प्रतियोगियों के हक की कानूनी लड़ाई लड़ेगी सीबीआइजांच में बार एसोसिएशन भी प्रतियोगियों के साथ
आयोग कार्यालय में भर्तियों में गड़बड़ी के साक्ष्य जुटा रही सीबीआइ अब चरणबद्ध तरीके से जांच शुरू करने की ओर बढ़ रही है। यूपी पीएससी मुख्य रूप से राज्य प्रवर अधीनस्थ सेवा यानि पीसीएस की सबसे बड़ी परीक्षा कराती है, सर्वाधिक अंगुलियां भी इसी ओर उठी हैं। अब तक जांच टीम को पीसीएस 2015 की सबसे अधिक शिकायतें मिली हैं। ऐसे में सीबीआइ के पहले इसी जांच में जुटने के संकेत हैं। 1टीम के अगुआ राजीव रंजन ने साथियों को अलग-अलग भर्ती की सूची बनाने का निर्देश दिया है, ताकि उसकी प्रारंभिक परीक्षा से लेकर मेंस, साक्षात्कार, प्रश्नपत्र तैयार करने वाले विशेषज्ञ से लेकर परीक्षा समिति और इस कार्य में लगे कर्मचारियों तक की गहन जांच की जाए। टीम का मानना है कि हर स्तर पर बारीकी से तहकीकात से ही राज खुलेंगे। पांच साल में हुई कुल भर्तियों की संख्या वैसे साढ़े पांच सौ के करीब है। ऐसे में सभी भर्तियों की ओर से एक साथ बढ़ने से नतीजा पाना मुश्किल होगा। टीम पीसीएस 2015 की भर्ती परीक्षा पर गंभीर हुई है, जबकि प्रतियोगी पीसीएस 2011 से जांच शुरू करने की मांग कर रहे हैं। 1शनिवार को खुला आयोग, रविवार को भी खुले रहने के आसार : सीबीआइ टीम आयोग कार्यालय के सभी कंप्यूटरों को खंगालने के लिए विशेष साफ्टवेयर का प्रयोग कर रही है। इमेजिंग स्कैनिंग के तहत कंप्यूटरों का सारा डाटा निकाला जा रहा है। यही वजह है कि शनिवार को अवकाश होने के बाद भी आयोग के परीक्षा विभाग के कार्यालय खुले रहे। एक-एक कंप्यूटर में वर्षो के पुराने रिकॉर्ड हैं ऐसे में डाटा स्कैनिंग में काफी समय लग रहा है। संभव है कि रविवार को भी यह प्रक्रिया चलती रहे। टीम ने सिस्टम एनालिस्ट गिरीश गोयल से भी कंप्यूटर से संबंधित जानकारी ली है। साथ ही कंप्यूटर आपरेट करने वाले हर कर्मचारी से पूछताछ भी करती चल रही है। शनिवार को भी आयोग के बाहर प्रतियोगियों का मजमा लगा रहा। उनके बीच रिकॉर्ड मिलने के तरह-तरह के कयास भी लगाए जा रहे हैं।
उप्र लोकसेवा आयोग की पांच वर्षो की भर्तियों की जांच कर रही सीबीआइ प्रतियोगियों के हक की कानूनी लड़ाई भी लड़ने की तैयारी में है। इसका लाभ उन्हीं अभ्यर्थियों को मिलेगा, जो सीबीआइ टीम से भर्ती में गड़बड़ी की शिकायत पुख्ता साक्ष्यों के साथ करेगा। जांच में वह सही मिले तो सीबीआइ कोर्ट में अभ्यर्थी को क्लेम यानि नियुक्ति दिलाने की मांग करेगी। इस एलान के बाद टीम के पास आने वाले दिनों में प्रतियोगियों की भीड़ तेजी से बढ़ने की उम्मीद है। आयोग की भर्तियों में गड़बड़ी की जांच में चार दिन से तेजी से जुटी सीबीआइ टीम का लक्ष्य आयोग कार्यालय के अंदर व बाहर दोनों जगह से भर्तियों से जुड़े पुख्ता साक्ष्य इकट्ठा करना है। इस बीच आयोग के कई पीड़ित व पुराने कर्मचारी सीबीआइ के पाले में आ गए हैं, जो टीम के सदस्यों को खामियां बता रहे हैं। पिछले तीन दिनों में सर्किट हाउस व अब गोविंदपुर के सिंचाई विभाग के गेस्ट हाउस में भी प्रतियोगियों की भीड़ उमड़ रही है, जो अलग-अलग नियुक्तियों की कमियां सिलसिलेवार गिना रहे हैं
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