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Saturday, August 26, 2023

एमबीबीएस सीटों के लिए अब उगाही नहीं, चहेतों को सीट अलॉट करने वाले निजी मेडिकल कॉलेजों पर शिकंजा

एमबीबीएस सीटों के लिए अब उगाही नहीं, चहेतों को सीट अलॉट करने वाले निजी मेडिकल कॉलेजों पर शिकंजा

स्ट्रे राउंड के लिए भी छात्रों को करना होगा ऑनलाइन पंजीयन

लखनऊ : निजी मेडिकल कॉलेज एमबीबीएस सीटों के लिए अब धन उगाही नहीं कर पाएंगे। इसे रोकने के लिए स्ट्रे वैकेंसी राउंड की सीटों के लिए ऑनलाइन आवेदन की व्यवस्था कर दी गई है। यदि अधिक मेरिट वाला छात्र दाखिला नहीं लेता है तो उसकी वजह जानने के बाद ही दूसरे को दाखिला दिया जाएगा।


प्रदेश के सरकारी, निजी व अल्पसंख्यक संस्थाओं में एमबीबीएस, बीडीएस में दाखिले के लिए ऑनलाइन काउंसिलिंग होती है। पहले व दूसरे राउंड की काउंसिलिंग के बाद मॉपअप राउंड होता है। इसके बाद बची सीटें स्ट्रे वैकेंसी राउंड से भरी जाती हैं। इनको भरने में निजी संस्थाएं धन उगाही करती हैं। इस पर रोक के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग के विशेष सचिव रामयज्ञ मिश्र ने चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण महानिदेशक को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिया है। इसके तहत स्ट्रे राउंड के लिए एनआईसी की वेबसाइट पर एक हजार रुपये शुल्क जमा करके पंजीयन करना होगा। इस राउंड में राजकीय क्षेत्र के कॉलेजों में एमबीबीएस के लिए तीस हजार, निजी क्षेत्र के कॉलेजों के लिए दो लाख और निजी डेंटल कॉलेज के लिए एक लाख रुपये धरोहर राशि ऑनलाइन जमा करनी होगी। यदि अभ्यर्थी स्ट्रे राउंड में सीट आवंटन के बाद दाखिला नहीं लेता है तो उसकी धरोहर राशि जब्त कर ली जाएगी और वह यूपी नीट यूजी काउंसिलिंग 2024-25 में हिस्सा नहीं ले सकेगा।

ऐसे रुकेगा खेल

■ यदि किसी निजी कॉलेज में तीन सीटें बची हैं तो उन्हें ऑनलाइन पंजीयन से आए 30 छात्रों की सूची दी जाएगी। इसके आधार पर पहला, दूसरा, तीसरा छात्र दाखिला लेने से इनकार करता है तो चौथे को निर्धारित फीस लेकर दाखिला दिया जाएगा। संबंधित कॉलेज को पहले, दूसरे व तीसरे के दाखिला न लेने की वजह भी बतानी होगी।

■ सरकारी कॉलेज की एमबीबीएस की फीस जहां 48 हजार रुपये प्रति वर्ष है वहीं निजी की फीस 15 से 40 लाख रुपये प्रति वर्ष है। प्रदेश में हर साल करीब 10 से 20 सीटें स्ट्रे वैकेंसी से भरी जाती हैं।

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