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Sunday, November 10, 2024

दो दिन की परीक्षा पर अड़ा यूपी लोक सेवा आयोग, आयोग और अभ्यर्थी आमने-सामने, नॉर्मलाइजेशन निरस्त कराने के लिए बेमियादी धरना आज से

दो दिन की परीक्षा पर अड़ा यूपी लोक सेवा आयोग, आयोग और अभ्यर्थी आमने-सामने, नॉर्मलाइजेशन निरस्त कराने के लिए बेमियादी धरना आज से

परीक्षा व नॉर्मलाइजेशन निरस्त कराने के लिए कई राज्यों के अभ्यर्थी एकजुट


प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा-2024 दो दिन कराने पर अड़ा है। आयोग की ओर से उन 41 जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर तैयारी शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं, जिनके जिलों में परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। अब तक एडीएम स्तर के अफसर ही नोडल अधिकारी होते थे। लेकिन, अब आयोग के निर्णय के अनुसार प्रत्येक परीक्षा में जनपद में डीएम ही नोडल अधिकारी होंगे। वहीं, जनपद के पुलिस अधीक्षक / वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस कमिश्नर ही नोडल पुलिस अधिकारी होंगे। आयोग के सचिव अशोक कुमार की ओर से जिलाधिकारियों जारी पत्र में कहा गया है कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए परीक्षा केंद्रों पर पर्याप्त पुलिस की व्यवस्था की जानी है।


प्रारंभिक परीक्षा सात व आठ दिसंबर को दो सत्रों में सुबह 9:30 से 11:30 बजे और अपराह्न 2:30 से 4:30 बजे तक प्रस्तावित है। प्रत्येक केंद्र पर उप प्रधानाचार्य/वरिष्ठ एवं परीक्षा कार्य में अनुभवी शिक्षक को सह केंद्र व्यवस्थापक बनाया जाएगा। 50 फीसदी अंतरीक्षक स्वयं के विद्यालय के व 50 फीसदी बाह्य केंद्रों से तैनात किए जाएंगे। प्रत्येक परीक्षा केंद्र के लिए एक सेक्टर मजिस्ट्रेट और प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर परीक्षा के एक दिन पूर्व और परीक्षा वाले दिन यानी दो दिनों के लिए स्टैटिक मजिस्ट्रेट भी नियुक्त किया जाना है।



यूपीपीएससी : परीक्षा व नॉर्मलाइजेशन निरस्त कराने के लिए कई राज्यों के अभ्यर्थी एकजुट

प्रयागराज। पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा व आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा एक दिन में कराने और नॉर्मलाइजेशन (मानकीकरण) की प्रक्रिया निरस्त करने की मांग को लेकर छात्र सोमवार से उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के सामने बेमियादी धरने पर बैठेंगे। वहीं, आयोग ने अभ्यर्थियों के विरोध का दरकिनार करते हुए दो दिन परीक्षा कराने की तैयारी शुरू कर दी है।

एक तरफ अभ्यर्थियों ने 11 नवंबर से आंदोलन की घोषणा की है और चेतावनी दी है कि आयोग जब तक एक दिन परीक्षा कराने और नॉर्मलाइजेशन का निरस्त करने का नोटिस जारी नहीं कर देता, तब तक वे धरने से नहीं उठेंगे। यह धरन आयोग के गेट नंबर-दो के सामने प्रस्तावित है। वहीं, आयोग के सचिव अशोक कुमार ने परीक्षा की तैयारी के लिए सभी जिलाधिकारियों (नोडल अधिकारियों) की 21 नवंबर को बैठक बुला ली है।


बेमियादी धरना आज से

पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा दो दिन कराए जाने और एक समान मूल्यांकन के लिए नॉर्मलाइजेशन (मानकीकरण) लागू किए जाने के विरोध में अभ्यर्थियों का बेमियादी धरना सोमवार से उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के गेट नंबर-दो के सामने शुरू होने जा रहा है।

धरने में यूपी समेत दिल्ली, एमपी, बिहार, उत्तराखंड व अन्य राज्यों से अभ्यर्थी शामिल होंगे। अभ्यर्थियों की ओर से घोषित धरना- प्रदर्शन के मद्देनजर आयोग परिसर के आसपास पुलिस बल की तैनाती की व्यवस्था की गई है। अभ्यर्थी किसी भी कीमत पर पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। हालांकि, अभ्यर्थियों ने शांतिपूर्ण तरीके से धरना-प्रदर्शन करने की घोषणा की है। इसके लिए पुलिस प्रशासन से भी अनुमति मांगी गई। 


इन जिलों में परीक्षा प्रस्तावित

आगरा, अलीगढ़, अयोध्या, आजमगढ़, बांदा, बाराबंकी, बरेली, बस्ती, बिजनौर, बदायूं, बुलंदशहर, देवरिया, फर्रुखाबाद, फतेहपुर, फिरोजाबाद, गाजियाबाद, गाजीपुर, गोंडा, गोरखपुर, हरदोई, हाथरस, जौनपुर, झांसी, ज्योतिबा फुले नगर (अमरोहा), कानपुर नगर, लखीमपुर खीरी, लखनऊ, मैनपुरी, मथुरा, मेरठ, मिर्जापुर, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, रायबरेली, सहारनपुर, शाहजहाँपुर, सीतापुर, सुल्तानपुर, वाराणसी।



परीक्षा एक दिन में कराने और नॉर्मलाइजेशन निरस्त करने का नोटिस लेकर ही उठेंगे छात्र, सोमवार से उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के सामने धरने पर बैठने का ऐलान, अभ्यर्थियों ने गिनाए मानकीकरण के नुकसान

आयोग पर यूपी समेत दिल्ली, एमपी, उत्तराखंड व अन्य राज्यों के छात्रों का धरना-प्रदर्शन कल से


प्रयागराज। पीसीएस और आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा दो दिन कराने और नॉर्मलाइजेशन (मानकीकरण) के विरोध में अभ्यर्थी सोमवार से उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के सामने धरने पर बैठेंगे। अभ्यर्थियों का कहना है कि पहले की भांति एक ही दिन में परीक्षा कराए और नॉर्मलाईजशन निरस्त करने का आयोग से नोटिस लेकर ही हटेंगे। धरना सुबह 11 बजे से शुरू होगा।


प्रतियोगी छात्र राजन त्रिपाठी, युगल पांडेय, प्रियांशु श्रीवास्तव, नितिन प्रताप और आशीष सुमन ने शनिवार को प्रेस क्लब में कहा, भर्ती प्रक्रिया के बीच आयोग की ओर से किया गया बदलाव किसी भी अभ्यर्थी को मंजूर नहीं है।

यह बदलाव उन गरीब छात्रों के साथ धोखा है, जिनके मां-बाप के सपने और बहन की विदाई, इस परीक्षा में अभ्यर्थी की सफलता और असफलता पर निर्भर करती है।

धरने में उत्तर प्रदेश के साथ दिल्ली, उत्तरांखड, मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों के करीब आठ हजार अभ्यर्थियों के शामिल होने की उम्मीद है। इस मसले पर आठ नवंबर को दिल्ली में कैंडल मार्च निकाला गया। अभ्यर्थियों ने कहा कि दो दिन परीक्षा कराने और नॉर्मलाईजशन के खिलाफ 15 अक्तूबर को आयोग में ज्ञापन दिया गया था, लेकिन जवाब नहीं मिला।


21 अक्तूबर को आयोग को घेराव किया तो सचिव ने अभ्यर्थियों के बीच आकर कहा कि तीन दिन में स्थिति से अवगत करा दिया जाएगा, लेकिन जवाब नहीं आया। एक दिन अचानक दो दिन परीक्षा कराने और नॉर्मलाइजेशन का नोटिस जारी कर दिया गया। ऐसे में अभ्यर्थी धरना देने को मजबूर हैं।


न्यायालय होगा आखिरी विकल्प 
अभ्यर्थियों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में स्पष्ट कहा है कि भर्ती के बीच में नियम नहीं बदले जा सके। अभ्यर्थी पहले आयोग के अध्यक्ष और सचिव के समक्ष अपनी बात रखेंगे।


अभ्यर्थियों ने गिनाए मानकीकरण के नुकसान

आयोग ने सिर्फ पसेंटाइल स्कोर का फॉर्मूला सार्वजनिक किया है। मानकीकरण कैसे होगा, यह स्पष्ट नहीं किया है।

एक परीक्षा के लिए सामान्य अध्ययन के दो अलग-अलग पेपर होंगे। यह कैसे तय होगा कि सामान्य अध्ययन का कोई भी सवाल किसके लिए कठिन और किसके लिए आसान है।

नॉर्मलाइजेशन के फॉर्मूले के अनुसार, जिस शिफ्ट में उपस्थित अभ्यर्थियों की संख्या कम होगी, वहां पसेंटाइल स्कोर उच्च होगा। ऐसे में नॉर्मलाइजेशन के किस फार्मूले के तहत एक समान मूल्यांकन संभव है।

आयोग ने जनसूचना अधिकार के तहत एक सवाल के जवाब में बताया था कि पीसीएस-2019 और 2020 की प्रारंभिक परीक्षा में 38 सवाल गलत होने पर बदले गए थे। भविष्य अलग-अलग शिफ्ट में होने वाली परीक्षाओं में गलत सवाल पूछे गए तो मानकीकरण कैसे होगा।

प्रारंभिक परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों के लिए यह आकलन कर पाना मुश्किल हो कि मुख्य परीक्षा के लिए सफल होंगे या नहीं।


छात्र कल से आयोग पर बेमियादी धरने पर बैठेंगे

प्रतियोगी छात्रों ने शनिवार को प्रेस क्लब में प्रयागराज मुख्य संवाददाता। पीसीएस 2024 और आरओ/एआरओ 2023 की प्रारंभिक परीक्षा एक में कराने की मांग पर अड़े प्रतियोगी छात्रों ने बड़े आंदोलन की जमीन तैयार कर ली है। शनिवार को मीडिया से वार्ता में छात्रों ने साफ किया कि सोमवार से लोक सेवा आयोग के बाहर बेमियादी धरने

मीडिया को आंदोलन की रणनीति बताई। पर बैठने जा रहे हैं। वे शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से तब तक धरना देंगे। आयोग के फैसले का विरोध कर रहे राजन त्रिपाठी, प्रियांशु श्रीवास्तव, युगल पांडेय और नितिन राजपूत आदि का कहना है कि सैकड़ों छात्रों ने आंदोलन का समर्थन किया है और धरने पर बैठने को तैयार है।

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