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Tuesday, February 15, 2022

UPHESC 2003 Assistant Professor Recruitment : कैसे बना पेपर, 70 में 18 प्रश्न गलत निकले

UPHESC 2003 Assistant Professor Recruitment : कैसे बना पेपर, 70 में 18 प्रश्न गलत निकले।


UPHESC : गणित के प्रश्नपत्र में 27 फीसदी सवाल गलत, अभ्यर्थियों ने विशेषज्ञों की योग्यता पर ही उठाए सवाल, खबर पढ़ें सबसे नीचे


अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 2003 पदों पर भर्ती के लिए आयोजित परीक्षा के प्रश्न पत्र पर गंभीर सवाल उठे हैं। 11 फरवरी को संशोधित अंतिम उत्तरकुंजी देखकर ऐसा लग रहा है कि हाईस्कूल फेल विशेषज्ञों ने इस भर्ती का पेपर बनाया है।


उदाहरण के तौर पर गणित विषय के प्रश्नपत्र को ही लें। 47 विषयों के लिए तीन चरणों में हुई लिखित परीक्षा में कुल 100-100 प्रश्न पूछे गए थे जिसमें मुख्य विषय के 70 और सामान्य अध्ययन के 30 प्रश्न थे। गणित विषय की अंतिम उत्तरकुंजी में मुख्य विषय के 70 प्रश्नों में से 18 को डिलीट करना पड़ा, जबकि बहुविकल्पीय प्रकार के पांच प्रश्न ऐसे हैं जिनके एक से अधिक जवाब को विशेषज्ञों ने सही माना है। सामान्य अध्ययन का भी एक प्रश्न निरस्त किया गया है। अभ्यर्थियों का कहना है कि 70 में से 23 सवालों (32.85 प्रतिशत) का निरस्त होना या एक अधिक विकल्प सही होना पूरी चयन प्रक्रिया पर सवाल खड़ा करता है। अभ्यर्थियों का यह भी कहना है कि जिन छात्रों ने हटाए गए प्रश्नों को किया ही नहीं उन्हें तो इसका विशेष नुकसान नहीं पर जिन्होंने उन्हीं प्रश्नों पर अपना अमूल्य समय खोया है वे 40 से 50 के बीच लटक गए हैं।

संशोधित उत्तरकुंजी से असंतुष्ट

यही नहीं गणित विषय के अभ्यर्थी संशोधित अंतिम उत्तरकुंजी से भी संतुष्ट नहीं हैं। उनका कहना है कि कई सही सवालों को हटा दिया गया है और कई गलत सवाल अब भी सही माने गए हैं।


UPHESC : गणित के प्रश्नपत्र में 27 फीसदी सवाल गलत, अभ्यर्थियों ने विशेषज्ञों की योग्यता पर ही उठाए सवाल

आयोग ने गणित की उत्तर कुंजी से 19 प्रश्नों को गलत मानते हुए उन्हें हटा दिया है और अब प्रश्नपत्र तैयार करने वाले विशेषज्ञों की योग्यता एवं यूपीएचईएससी की कार्यप्रणाली पर ही सवाल उठ रहे हैं। 

उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग (यूपीएचईएससी) की ओर से जारी असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा की संशोधित उत्तर कुंजी को लेकर रोज नए विवाद सामने आ रहे हैं। अब गणित विषय के अभ्यर्थियों ने संशोधित उत्तर कुंजी पर सवाल उठाए हैं।

आयोग ने गणित की उत्तर कुंजी से 19 प्रश्नों को गलत मानते हुए उन्हें हटा दिया है और अब प्रश्नपत्र तैयार करने वाले विशेषज्ञों की योग्यता एवं यूपीएचईएससी की कार्यप्रणाली पर ही सवाल उठ रहे हैं। 

आयोग ने प्रदेश के अशासकीय महाविद्यालयों में 47 विषयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 2002 पदों पर भर्ती के लिए लिखित परीक्षा आयोजित की थी। परीक्षा के बाद अभ्यर्थियों ने अनंतिम उत्तर कुंजी पर आपत्तियां मांगी गईं थीं।

अनंतिम उत्तर कुंजी में थीं खामियां
हालांकि अनंतिम उत्तर कुंजी जारी किए जाने में भी व्यापक पैमाने पर गलतियां की गईं थीं और आयोग को कई विषयों की संशोधित उत्तर कुंजी जारी करनी पड़ी थी। इसके बाद आपत्तियों का निस्तारण किया गया और फिर आयोग ने अंतिम उत्तर कुंजी जारी की। पहले वाणिज्य और हिंदी विषय की अंतिम उत्तर कुंजी को लेकर विवाद हुआ और अब गणित विषय की अंतिम उत्तर कुंजी सवालों के घेरे में हैं।

आयोग ने गणित की उत्तर कुंजी से 20 प्रश्न हटाए हैं। इनमें गणित विषय के 19 सवाल और सामान्य ज्ञान का एक सवाल डिलीट गया गया है। अभ्यर्थियों का कहना है कि गणित विषय से कुल 70 सवाल और सामान्य ज्ञान के 30 सवाल पूछे गए थे।

अगर 70 में 19 सवाल (27 फीसदी) डिलीट कर दिए गए तो विषय के अभ्यर्थियों का चयन मुख्य रूप से तो सामान्य ज्ञान पर ही आधारित हो जाएगा, जबकि चयनित अभ्यर्थियों को महाविद्यालय में गणित विषय पढ़ाना होगा। अभ्यर्थी सवाल उठा रहे हैं कि आयोग ने आखिर किन विशेषज्ञों से प्रश्नपत्र तैयार कराए थे कि इतनी बड़ी संख्या में सवाल गलत हो गए और उन्हें डिलीट करना पड़ा।

एक से अधिक विकल्प हो रहे सही
अभ्यर्थियों का दावा है कि डिलीट किए गए 19 प्रश्नों के अतिरिक्त पांच प्रश्न ऐसे हैं, जिनके एक से अधिक विकल्प सही सिद्ध हो रहे हैं। अभ्यर्थी यह दावा भी कर रहे हैं कि कुछ प्रमुख आपत्तियों का निस्तारण ही नहीं किया गया। अब भी कम से कम 10 प्रश्न ऐसे हैं, जिन्हें उत्तरकुंजी से डिलीट किए जाने की जरूरत है।

अभ्यर्थियों का कहना है कि प्रश्नपत्र में इतनी गलतियां और उत्तरकुंजी में इतने अधिक बदलावों से पूरे रिजल्ट का प्रारूप बदल सकता है। अभ्यर्थियों ने आयोग को पत्र लिखकर मामले में संज्ञान लेते हुए उत्तरकुंजी को पुन: संशोधित करने की मांग की है।

वाणिज्य की उत्तर कुंजी संशोधित करने की तैयारी
वाणिज्य विषय की उत्तर कुंजी पर भी विवाद की स्थिति बनी हुई है। आयोग ने चार सेटों में प्रश्नपत्र तैयार किए थे। दो सेटों की उत्तर कुंजी में सात और अन्य दो सेटों की उत्तर कुंजी में आठ सवाल डिलीट किए गए हैं। अभ्यर्थी असमंजस में हैं कि आयोग किस आधार पर लिखित परीक्षा के अंक निर्धारित करेगा। आयोग अब अपनी गलती सुधारने की तैयारी कर रहा है। आयोग के सूत्रों का कहना है कि जल्द ही उत्तर कुंजी में संशोधन किया जाएगा।

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