Searching...
Monday, March 5, 2018

एपीएस 2010 में अधिकांश के चयन पर उठ रही अंगुली, विज्ञापन में दी गयी शर्तों के उल्लंघन का आयोग पर आरोप


इलाहाबाद : उप्र लोक सेवा आयोग से हुई भर्तियों में मनमानी और धांधली के सबूत ढूंढ रही सीबीआइ के सामने प्रतियोगियों ने साक्ष्य के अंबार लगा दिए हैं। अब मामला अपर निजी सचिव 2010 परीक्षा में आयोग की मनमानी को लेकर सामने आया है जिसमें विज्ञापन में दी गई शर्तो का आयोग पर ही उल्लंघन करने का आरोप है। शिकायत कर्ताओं का कहना है कि इस परीक्षा में सफल अधिकांश अभ्यर्थी आयोग के कर्मचारियों व अधिकारियों के करीबी हैं। 




 सीबीआइ जांच हो रही है इसके बावजूद विशेष सचिव महेश गुप्ता एपीएस 2010 के चयनित अभ्यर्थियों को विधानसभा में कार्यभार ग्रहण करा रहे हैं। एपीएस 2010 परीक्षा में असफल रहे अभ्यर्थियों का कहना है कि आयोग ने विज्ञापन का उल्लंघन का परिणाम जारी किया है। विज्ञापन में यह उल्लिखित था कि इस परीक्षा में कंप्यूटर के डुएट प्रमाणपत्र ही मान्य होंगे। जबकि सफल हुए अधिकांश अभ्यर्थियों के पास डुएट प्रमाण पत्र नहीं हैं। सोमवार को लखनऊ में एसपी सीबीआइ राजीव रंजन से कई अभ्यर्थियों ने मुलाकात कर उन्हें परीक्षा में उप्र लोकसेवा आयोग की मनमानी का साक्ष्य सौंपा। इसके लिए मुख्यमंत्री कार्यालय में ज्ञापन देकर एपीएस 2010 में सफल अभ्यर्थियों की नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की गई।


0 comments:

Post a Comment