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Tuesday, March 6, 2018

एसएससी में भ्रष्टाचार के खिलाफ कैंडल मार्च, अफसरों की मौज ने प्रतियोगियों का भविष्य डाला संकट में

6:14:00 PM

आयोग के क्षेत्रीय कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन, क्षेत्रीय निदेशक से प्रतिनिधि मंडल की वार्ता हुई विफल, मांगें कायम

एसएससी से पांच साल में एक लाख पदों पर हुई भर्तियां, अफसरों की मौज ने प्रतियोगियों का भविष्य डाला संकट में

इलाहाबाद : कर्मचारी चयन आयोग से पांच साल के दौरान हुई सभी परीक्षाओं की सीबीआइ जांच की मांग कर रहे प्रतियोगियों ने मंगलवार को कैंडल मार्च निकाला। दिन भर हजारों प्रतियोगी इलाहाबाद के लाउदर रोड स्थित आयोग के मध्य क्षेत्र के क्षेत्रीय कार्यालय पर डटे रहे। प्रतियोगियों के प्रतिनिधि मंडल की मध्य क्षेत्र के क्षेत्रीय निदेशक से उनके कार्यालय में मुलाकात बेनतीजा रही। क्रमिक अनशन जारी है।

देर शाम सैकड़ों प्रतियोगी मोमबत्तियां लेकर नारेबाजी करते हुए एसएससी कार्यालय से मेडिकल चौराहा पहुंचे। उसके बाद रोडवेज बस अड्डा होते हुए सिविल लाइंस के सुभाष चौराहा तक गए। यहां सभा में प्रतियोगियों ने एसएससी के भ्रष्टाचार को आड़े हाथ लिया। आयोग कार्यालय के बाहर हजारों प्रतियोगियों का दिन भर जमावड़ा रहा।

दोपहर बाद प्रतियोगियों के एक प्रतिनिधि मंडल का एसएससी मध्य क्षेत्र के क्षेत्रीय निदेशक राहुल सचान सेउनके कार्यालय में मिला। मांगे रखी कि 2013 से अब तक हुई सभी परीक्षाओं की सीबीआइ जांच कराई जाए। चेयरमैन अशीम खुराना को निलंबित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के मंत्री जितेंद्र सिंह से इस्तीफा लिया जाए। जो परीक्षाएं चल रही हैं उन्हें स्थगित किया जाए। इस दौरान प्रतियोगी सौरभ मिश्र, संतोष सिंह, अजीत सोनकर, आनंद सत्संगी, कमर आलम खान, ऋषभ द्विवेदी, पुष्पा देवी आदि शामिल रहे।  प्रतियोगियों ने बुधवार को क्षेत्रीय कार्यालय में ताला बंदी की बात कही है।

■ पारदर्शिता से होती हैं परीक्षाएं
इधर आंदोलन के मद्देनजर मंगलवार को कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन अशीम खुराना ने आयोग की वेबसाइट पर संदेश जारी कर कहा है कि परीक्षाएं पारदर्शिता से होती हैं। फरवरी में सीजीएल परीक्षा के दौरान आई तकनीकी दिक्कतों के बाद इसकी सीबीआइ जांच कराने का फैसला लिया गया और केंद्र सरकार ने उसे मंजूर भी कर लिया है। उन्होंने आंदोलन को अनुचित बताया।

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