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Sunday, November 17, 2024

चयन के 16 माह बाद शिक्षक तैनात होंगे, GIC में सहायक शिक्षक भर्ती का मामला

चयन के 16 माह बाद शिक्षक तैनात होंगे GIC में सहायक शिक्षक भर्ती का मामला 

■ आयोग ने 2023 को घोषित किया था परिणाम


18 नवम्बर 2024
प्रयागराज। राजकीय विद्यालयों में चयन के 16 महीने बाद 416 सहायक अध्यापकों और लगभग 22 प्रवक्ताओं की तैनाती का रास्ता साफ हो गया है।

शासन के विशेष सचिव उमेश चन्द्र ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेन्द्र देव को मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन पदस्थापन के संबंध में निर्देश भेजे हैं। इस नियुक्ति प्रक्रिया के लिए शिक्षा निदेशालय स्तर पर अपर शिक्षा निदेशक राजकीय की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। 

यह समिति चयनित शिक्षकों के अभिलेखों का सात दिन में परीक्षण कर पदस्थापन की कार्यवाही करेगी। ऑनलाइन विकल्प लेने के संबंध में जल्द गाइड लाइन जारी होगी। राजकीय विद्यालयों में एलटी (सहायक अध्यापक) भर्ती परीक्षा 2018 में अवशेष श्रेष्ठता सूची से आठ विषयों के चयनित 416 अभ्यर्थियों का परिणाम उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने 28 जून 2023 को घोषित किया था। 

17 से 25 जुलाई तक चयनित अभ्यर्थियों का अभिलेख सत्यापन कराया गया और सितंबर अंत तक सभी अभ्यर्थियों की फाइल माध्यमिक शिक्षा निदेशालय को भेजी गई थी। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने चयनित शिक्षकों की ऑनलाइन तैनाती का प्रस्ताव शासन को भेजा, जिसे मंजूरी नहीं मिली थी। इन शिक्षकों की तैनाती सबसे पहले उन स्कूलों में होगी जहां शिक्षकों की कमी है। 88 विद्यालय ऐसे हैं जहां एक भी शिक्षक नहीं है।



एक भी शिक्षक से वंचित 88 स्कूलों में होगी पहले तैनातीराजकीय स्कूलों में नव चयनित अभ्यर्थियों का होगा ऑनलाइन पदस्थापन

आनलाइन होगी संपूर्ण प्रक्रिया जारी किए गए दिशा-निर्देश

16 नवंबर 2024
लखनऊ : राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में नव चयनित प्रवक्ताओं की तैनाती आनलाइन माध्यम से की जाएगी। 500 शिक्षकों की भर्ती में अब दूसरी सूची के अभ्यर्थियों को अवसर दिया जाएगा। माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से गुरुवार को आनलाइन पदस्थापन के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए। ऐसे 88 राजकीय माध्यमिक स्कूल जहां इस समय एक भी नियमित शिक्षक तैनात नहीं है, वहां सबसे पहले नव चयनित अभ्यर्थी की तैनाती होगी। यहां अभी विद्यालय संविदा शिक्षकों के भरोसे चलाया जा रहा है।


विशेष सचिव, माध्यमिक शिक्षा उमेश चंद्र की ओर से जारी दिशा निर्देशों के अनुसार दूसरी श्रेणी में वह 222 राजकीय माध्यमिक स्कूल हैं, जहां सिर्फ एक-एक नियमित शिक्षक है। दो नियमित शिक्षक वाले 313 विद्यालयों को तीसरी श्रेणी के विकल्प के रूप में रखा गया है। यहां प्राथमिकता के आधार पर तैनाती होगी।


 वहीं, आकांक्षी जिलों, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान, पंडित दीनदयाल उपाध्याय माडल विद्यालय, तहसील मुख्यालय से दो किलोमीटर दूर के विद्यालय, जिला मुख्यालय से आठ किलोमीटर दूरी के विद्यालय और मेरठ, आगरा, वाराणसी, कानपुर व प्रयागराज में तैनाती को सबसे अंत के विकल्प में रखा गया है। 


गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद व लखनऊ में तैनाती के लिए अलग से आदेश जारी किए जाएंगे। अभ्यर्थियों से पांच-पांच विद्यालयों के विकल्प भरवाए जाएंगे। विकल्प के विद्यालय न मिलने पर गृह जिले व मंडल के अन्य विद्यालय या फिर आसपास के चार मंडलों के किसी विद्यालय में तैनाती दी जाएगी। 


मालूम हो कि वर्ष 2018 में राजकीय माध्यमिक स्कूलों में 500 प्रवक्ता के पद पर उप्र लोक सेवा आयोग द्वारा चयन प्रक्रिया की गई थी। मुख्य सूची में तैनाती न लेने वाले अभ्यर्थियों से खाली हुई सीटों पर जल्द तैनाती की जाएगी। जिलावार इसका जल्द ब्योरा जारी किया जाएगा।



छह साल बाद माध्यमिक शिक्षकों की तैनाती का रास्ता हुआ साफ

हाल ही में आयोग ने शासन को चयनित अभ्यर्थियों की दूसरी सूची

चयनित अभ्यर्थियों से ऑनलाइन विकल्प लेकर नियुक्ति करने के दिए निर्देश


लखनऊ। प्रदेश में 2018 से राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में चल रही भर्ती प्रक्रिया में अभ्यर्थियों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। शासन ने चयनित अभ्यर्थियों से ऑनलाइन विकल्प लेकर नियुक्ति पत्र भी ऑनलाइन जारी करने के निर्देश दिए हैं।


राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक/ प्रवक्ता के खाली पदों के लिए लोक सेवा आयोग के माध्यम से 2018 में भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई थी। इसमें पहली चयन सूची के अभ्यर्थियों की तैनाती कर दी गई। लेकिन करीब 500 पद खाली रह गए थे। इस पर विभाग के पत्राचार पर आयोग ने प्रतीक्षा सूची जारी कर दी।


जबकि नियमतः एक साल के बाद प्रतीक्षा सूची मान्य नहीं होती है। इसे देखते हुए माध्यमिक शिक्षा विभाग ने दोबारा आयोग को पत्र लिखा। जहां से मामला कार्मिक विभाग में गया। इसमें पांच साल से ज्यादा का समय लग गया। 


जबकि नियमतः एक साल के बाद प्रतीक्षा सूची मान्य नहीं होती है। इसे देखते हुए माध्यमिक शिक्षा विभाग ने दोबारा आयोग को पत्र लिखा। जहां से मामला कार्मिक विभाग में गया। इसमें पांच साल से ज्यादा का समय लग गया।

हाल ही में आयोग ने शासन को चयनित अभ्यर्थियों की दूसरी सूची भेजी है। माध्यमिक शिक्षा विभाग के विशेष सचिव उमेश चंद्र ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक को निर्देश दिया है कि इसके अनुसार वह आयोग से चयनित अभ्यर्थियों को ऑनलाइन नियुक्ति पत्र जारी कर पदस्थापन करें। माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव ने बताया कि जल्द ही इसकी प्रक्रिया शुरू की जाएगी। 



दिव्यांगों-महिलाओं को प्राथमिकताः विशेष सचिव ने कहा है कि अभ्यर्थियों को पांच विकल्प दिया जाएगा। पहली वरीयता आयोग से चयनित सूची के दिव्यांगों को और दूसरी वरीयता महिला अभ्यर्थियों को दी जाएगी। तीसरी वरीयता जिनके पति-पत्नी सेना व अर्द्धसैनिक बल में कार्यरत हैं। नियुक्ति प्रक्रिया के लिए निदेशालय स्तर पर अपर शिक्षा निदेशक राजकीय की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति बनाई जाएगी।



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