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Saturday, March 17, 2018

चरण सिंह विवि में पकड़ा रैकेट : कॉपियां बदलवा कर सैकड़ों बने डॉक्टर !, पीजी-एलएलबी की कॉपियां भी लिखवाईं

7:11:00 PM

ऑफिस असिस्टेंट बदलवाता था कॉपी
पूर्व छात्र के पास से मिलीं दो िलखी कॉपियां
एसएसपी एसटीएफ ने बताया कि इस गैंग ने पीजी कोर्स और एलएलबी की कॉपियां भी लिखवाई हैं। इनके पास से चार फोन, तीन आधार कार्ड और एक लाख रुपये कैश मिला है। 8हरियाणा से मेरठ तक है नेटवर्क : पेज 13
विवि के ऑफिस असिस्टेंट सीपी सिंह की मदद से पवन, संदीप और कपिल कॉपियां बदलते थे। सीपी सिंह और मास्टरमाइंड छठे साथी हरियाणा के संदीप की तलाश जारी है। स्टूडेंट से मिली रकम में से एक लाख रुपये हरियाणा का संदीप लेता था।
एसटीएफ ने इस मामले में यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र कविराज और परीक्षा अनुभाग के कर्मचारियों-कपिल, पवन और संदीप को गिरफ्तार किया है। सबसे पहले दुर्गापुरम से कविराज पकड़ा गया। उसके पास से मुजफ्फरनगर मेडिकल कॉलेज की एमबीबीएस की लिखी हुई दो कॉपियां भी मिली हैं।
एसटीएफ ने पकड़े गए आरोपितों को मीडिया के सामने पेश किया
2014

कॉपियां इस रैकेट ने 4 साल में लिखवाकर सैकड़ों को पास करवाया एमबीबीएस• एनबीटी ब्यूरो, लखनऊ/मेरठ : चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में दो लाख रुपये के बदले परीक्षाओं की कॉपियां दूसरे राज्य में एक्सपर्ट से लिखवाकर एमबीबीएस के छात्रों को पास करवाने का खेल चल रहा था। यूपी एसटीएफ ने यूनिवर्सिटी के तीन कर्मचारियों और एक पूर्व छात्र को गिरफ्तार कर इस खेल का खुलासा करने का दावा किया है। यूनिवर्सिटी ने तीन कर्मचारियों में से दो को बर्खास्त और एक को सस्पेंड कर दिया है।

आईजी एसटीएफ अमिताभ यश का दावा है कि 2014 से विवि से सम्बद्ध मेडिकल कॉलेजों में इस तरह डॉक्टर बनवाने का खेल चल रहा था। पकड़े गए लोगों के अनुसार, चार साल में करीब 600 कॉपियां बदलकर सैकड़ों मेडिकल छात्रों को पास करवाया गया है। इनमें सबसे ज्यादा मामले मुजफ्फरनगर मेडिकल कॉलेज, मंसूरपुर के बताए जा रहे हैं। एसटीएफ इन छात्रों का पता लगा रही है।

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