राजकीय डिग्री कॉलेज असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती में मेरिट समान तो लिखित के अंकों पर चयन, 1252 पदों पर जल्द विज्ञापन जारी होने की उम्मीद
उत्तर प्रदेश के राजकीय डिग्री कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए दो या अधिक अभ्यर्थियों की मेरिट के अंक समान होने पर लिखित परीक्षा के अंकों के आधार पर चयन होगा। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने इस बार से स्क्रीनिंग परीक्षा में बहुविकल्पीय प्रश्नों की बजाय विस्तृत उत्तरीय प्रश्न पूछने का निर्णय लिया है। खास बात यह है कि लिखित परीक्षा के अंक अंतिम परिणाम में भी जुड़ेंगे।
पूर्व में अभ्यर्थियों की छंटनी के मकसद से होने वाली स्क्रीनिंग परीक्षा में केवल बहुविकल्पीय प्रश्न होते थे और उसके बाद साक्षात्कार के आधार पर चयन होता था। पहले स्क्रीनिंग परीक्षा के अंक अंतिम परिणाम में नहीं जोड़े जाते थे। अब स्क्रीनिंग परीक्षा के 75%अंक और साक्षात्कार के 25% अंकों को मिलाकर श्रेष्ठता सूची (मेरिट) बनाई जाएगी और उसके आधार पर चयन होगा।
चयन में साक्षात्कार की तुलना में लिखित परीक्षा को अधिक महत्व देने का निर्णय लिया गया है। इसमें भी यदि दो या अधिक अभ्यर्थियों के अंक बराबर होते हैं तो जिस अभ्यर्थी के अंक लिखित परीक्षा में अधिक होंगे उसका चयन किया जाएगा। यदि दो या अधिक अभ्यर्थी लिखित परीक्षा में भी समान अंक प्राप्त करते हैं तो आयु में ज्येष्ठ अभ्यर्थी का नाम सूची में ऊपर रखा जाएगा। असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए कुल 1252 पदों पर जल्द विज्ञापन जारी होने की उम्मीद है।
प्रयागराज । राजकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 562 पदों का अधियाचन पूर्व में भेजे जाने के बाद अब उच्च शिक्षा निदेशालय ने 46 नए राजकीय महाविद्यालयों में सृजित व अन्य रिक्त सहित 690 पदों का नया अधियाचन शासन को भेजा है। इस तरह अब शासन से नया अधियाचन प्राप्त होने के बाद उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग इसे पुराने में जोड़कर असिस्टेंट प्रोफेसर के कुल 1252 पदों की भर्ती का विज्ञापन जारी करेगा। इस बार भर्ती प्रक्रिया में बदलाव किया गया है।
पहली बार है कि लोक सेवा आयोग की असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती प्रक्रिया प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा एवं साक्षात्कार के माध्यम से पूरी होगी। अभी तक स्क्रीनिंग एवं साक्षात्कार के आधार पर नियुक्ति होती थी, लेकिन स्क्रीनिंग के अंक नहीं जुड़ते थे। चयन प्रक्रिया में किए गए बदलाव पर कैबिनेट की मंजूरी मिल चुकी है।
प्रदेश में अभी तक 171 राजकीय महाविद्यालय संचालित थे। इधर, 71 नए महाविद्यालय निर्मित किए गए, लेकिन इसमें से 23 को शासन ने संघटक (विश्वविद्यालय द्वारा संचालित) महाविद्यालय के रूप में संचालित करने का निर्णय लिया। शेष 46 महाविद्यालयों को राजकीय में शामिल किया गया। इस तरह अब प्रदेश में राजकीय महाविद्यालयों की संख्या 217 हो गई है। इन 46 महाविद्यालयों के पदों तथा इस बीच रिक्त हुए अन्य पदों को जोड़ते हुए उच्च शिक्षा निदेशक डा. अमित भारद्वाज ने 690 और पदों का अधियाचन भेज दिया है।
राजकीय महाविद्यालयों में 2010 में हुई 2007 की असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती में साक्षात्कार के साथ स्क्रीनिंग प्रक्रिया लागू की गई थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा पर यह बदलाव चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता के लिए किया गया, क्योंकि साक्षात्कार के आधार पर नियुक्ति दिए जाने से पारदर्शिता और मेरिट को लेकर प्रश्न उठते थे। इसके अलावा उच्च शिक्षा निदेशक ने बताया कि प्राचार्य के रिक्त पद पदोन्नति के माध्यम से भरे जाएंगे।
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