Searching...
Thursday, January 2, 2025

नीट-यूजी पर विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों को करेंगे लागू, केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया

नीट-यूजी पर विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों को करेंगे लागू, केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया, समिति ने दाखिल कर दी अपनी रिपोर्ट


02 जनवरी 2025
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट- यूजी) कराने में राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) की कार्यप्रणाली की समीक्षा के बाद परीक्षा सुधारों पर सात सदस्यीय विशेषज्ञ समिति की ओर से सुझाई गई सभी सिफारिशों को लागू करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल दो अगस्त को विवादों से घिरे नीट-यूजी 2024 को रद्द करने से इन्कार करते हुए कहा था कि वर्तमान में रिकॉर्ड में ऐसी कोई पर्याप्त सामग्री नहीं है जो परीक्षा की शुचिता से समझौता करने वाले प्रणालीगत लीक या कदाचार का संकेत दे।


सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बृहस्पतिवार को जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ को बताया कि केंद्र की ओर से नियुक्त समिति ने अपनी रिपोर्ट दाखिल कर दी है और सरकार सभी सिफारिशों को लागू करेगी। मामले को छह महीने बाद सूचीबद्ध किया जा सकता है। इस पर पीठ ने कहा कि मामले की सुनवाई तीन महीने के लिए स्थगित की जाती है। इस विशेष अनुमति याचिका को अप्रैल महीने में सूचीबद्ध करें। पूरी रिपोर्ट को रिकॉर्ड में नहीं रखा गया है, क्योंकि इसमें प्रश्नों की छपाई जैसे मुद्दों के बारे में भी कुछ विवरण शामिल थे।


एनटीए की कई खामियों को किया गया था उजागर

सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व प्रमुख के. राधाकृष्णन के नेतृत्व में सात सदस्यीय विशेषज्ञ समिति के दायरे का विस्तार किया था। समिति एनटीए की कार्यप्रणाली की समीक्षा करेगी और नीट-यूजी को पारदर्शी एवं कदाचार मुक्त बनाने के लिए संभावित सुधारों की सिफारिश करेगी।

विशेषज्ञ समिति के दायरे का विस्तार करते हुए शीर्ष अदालत ने झारखंड के हजारीबाग में एक परीक्षा केंद्र में सुरक्षा चूक का जिक्र किया था, जहां स्ट्रांगरूम का पिछला दरवाजा खोल दिया गया था और अनधिकृत लोगों को प्रश्नपत्रों तक पहुंचने की अनुमति दी गई थी। कोर्ट ने ई-रिक्शा से प्रश्नपत्रों को पहुंचाने और उम्मीदवारों के बीच प्रश्नपत्रों के गलत सेट के वितरण सहित एनटीए की कई खामियों को चिह्नित किया था।




11 नवंबर 2024
उच्चस्तरीय समिति ने की NTA में बड़े बदलावों की सिफारिश, NEET UG में अवसरों की संख्या हो सीमित, चार बार ही मिले मौका

8 बार तक इस समय एक छात्र नीट में शामिल होता है, 24 लाख ने 2024 में दी थी परीक्षा


संस्तुतियां मंजूर हुई तो...

• आउटसोर्सिंग पर लगेगी लगाम, केंद्रीय व नवोदय विद्यालय बनेंगे परीक्षा केंद्र

• हाइब्रिड मोड में होंगी परीक्षाएं, प्रश्न पत्र रास्ते में लीक होने की घटनाओं से मिलेगी निजात

• नीट-यूजी समेत महत्वपूर्ण परीक्षाएं कई शिफ्टों में होंगी 

• नियमित अधिकारियों और कर्मियों की तैनाती की जाएगी



नई दिल्लीः नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) में सुधार को लेकर इसरो के पूर्व प्रमुख के. राधाकृष्णन की अगुआई में गठित उच्चस्तरीय कमेटी की सिफारिशों को स्वीकार किया गया तो आने वाली परीक्षाओं में बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। सबसे अहम बदलाव मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी में होगा जहां परीक्षा के अवसर सीमित किए जाएंगे। इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश की परीक्षा जेईई-मेन की तर्ज पर इस परीक्षा के लिए भी छात्रों को अधिकतम चार मौके दिए जा सकते हैं। माना जा रहा है कि इससे नीट-यूजी से छात्रों की भीड़ कम हो जाएगी। अभी नीट-यूजी में अवसरों की सीमा पर कोई प्रतिबंध नहीं है। छात्र औसतन सात से आठ बार इनमें शामिल होते हैं। यह परीक्षा वर्ष में सिर्फ एक बार ही होती है, जबकि जेईई-मेन वर्ष में दो बार होती है। छात्रों को इस परीक्षा में बैठने के तीन वर्ष में छह मौके मिलते हैं।


एनटीए में सुधार को लेकर गठित उच्चस्तरीय समिति अपनी सिफारिशें पिछले सप्ताह ही सुप्रीम कोर्ट को दे चुकी है। हालांकि सिफारिशों को एनटीए ने सार्वजनिक नहीं किया है। सूत्रों के मुताबिक, कमेटी ने जो और अहम सिफारिशें की हैं, उनमें परीक्षाओं से आउटसोर्सिंग को पूरी तरह से खत्म करना भी शामिल है। देशभर में परीक्षाओं को कराने के लिए केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालयों को स्थायी परीक्षा केंद्र के रूप में विकसित करने की सिफारिश की है। मौजूदा समय में प्रत्येक जिले में एक नवोदय विद्यालय है, वहीं कई जिलों में नवोदय विद्यालय और केंद्रीय विद्यालय दोनों हैं। इसके अतिरिक्त दूसरे सरकारी संस्थानों को इससे जोड़ने का सुझाव दिया है।


अब तक परीक्षा कराने निजी कंपनियों की सलाह पर एनटीए किसी भी संस्थान या निजी स्कूल को परीक्षा केंद्र बना देता था। इस खेल में नकल माफिया भी शामिल रहता है। समिति ने इसके साथ ही परीक्षा कराने के लिए एनटीए में नियमित अधिकारियों और कर्मचारियों की तैनाती का भी सुझाव दिया है। क्योंकि अभी कुछ वर्ष के लिए प्रतिनियुक्ति पर आने वाले अधिकारी-कर्मचारी कुछ भी गड़बड़ी कर निकल जाते थे, बाद में उनकी जिम्मेदारी तय करना मुश्किल होता है। 


सूत्रों के मुताबिक, कमेटी ने जो एक और अहम सिफारिश की है, वह सभी परीक्षाओं को हाइब्रिड मोड में कराने को लेकर है, जिसमें परीक्षा आनलाइन और आफलाइन दोनों ही मोड में होगी। यानी परीक्षा का पेपर आनलाइन मिलेगा, जबकि सवालों के उत्तर ओएमआर सीट पर पेन से भरने होंगे। इसके पीछे कमेटी का तर्क है कि इससे प्रश्न पत्र के रास्ते या सेंटर से लीक होने की संभावना खत्म हो जाएगी। इसके साथ ही कमेटी ने ज्यादा बड़ी परीक्षाओं को जेईई-मेन की तरह कई शिफ्टों में कराने की सिफारिश की है। इनमें नीट यूजी को कई शिफ्टों में कराने का भी प्रस्ताव किया है। सूत्रों के अनुसार कमेटी आने वाले दिनों में तकनीकी पहलुओं को लेकर अपनी एक और रिपोर्ट देगी। हालांकि इसे कब से अमल में लाना है, इसका फैसला सरकार को करना है।



नीट-यूजी विवाद के वाद गठित हुई थी यह समिति

एनटीए में सुधार को लेकर इस समिति का गठन 22 जून, 2024 को नीट-यूजी में गड़बड़ी की शिकायतों के बाद सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर किया गया था। इसरो के पूर्व प्रमुख के. राधाकृष्णन की अगुआई में सात सदस्यीय समिति बनाई। इसमें एम्स दिल्ली के पूर्व निदेशक रणदीप गुलेरिया, शिक्षाविद बीजे राव, के. राममूर्ति, पंकज बंसल, आदित्य मित्तल के साथ शिक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव गोविंद जायसवाल बतौर सदस्य शामिल हैं।

0 comments:

Post a Comment