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Saturday, May 21, 2022

भर्ती परीक्षाओं में निष्पक्षता और पारदर्शिता का दावा करने वाला UPPSC अब भी पुरानी ढर्रे पर, इंटरव्यू के दौरान जैमर न लगाने पर उठ रहे सवाल

भर्ती परीक्षाओं में निष्पक्षता और पारदर्शिता का दावा करने वाला UPPSC अब भी पुरानी ढर्रे पर,  इंटरव्यू के दौरान जैमर न लगाने पर उठ रहे सवाल



प्रयागराज। शासन स्तर पर पांच साल पहले हुई बैठक में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) को सुझाव दिया गया था कि किसी भी भर्ती के इंटरव्यू के दौरान परिसर में मोबाइल फोन जैमर का इस्तेमाल किया जाए, लेकिन यह व्यवस्था अब तक लागू नहीं की जा सकी। प्रतियोगी छात्र इस पर सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने तय किया है कि मुख्यमंत्री और आयोग के अध्यक्ष को पत्र लिखकर मांग करेंगे कि इसे लागू किया जाए।


शासन स्तर पर 21 जुलाई 2017 को तत्कालीन मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार किया गया था। अक्सर आरोप लगते हैं कि इंटरव्यू के दौरान मोबाइल फोन या परिसर में लगे बेसिक फोन का गलत इस्तेमाल होता है। यह मुद्दा पांच साल पहले हुई बैठक में भी उठा था। तब शासन की ओर से आयोग को सुझाव रहा है।


पांच साल पहले शासन ने लोक सेवा आयोग को दिया था सुझाव दिया गया था कि उत्तराखंड लोक सेवा आयोग भांति साक्षात्कार के दौरान प्रशासनिक भव में लगे सभी बेसिक फोन अक्रियाशील कर दिए जाएं और मोबाइल फोन निष्क्रिय करने के लिए जैमर का इस्तेमाल किया जाए।


प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी अवनीश पांडेय का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में ब्ल्यू टूथ जैसी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का उपयोग बढ़ा है। इससे परीक्षा में गड़बड़ी की आशंका बनी रहती है। ऐसे मामले लगातार सामने भी आ रहे हैं। कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) की ज्यादातर परीक्षाओं में अब जैमर उपयोग किए जा रहे हैं, लेकिन भर्ती परीक्षाओं में निष्पक्षता और पारदर्शिता का दावा करने वाला यूपीपीएससी अब भी पुरानी ढर्रे पर चल रहा है।

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