लंबित भर्तियों को तेजी से पूरा कराया है। इसके चलते लगभग 90 प्रतिशत से अधिक लंबित भर्तियां पूरी हो चुकी हैं, लेकिन दूसरे भर्ती संस्थानों में ऐसी स्थिति नहीं है। 


उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूपीएसएसएससी) की पांच साल से 20 से अधिक भर्तियां लटकी हैं, उन्हें पूरी कराने के लिए प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति ने मुख्य सचिव को पत्र लिखा है। पत्र के जरिये लंबित भर्तियों को 90 दिनों में पूरा किए जाने की मांग की है। समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय का कहना है कि हर भर्ती बोर्ड की भर्तियों की समीक्षा कराई जा रही है। लंबित भर्तियों की सूची बनाकर शासन व राजनीतिक दलों को भेजी जाएगी, जिससे प्रदेश में नई सरकार बनने पर उसके निस्तारण की दिशा में कदम उठाया जा सके। 


समिति के अध्यक्ष अवनीश पांडेय ने बताया कि मांग रखी गई है कि यूपीएसएसएससी की वर्ष 2016 से वर्तमान तक की लंबित भर्तियों को 90 दिन के अंदर पूर्ण कराया जाए। इसके अलावा विभिन्न विभागों में लंबित 30 हजार पदों पर भर्ती के लिए चरणबद्ध प्रक्रिया आरंभ की जाए। यूपीएसएसएससी द्वारा श्वेत पत्र जारी करके बताया जाए कि विगत पांच वर्ष में कुल कितनी और कौन-कौन सी भर्ती की है। यदि नहीं तो सरकार यूपीएसएसएससी के अध्यक्ष/सदस्य/अधिकारियों/कर्मचारियों के वेतन भत्ते की पूरी रिकवरी करे।



UPSSSC : पांच साल से अधर में लटकीं 20 से अधिक भर्तियां

उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूपीएसएसएससी) की 20 से अधिक भर्तियां पिछले पांच वर्षों से लंबित पड़ी हुईं हैं। प्रतियोगी छात्रों ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर मांग की है कि ये सभी भर्तियां 90 दिनों के भीतर पूरी करा ली जाएं। अभ्यर्थियों ने अपने पत्र के साथ लंबित भर्ती परीक्षाओं की फेहरिस्त भी मुख्य सचिव को प्रेषित की है। उनका कहना है कि भर्तियां पूरी होने के इंतजार में अभ्यर्थी ओवरएज हुए जा रहे हैं।


प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति की ओर से मुख्य सचिव को प्रेषित की गई सूची के अनुसार आबकारी सिपाही और कनिष्ठ सहायक भर्ती के परिणाम के लिए अभ्यर्थी वर्षों से इंतजार कर रहे हैं। दोनों ही परीक्षाओं के अंतिम परिणाम जारी नहीं किए गए हैं। वर्ष 2018 के विज्ञापन के तहत वीडीओ के पदों पर भर्ती के लिए पुनर्परीक्षा कराई जानी है, जिसका अतापता नहीं। प्रतियोगी छात्रों ने वर्ष 2016 में जारी सात अलग-अलग विज्ञापनों का उल्लेख करते हुए कहा है कि पांच साल से भर्तियां अटकी हुईं हैं।


मुख्य सचिव से यह मांग भी की गई है कि यूपीएसएसएससी श्वेत पत्र जारी कर यह स्पष्ट करे कि पिछले पांच वर्षों में कुल कितनी और कौन-कौन सी भर्तियां की गईं। अगर नहीं की गईं तो आयोग के अध्यक्ष, सदस्यों, अधिकारियों, कर्मचारियों के वेतन एवं भत्तों की रिकवरी की जाए।


इसके साथ ही उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग से जो भर्तियां उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को स्थानांतरित की गई हैं, उन सभी भर्तियों को लोक सेवा आयोग में वापस लाया जाए। घोषित परिणाम के साथ ही वेटिंग लिस्ट जारी की जाए, जिसमें कुल चयनितों के मुकाबले 25 फीसदी अभ्यर्थियों को शामिल किया जाए। आयोग की परीक्षाएं सरकारी एजेंसी के माध्यम से ही कराई जाएं।

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