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Sunday, June 18, 2023

प्रदेश की दो प्रमुख भर्ती संस्थाओं के पास कोई काम नहीं, प्रतियोगियों ने उठाए सवाल, बिना काम मिल रहा वेतन

प्रदेश की दो प्रमुख भर्ती संस्थाओं के पास कोई काम नहीं, प्रतियोगियों ने उठाए सवाल, बिना काम मिल रहा वेतन



प्रयागराज । प्रदेश की दो बड़ी संस्थाओं उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग (यूपीएचईएससी) और माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के पास महीनों से एक काम नहीं है। इन दोनों संस्थाओं के 75 से अधिक कर्मचारियों को बिना काम के वेतन दिया जा रहा है। इनमें कई स्थायी कर्मचारी हैं तो कई आउटसोर्सिंग पर काम कर रहे हैं।


प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में विज्ञापन संख्या - 51 के तहत असिस्टेंट प्रोफेसर के 1017 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन की प्रक्रिया अगस्त 2022 में पूरी हो चुकी है, लेकिन कोरम के अभाव में भर्ती की परीक्षा तिथि घोषित नहीं हो पा रही है। आयोग के अध्यक्ष का पद खाली है और सदस्यों के भी छह में से चार पद रिक्त पड़े हैं।


वर्तमान में आयोग में तृतीय श्रेणी के पांच स्थायी कर्मचारी है और दो दर्जन कर्मचारी आउटसोर्सिंग पर काम कर रहे हैं। कोरम के अभाव में भर्ती शुरू नहीं हो पा रही और अन्य जरूरी काम भी अटके हैं। लोग कोर्ट जा रहे हैं। आयोग के सूत्रों का कहना है कि इस समस्या से शासन को भी कई बार अवगत कराया जा चुका है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।


नए शिक्षा सेवा चयन आयोग का गठन भी अटका हुआ है। शासन की ओर से यह भी स्पष्ट नहीं किया जा रहा कि जिस भर्ती का विज्ञापन जारी हो चुका है, वह नया आयोग पूरी करेगा या उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग इस भर्ती को आगे बढ़ाएगा। फिलहाल आयोग में कामकाज पूरी की जरूरत पड़ती है। तरह से ठप पड़ा हुआ है और सदस्य से लेकर कर्मचारी तक सभी खाली बैठे हैं।


यही हाल माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड का है। अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में टीजीटी पीजीटी के 4163 पदों पर भर्ती के लिए अगस्त 2022 में आवेदन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, लेकिन कोरम पूरा न होने से भर्ती परीक्षा नहीं हो पा रही है। बोर्ड के अध्यक्ष और सदस्यों के सभी 10 पद खाली पड़े हुए हैं। वर्तमान में 13 स्थायी कर्मचारी तैनात है और 35 कर्मचारी आउटसोर्सिंग पर है। इसके बावजूद वे सभी काम ठप पड़े हैं, जिन्हें पूरा करने के लिए अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति हुई है।


प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय और प्रतियोगी छात्र मोर्चा के अध्यक्ष विक्की खान का कहना है कि इन दोनों भर्ती संस्थाओं ने अभ्यर्थियों के आवेदन से करोड़ों रुपये कमाए। अगर इन भर्ती संस्थाएं अपना काम नहीं कर पा रहीं हैं, तो इन पर ताला लगा देना चाहिए और कर्मचारियों को किसी दूसरी जगह समायोजित कर दिया जाना चाहए। साथ ही स्पष्ट किया जाए कि बिना काम के वेतन क्यों दिया जा रहा है।

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