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Wednesday, August 27, 2025

राजकीय, अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक व प्रवक्ता भर्ती के लिए अर्हता संबंधी नियमावली के बाद अब परीक्षा प्रारूप भी हो सकता है एक समान

राजकीय, अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक व प्रवक्ता भर्ती के लिए अर्हता संबंधी नियमावली के बाद अब परीक्षा प्रारूप भी हो सकता है एक समान

अशासकीय व राजकीय विद्यालयों में शिक्षक भर्ती के अलग-अलग हैं मानक


प्रयागराज। राजकीय, अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक व प्रवक्ता भर्ती के लिए अर्हता संबंधी नियमावली एक समान होने के बाद दोनों प्रकार के विद्यालयों में शिक्षक भर्ती परीक्षा का प्रारूप भी एक समान किया जा सकता है।


दरअसल, राजकीय व अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में एक ही पाठ्यक्रम पढ़ाया जाता है। ऐसे में सवाल उठते रहे हैं कि एक ही प्रकार का पाठ्यक्रम पढ़ाने के लिए शिक्षकों की अर्हता और परीक्षा प्रारूप में अंतर कैसे हो सकता है। उदाहरण के तौर पर अशासकीय विद्यालयों में प्रवक्ता (पीजीटी) के पदों पर भर्ती लिखित परीक्षा व इंटरव्यू के माध्यम से होती है। सहायक अध्यापक (टीजीटी) के पदों पर एकल लिखित परीक्षा के माध्यम से भर्ती की जाती है।

वहीं, राजकीय विद्यालयों में इस बार सहायक अध्यापक (एलटी ग्रेड शिक्षक) के पदों पर दो स्तरीय परीक्षा (प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा) के माध्यम से भर्ती होने जा रही है। साथ ही प्रवक्ता के पदों पर भी प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा के माध्यम से भर्ती होती है।

इसी तरह अशासकीय व राजकीय विद्यालयों में शिक्षक भर्ती की अर्हता में भी अंतर था लेकिन पिछले दिनों शासन ने दोनों प्रकार के विद्यालयों में शिक्षक भर्ती के लिए अर्हता संबंधी एक समान नियमावली लागू कर विवाद पर विराम लगा दिया।

ऐसे में परीक्षा प्रारूप को भी एक समान किया किया जा सकता है। उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के सूत्रों को कहना है कि टीजीटी-पीजीटी की नई भर्ती आने पर आयोग इस बारे में विचार कर सकता है। ऐसे में टीजीटी व पीजीटी के पदों पर भर्ती के लिए भी प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा आयोजित कराई जा सकती है।

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