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Wednesday, February 9, 2022

माध्यमिक शिक्षा : चार साल के बाद भी नहीं सुलझा अर्हता का विवाद, शासन में लंबित है शिक्षक भर्ती की अर्हता का मामला

माध्यमिक शिक्षा : चार साल के बाद भी नहीं सुलझा अर्हता का विवाद, शासन में लंबित है शिक्षक भर्ती की अर्हता का मामला

● यूपी बोर्ड ने अगस्त 2018 में भेजा था प्रस्ताव

● शासन में लंबित है शिक्षक भर्ती की अर्हता का मामला

प्रयागराज : प्रदेश के सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों में प्रशिक्षित स्नातक (टीजीटी) और प्रवक्ता (पीजीटी) शिक्षकों के चयन की अर्हता का विवाद चार साल में भी नहीं सुलझ सका है। यूपी बोर्ड ने अगस्त 2018 में शासन को नियमावली में संशोधन का प्रस्ताव भेजा था जिसे आज तक मंजूरी नहीं मिल सकी है। इस बीच उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने नई भर्ती की तैयारी शुरू कर दी है। विभिन्न जिलों से तकरीबन पांच हजार रिक्त पदों की सूचना मिल चुकी है जिस पर भर्ती चुनाव बाद शुरू होने की संभावना है।


ऐसे में 100 साल पुराने उत्तर प्रदेश इंटरमीडिएट एक्ट के आधार पर भर्ती होने पर विवाद तय है। चयन बोर्ड ने 12 अगस्त 2018 को टीजीटी-पीजीटी 2016 के आठ विषयों की भर्ती प्रक्रिया को निरस्त कर दिया था। नियमावली में हाईस्कूल स्तर पर जीव विज्ञान, काष्ठ शिल्प, पुस्तक कला, टंकण और आशुलिपि टंकण विषय समाप्त हो चुके हैं। इंटरमीडिएट में वनस्पति विज्ञान विषय निर्धारित ही नहीं है जबकि हाईस्कूल तथा इंटर स्तर पर संगीत नाम का कोई विषय नहीं है। इसके बाद अभ्यर्थियों ने मुकदमा कर दिया और हाईकोर्ट के आदेश पर चयन बोर्ड को पिछले साल जुलाई में टीजीटी बायो की परीक्षा करानी पड़ी। हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के कारण ही 2021 की भर्ती में भी टीजीटी बायो को शामिल करना पड़ा। दोनों भर्तियों में टीजीटी बायो की परीक्षा सिर्फ इसलिए करानी पड़ी क्योंकि नियमावली संशोधित नहीं थी। अब यदि नई भर्ती का विज्ञापन जारी होने से पहले नियमावली में संशोधन नहीं होता तो फिर विवाद होना तय है।

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