Searching...
Tuesday, March 20, 2018

दो दर्जन सहायक प्रोफेसर चयनित, उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग ने जारी किया विज्ञापन 37 का रिजल्ट

इलाहाबाद : उप्र उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग में अशासकीय महाविद्यालय में भर्ती मंगलवार से शुरू हो गई है। सहायक प्रोफेसरों की भर्ती का पहला परिणाम विज्ञापन-37 से हुआ है। परीक्षा समिति ने सहायक प्रोफेसर सांख्यिकीय, सैन्य विज्ञान, शिक्षा शास्त्र, वाणिज्य, विधि और मनोविज्ञान विषयों के साक्षात्कार का परिणाम जारी किया। चयनित अभ्यर्थियों से संबंधित दस्तावेज 15 दिनों में मांगे गए हैं।

■ उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग ने जारी किया विज्ञापन 37 का रिजल्ट

■ चयनित अभ्यर्थी अपने सभी प्रमाण पत्र 15 दिनों में करें जमा


सचिव वंदना त्रिपाठी ने बताया है कि सहायक प्रोफेसर सैन्य विज्ञान के तीन पदों (अन्य पिछड़ा वर्ग) पर योग्यताक्रम में पुरुष अभ्यर्थियों का चयन हुआ है, एक अभ्यर्थी चयन प्रतीक्षा सूची में है। मनोविज्ञान विषय के सहायक प्रोफेसर के दो पदों (अन्य पिछड़ा वर्ग) पर चयन हुआ, वहीं दो अभ्यर्थी प्रतीक्षा सूची में है। सांख्यिकीय विषय के सहायक प्रोफेसर के एक पद (अनुसूचित जाति) पर चयन हुआ। वाणिज्य विषय के चार पद (अन्य पिछड़ा वर्ग) एक महिला अभ्यर्थी सहित चार अभ्यर्थियों का चयन और एक को प्रतीक्षा सूची में रखा गया। विधि विषय के 14 पद (सात पद अन्य पिछड़ा वर्ग) (सात पद अनुसूचित जाति) के लिए अभ्यर्थियों का चयन व दो अतिरिक्त अभ्यर्थियों को प्रतीक्षा में रखा गया है। शिक्षा शास्त्र विषय के सहायक प्रोफेसर के एक पद (अन्य पिछड़ा वर्ग, महिला) पर एक अभ्यर्थी का चयन और एक का अतिरिक्त चयन करके प्रतीक्षा में रखा गया। आयोग ने यह परिणाम वेबसाइट  पर भी उपलब्ध कराया है।


आयोग की सचिव का कहना है कि यह चयन परिणाम औपबंधिक रूप से घोषित है। चयनित अभ्यर्थी अपने सभी प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र की मूल प्रतियां व दो फोटो आयोग में 15 दिनों में जमा करें। अन्यथा उनके अभ्यर्थन पर आयोग की ओर से पुनर्विचार किया जाएगा।अशासकीय महाविद्यालयों में गणित विषय के सहायक प्रोफेसर के लिए विज्ञापन 37 के तहत तीनों पद (अनुसूचित जाति) खाली रह गए हैं। इस पद के लिए चयनित अभ्यर्थियों की सूची में आयोग को योग्यताक्रम से उच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार कोई भी अभ्यर्थी उपयुक्त नहीं मिल सका। गौरतलब है कि आयोग से 2003 में विज्ञापित विज्ञापन संख्या 37 की भर्ती में बैकलॉग पूरा न होने पर कुछ अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। जिसमें बैकलॉग के पदों को भी इसमें शामिल कर लेने पर आपत्ति जताई गई थी। कोर्ट ने बैकलॉग का रोस्टर ठीक करने का आदेश दिया तो आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में इसके खिलाफ विशेष अपील दाखिल की। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के निर्णय को सही ठहराया।

0 comments:

Post a Comment