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Thursday, March 29, 2018

कोर्ट के फैसले से युवाओं ने खुशी में अबीर-गुलाल उड़ाए, 34 हजार सिपाहियों की भर्ती पर रोक हटी

5:49:00 PM

41 हजार सिपाहियों की भर्ती पर फैसला है सुरक्षित

लिखित परीक्षा कराए बगैर मेरिट के आधार पर भर्ती किए जाने में कोई अवैधानिकता नहीं है। -हाईकोर्ट

इलाहाबाद विधि संवाददाताइलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2015 की 34,716 पुलिस कांस्टेबलों की भर्ती पर लगी रोक हटा ली है। यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति डीबी भोसले एवं न्यायमूर्ति सुनीत कुमार की खंडपीठ ने रणविजय सिंह व अन्य की कई याचिकाओं पर दिया है। मेरिट पर चयन:याचिकाओं में कहा गया था कि प्रदेश में 2008 से पुलिस कांस्टेबलों की भर्ती लिखित परीक्षा के आधार पर की जा रही है। 2008 का नियम था कि पहले प्रारंभिक फिर मुख्य लिखित परीक्षा कराई जाएगी। 2015 में 2008 के नियम को बदलकर लिखित परीक्षा का प्रावधान समाप्त कर दिया गया और मेरिट के आधार पर चयन करने का निर्णय लिया गया। तय हुआ कि दसवीं व 12वीं के अंकों के गुणांक की मेरिट के आधार पर चयन और फिर शारीरिक दक्षता परीक्षा कराई जाएगी। साथ ही 28 हजार 916 पुरुष व 5,800 महिला कांस्टेबलों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई। याचियों का कहना था कि मेरिट के आधार पर चयन अवैधानिक है। सिपाहियोंकी कमी:याचिकाओं पर जवाब में राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि प्रदेश में पुलिस कांस्टेबलों की काफी कमी है। इस समय लगभग डेढ़ लाख पुलिस कांस्टेबलों की जरूरत है। लिखित परीक्षा की प्रक्रिया लंबी होती है। इसके माध्यम से चयन में काफी समय लग जाता है। पूर्व में हुई भर्तियों में कई वर्ष लग जाते थे। कांस्टेबल के चयन के लिए जितनी अर्हता होनी चाहिए, उतनी 2015 की इस व्यवस्था से पूरी होती है। अधिवक्ता सीमांत सिंह ने कहा कि हाईकोर्ट ने प्रारंभिक सुनवाई के बाद 27 मई 2016 को 2015 की इस भर्ती पर स्थगनादेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि सरकार चाहे तो भर्ती प्रक्रिया जारी रख सकती है पर अंतिम परिणाम नहीं जारी किया जाएगा।

इलाहाबाद। 2015 से पुलिस में भर्ती का इंतजार कर रहे युवा हाईकोर्ट के फैसले की खबर पाते ही खुशी से उछल पड़े। बड़ी संख्या में युवाओं ने आजाद पार्क पर जमा होकर एक दूसरे के चेहरे पर अबीर-गुलाल लगाए और खुशियां मनाईं।

इलाहाबाद। 2013 में 41,610 पुलिस कांस्टेबलों की भर्ती को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर हाईकोर्ट ने निर्णय सुरक्षित कर रखा है। इसमें क्षैतिज आरक्षण के बचे 2,312 पदों को कैरी फारवर्ड करने को चुनौती दी गई है।

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