प्रयागराज। पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा और आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा दो दिन कराए जाने को लेकर सोशल मीडिया पर अभ्यर्थियों की ओर से कई सवाल उठाए जा रहे हैं। अभ्यर्थियों का कहना है कि उनके लिए नॉर्मलाइजेशन क्रिकेट के डकवर्थ लुईस नियम जैसा है, जिसमें सफल और असफल को कभी समझ ही नहीं आएगा कि उसकी सफलता और असफलता का आधार क्या है नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया केवल पीसीएस और आरओ/एआरओ तक ही सीमित नहीं है।
लाखों श्रद्धालुओं को स्नान करा सकते हैं तो परीक्षा क्यों नहीं
प्रयागराज। प्रतियोगी छात्रों का तर्क है कि सरकार जब कुम्भ मेले में दस लाख कल्पवासियों के रहने और पांच लाख श्रद्धालुओं के रोजाना संगम में डुबकी लगाने की व्यवस्था एक जिले प्रयागराज में कर सकती है तो दस लाख परीक्षार्थियों की प्रदेश के सभी 75 जिलों में परीक्षा क्यों नहीं कराई जा सकती। जिला मुख्यालय के बड़े-बड़े हाईप्रोफाइल प्राइवेट स्कूल जिसमें वहां के डीएम, एसडीएम, एसपी, एसएसपी, बीएसए, डीआईओएस आदि के बच्चे पढ़ते हैं में भी परीक्षा केंद्र बनाइए। यदि इनके स्कूल से पेपरआउट हो तो इनके मालिकों के घर बुलडोजर से ढहा दीजिए। इन परीक्षाओं के पंजीकृत लाखों अभ्यर्थियों में से गिनती के छात्र भी मानकीकरण का समर्थन नहीं कर रहे। सरकार ने ही 19 जून के आदेश से प्रावधान बनाया है तो अधिकांश नहीं बल्कि सभी छात्रों की मांग पर संशोधन भी सरकार कर दे। प्रतियोगी छात्रों का सवाल है कि नियम समाज के कल्याण और सुविधा को ध्यान में रखकर बनाए जाते हैं या प्रशासनिक अक्षमता को छिपाने के लिए।
नॉर्मलाइजेशन में नहीं होगा किसी प्रकार का मानवीय हस्तक्षेप, UPPSC का दावा-मेरिट पर नहीं पड़ेगा असर
प्रयागराज । पीसीएस और आरओ/एआरओ प्री शुचितापूर्वक कराने के लिए ही परीक्षा एक की बजाय दो दिन में कराने का निर्णय लिया गया है। इस विवशता के बीच आयोग ने साफ किया है कि मानकीकरण (नॉर्मलाइजेशन) में किसी प्रकार का मानवीय हस्तक्षेप नहीं होगा। पहली बार मानकीकरण का फॉर्मूला अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक करते हुए आयोग ने स्पष्ट किया है कि यह प्रक्रिया फूलप्रूफ है।
आयोग की वेबसाइट पर फॉर्मूला
आयोग के सचिव के अनुसार, नॉर्मलाईजशन का फॉर्मूला सार्वजनिक कर दिया गया है। फॉर्मूला आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध है। अभ्यर्थियों के प्राप्तांक एवं कटऑफ अंक अब पसेंटाइल स्कोर में होंगे। आसान भाषा में समझे तो भिन्न-भिन्न पालियों में अभ्यर्थियों के न्यूनतम एवं अधिकतम प्राप्तांकों का वितरण भिन्न-भिन्न हो, ऐसी स्थिति में किसी एक पाली के अधिकतम अंक पाने वाले अभ्यर्थी के प्राप्तांक को 100 मानते हुए उसके सापेक्ष सभी अभ्यर्थियों का स्कोर निकालना ही पसेंटाइल विधि है।
UPPSC का दावा-मेरिट पर नहीं पड़ेगा असर
यूपीपीएस्सी ने दावा किया है कि नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी होगी और इससे मेरिट प्रभावित नहीं होगी। पसेंटाइल स्कोर की गणना दशमलव के बाद छह अंकों तक की जा सकेगी। सचिव के अनुसार, वैसे तो कई राज्यों की पीसीएस परीक्षाओं और अन्य परीक्षाओं में इसी फॉर्मूले के आधार पर मूल्यांकन की प्रक्रिया अपनाई गई है और यह फॉर्मूला पूरी तरह से सही है। इसके बावजूद आयोग ने अपने स्तर से कई चरणों में विशेषज्ञों से इसकी जांच कराई है। इसके लिए आयोग ने लब्ध प्रतिष्ठित विशेषज्ञों की एक समिति भी गठित की, जिसकी अनुशंसा पर यह व्यवस्था लागू की गई। मूल्यांकन के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रिया कंप्यूटर सिस्टम आधारित होगी।
पर्सेटाइल में जारी होंगे प्राप्तांक व कटऑफ
नॉर्मलाइजेशन लागू होने के कारण दोनों ही प्रारंभिक परीक्षाओं में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों के प्राप्तांक व कटऑफ अंक अब पसेंटाइल में जारी किए जाएंगे। इससे पूर्व अभ्यर्थियों के प्राप्तांक एवं कटऑफ अंकों में जारी किए जाते थे।
पहली बार दो दिन होंगी दोनों परीक्षाएं
इससे पहले पीसीएस और आरओ/एआरओ परीक्षाएं एक ही दिन में करा ली जाती थीं और परीक्षा के लिए पंजीकृत सभी अभ्यर्थी एक ही शिफ्ट में परीक्षा देते थे। ऐसे में एक समान मूल्यांकन की अलग से कोई जरूरत ही नहीं पड़ती थी। पहली बार परीक्षाएं दो दिन में होंगी, सो आयोग को नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया अपनानी पड़ी
दो दिन होगी पीसीएस और आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा, कॉपियों के एक समान मूल्यांकन के लिए ऐसे किया जाएगा नॉर्मलाइजेशन, देखें फॉर्मूला
प्रयागराज। पर्याप्त संख्या में परीक्षा केंद्र उपलब्ध नहीं होने पर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा- 2024 और समीक्षा अधिकारी (आरओ)/ सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) प्रारंभिक परीक्षा-2023 दो दिन कराने का निर्णय लिया है। अभ्यर्थियों के एक समान मूल्यांकन के लिए आयोग ने प्रसामान्यीकरण (नॉर्मलाइजेशन) लागू करने का निर्णय लिया है, जो पूरी तरह से कंप्यूटर आधारित होगा।
पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा सात एवं आठ दिसंबर को प्रदेश के 41 जिलों में दो सत्रों में सुबह 9:30 से 11:30 और अपराह्न 2:30 से 4:30 बजे होगी। इसके अलावा आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा 22 और 23 दिसंबर को तीन पालियों में होगी।
22 दिसंबर को पहली पाली की परीक्षा सुबह नौ से दोपहर 12 बजे, दूसरी पाली की अपराह्न 2:30 से शाम 5:30 बजे और 23 दिसंबर को तीसरी पाली की परीक्षा सुबह नौ से दोपहर 12 बजे तक होगी।
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