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Wednesday, August 2, 2023

सिर्फ एडेड व परिषदीय स्कूलों में शिक्षक भर्ती नए आयोग से, राजकीय विद्यालयों और महाविद्यालयों में पूर्व की भांति UPPSC ही पूरी करेगा भर्तियां

नए आयोग से आस, पहले करना होगा महीनों इंतजार

● पहले विधायिका से जारी होगी नए आयोग की अधिसूचना

● उसके बाद अध्यक्ष, सदस्यों और अफसरों की नियुक्ति

● चयन बोर्ड की बिल्डिंग भी हैंडओवर करनी होगी


प्रयागराज : उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग को कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद बेरोजगारों में नौकरी मिलने की उम्मीद जगी है। यह अलग बात है कि नई भर्ती शुरू होने या पहले से विज्ञापित भर्ती की परीक्षा होने में अभी काफी समय लगेगा। आयोग का ड्राफ्ट तैयार करने वाले जानकारों की मानें तो नए आयोग को अस्तित्व में आने में कम से तीन महीने का समय लगेगा। साफ है कि आयोग की ओर से नई भर्ती लोकसभा चुनाव 2024 के आसपास ही संभव लग रही है।


दरअसल पहले आयोग का मसौदा विधानसभा से पास होने के बाद राज्यपाल के हस्ताक्षर से उसकी अधिसूचना जारी होगी। उसके बाद एक अध्यक्ष और 12 सदस्यों के चयन की प्रक्रिया में कम से कम एक से डेढ़ महीने का समय लगेगा। उसके बाद प्रयागराज मेंनए आयोग का कार्यालय बनाया जाएगा।


माना जा रहा है कि आयोग का कार्यालय उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड एलनगंज को ही बनाया जाएगा, चूंकि उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग का कार्यालय किराए के भवन में संचालित है इसलिए चयन बोर्ड की बिल्डिंग ही सबसे मुफीद स्थान है।


चयन बोर्ड की बिल्डिंग हैंडओवर करने के लिए भी शासनादेश जारी होगा क्योंकि चयन बोर्ड माध्यमिक शिक्षा विभाग की संपत्ति है और नए आयोग का काम उच्च शिक्षा विभाग देख रहा है। नए आयोग में सचिव, उप सचिव, परीक्षा नियंत्रक समेत अन्य अधिकारियों-कर्मचारियों की भी नियुक्ति करनी होगी। ऐसे में इस साल के अंत तक ही नए आयोग की गतिविधियां शुरू होने की संभावना जताई जा रही है।


वर्ष 2019 में भी कैबिनेट से मिल चुकी मंजूरी

उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग को 2019 में भी एक बार कैबिनेट बैठक में मंजूरी मिल चुकी है, हालांकि आयोग अब तक कामकाज शुरू नहीं कर सका है। वैसे नए आयोग की चर्चा तो 2017 में भाजपा सरकार बनने के बाद से ही शुरू हो गई थी। उस समय उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग और चयन बोर्ड के अध्यक्षों और सदस्यों से इस्तीफा ले लिया गया था, लेकिन बाद में 2018 में दोनों आयोगों में अध्यक्षों और सदस्यों की नियुक्ति करते हुए कामकाज किया गया।



सिर्फ एडेड व परिषदीय स्कूलों में शिक्षक भर्ती नए आयोग से, राजकीय विद्यालयों और महाविद्यालयों में पूर्व की भांति UPPSC  ही पूरी करेगा भर्तियां 

उच्च शिक्षा मंत्री बोले, सात अगस्त से शुरू होने जा रहे सदन में पारित होगा विधेयक



प्रयागराज : नया शिक्षा सेवा चयन आयोग सिर्फ एडेड शिक्षण संस्थानों और परिषदीय स्कूलों में ही शिक्षकों की भर्ती करेगा। राजकीय विद्यालयों और महाविद्यालयों में पूर्व की भांति उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के माध्यम से ही भर्तियां होंगी। बुधवार को प्रयागराज आए प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने सर्किट हाउस में यह बात कही।


मंत्री ने स्पष्ट किया कि नए शिक्षा सेवा चयन आयोग का मुख्यालय प्रयागराज में ही होगा। इसके लिए जगह देखी जा रही है। उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग और उप्र माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के परिसर को भी विकल्प के रूप में देखा जा रहा है। जरूरत पड़ी तो नई जगह तलाश कर अलग से मुख्यालय बनाया जाएगा।


मंत्री ने बताया कि नए शिक्षा आयोग के पास सभी एडेड शिक्षण संस्थानों में शिक्षक भर्ती की जिम्मेदारी होगी। अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक एवं प्रवक्ता भर्ती और अशासकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर भर्ती नया आयोग करेगा। साथ ही चयन बोर्ड और उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग जो भी भर्तियां करता रहा है, वे सभी भर्तियां नए आयोग को सौंप दी जाएंगी।


वहीं, परिषदीय विद्यालयों में भी नया आयोग ही शिक्षक भर्ती करेगा, जबकि राजकीय विद्यालयों में एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती, प्रवक्ता भर्ती, असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती पूर्व की भांति उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ही करेगा। मंत्री ने बताया कि सात अगस्त से सदन शुरू होने जा रहा है, जिसमें नए शिक्षा सेवा चयन आयोग से संबंधित विधेयक रखा जाएगा और विधेयक को पारित किए जाने के बाद राज्यपाल से मंजूरी लेकर नए आयोग के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

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