हाईकोर्ट ने यूपीपीएससी को दिया निर्देश खाली पदों को प्रतीक्षा सूची से ही भरा जाए शासनादेश रद होने के बाद भी आयोग ने जारी नहीं की प्रतीक्षा सूची
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उप्र लोकसेवा आयोग को निर्देश दिया है कि समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी परीक्षा 2013 की प्रतीक्षा सूची तीन महीने में जारी की जाए। प्रतीक्षा सूची में चयनित अभ्यर्थियों से ही खाली पदों को भरा जाए।1यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज मित्तल और न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव की खंडपीठ ने आजमगढ़ के विनय कुमार सिंह की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। कोर्ट ने कहा कि त्रिलोकी नाथ मिश्र केस में कोर्ट ने 15 नवंबर, 1999 के शासनादेश को रद कर दिया है जिसके तहत आयोग को प्रतीक्षा सूची न तैयार करने की छूट दी गई थी। कोर्ट ने कहा कि शासनादेश रद होने के बाद आयोग की ओर से प्रतीक्षा सूची जारी न करने का कोई औचित्य नहीं है। याची का कहना है कि आयोग ने आरओ-एआरओ 2013 परीक्षा में 283 अंक से अधिक पाने वाले 368 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया था लेकिन, उनमें 317 ने ही पद भार ग्रहण किया है। शेष पद रिक्त हैं। याची ने भी 283 अंक प्राप्त किया है। प्रतीक्षा सूची तैयार न होने के कारण जो पद खाली रह गए उन्हें नहीं भरा जा सका। शासनादेश रद होने के बाद प्रतीक्षा सूची जारी न करने का कोई औचित्य नहीं है। कोर्ट ने कहा कि त्रिलोकी नाथ मिश्र केस फाइनल हो चुका है। जिसे किसी कोर्ट से निरस्त नहीं किया गया है। ऐसे में आयोग की प्रतीक्षा सूची से खाली पदों को भरने का अवसर न देने का औचित्य नहीं है। याचिका पर अधिवक्ता आरकेएस चौहान तथा एमके सिंह ने बहस की।
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