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Saturday, August 12, 2023

फिर फंसा डाटा का पेच घनचक्कर बने अभ्यर्थी, कृषि प्राविधिक सहायक के 3436 पदों पर शुरू नहीं हो पा रही भर्ती

फिर फंसा डाटा का पेच घनचक्कर बने अभ्यर्थी, कृषि प्राविधिक सहायक के 3436 पदों पर शुरू नहीं हो पा रही भर्ती

यूपीपीएससी के संशोधित डाटा को यूपीएसएसएससी ने बताया अधूरा

प्रयागराज : कृषि प्राविधिक सहायक के 3436 पदों भर्ती प्रक्रिया फिर अटक गई है। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने कृषि प्राविधिक सहायक भर्ती-2013 के 1906 अभ्यर्थियों का जो संशोधित डाटा भेजा था, उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूपीएसएसएससी) ने उसे अधूरा बताया है। दोनों आयोगों के बीच डाटा के लेनदेन में अभ्यर्थी घनचक्कर बन गए हैं।


सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में कृषि प्राविधिक सहायक भर्ती-2013 में शामिल हुए 906 अभ्यर्थियों को नई भर्ती में शामिल किया जाना है। ये अभ्यर्थी ओवरएज हो चुके हैं। नई भर्ती में इनसे अलग से आवेदन लिए जाएंगे, जिसके लिए एनआईसी के माध्यम से अलग सॉफ्टवेयर तैयार कराया गया है। यह भर्ती पहली बार यूपीएसएसएससी कराने जा रहा है। इससे पहले इस भर्ती गया है। की जिम्मेदारी यूपीपीएससी के पास थी। वर्ष 2023 की भर्ती यूपीपीएससी ने ही कराई थी, सो यूपीएसएसएससी को इन अभ्यर्थियों से संबंधित पुराना डाटा चाहिए, जो यूपीपीएससी के पास है। यूपीपीएससी ने पहली बार डाटा भेजा तो कहा गया कि डाटा निर्धारित प्रारूप में नहीं है। यूपीपीएससी ने संशोधित डाटा भेज दिया, तब भी भर्ती का विज्ञापन जारी नहीं किया गया।

जब अभ्यर्थी विज्ञापन के लिए धरना देने पहुंचे तो उनसे कहा गया कि दूस बार मिला डाटा अधूरा है।

यूपीएसएसएससी की ओर से को बताया गया कि कृषि प्राविधिक सहायक के 3436 पदों पर नई भर्ती के लिए आवेदन की प्रक्रिया तब तक शुरू नहीं की जा सकती, जब तक पुराने 906 के डाटा को लेकर स्थिति लोक सेवा आयोग स्पष्ट नहीं हो जाती। यूपीपीएससी के मीडिया प्रभारी विनोद गौर ने स्पष्ट किया है कि यूपीएसएसएससी ने जो डाटा मांगा था, वह उपलब्ध करा दिया गया है।

अभ्यर्थियों का कहना है कि दस वर्षों से कृषि प्राविधिक सहायक के पद पर कोई भर्ती नहीं हुई है। डाटा के नाम पर पूरी भर्ती को रोककर रखा गया है। ऐसे में कई अन्य अभ्यर्थी भी विज्ञापन के इंतजार में ओवरएज हो रहे हैं। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय का कहना है कि आयोग सिर्फ एक-दूसरे पर अपनी जिम्मेदारी टाल रहे हैं।

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