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Tuesday, April 4, 2023

शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन की घोषणा के बाद प्रयागराज में इसका मुख्यालय बनाए जाने की तैयारी

प्रतियोगियों के दबाव से चयन बोर्ड परिसर बन सकता है नया मुख्यालय

प्रयागराज में शिक्षा सेवा चयन आयोग का मुख्यालय बनने से चार लाख प्रतियोगियों को मिलेगी राहत


प्रयागराज  : प्रदेश सरकार ने शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन की घोषणा कर दी है और प्रयागराज में इसका मुख्यालय बनाए जाने की तैयारी है। चर्चा है कि उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की बिल्डिंग को नए आयोग का मुख्यालय बनाया जा सकता है।

इससे पहले भी जब शिक्षक भर्ती करने वाले सभी आयोगों एवं बोर्ड को मिलाकर नए शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन की बात हुई थी, तब माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की बिल्डिंग को ही नए आयोग का मुख्यालय बनाए की तैयारी की गई थी, लेकिन कुछ वर्षो तक नए आयोग के गठन पर कोई बात ही नहीं हुई।


कुछ दिनों पहले जब नए आयोग गठन को लेकर नए सिरे से तैयारियां शुरू की गई तो फिर यह मुद्दा उठा कि नए आयोग का मुख्यालय कहां बनेगा। प्रतियोगी छात्र मांग करने लगे कि मुख्यालय प्रयागराज में ही होना चाहिए। इसके पीछे उनका अपना तर्क था कि प्रयागराज में तकरीबन चार लाख प्रतियोगी छात्र रहते हैं। अगर मुख्यालय यहां नहीं बनाया गया तो छात्रों को काफी दिक्कत होगी।


छात्रों का यह तर्क भी था कि बेसिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा में शिक्षक भर्ती करने वाली संस्थाओं के मुख्यालय प्रयागराज में ही हैं। ऐसे में जब तीनों को मिलाकर एक आयोग का गठन किया जा रहा है तो उसका मुख्यालय भी प्रयागराज में होना चाहिए। प्रतियोगी छात्रों का यह दबाव काम भी आया। इससे पहले प्रभारी मंत्री स्वतंत्र देव सिंह और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य भी यह स्पष्ट कर चुके हैं कि प्रयागराज से किसी भी विभाग का मुख्यालय शिफ्ट नहीं किया जाएगा।


प्रयागराज में मुख्यालय कहां बनेगा, इस सवाल का पहला जवाब एलनगंज स्थित उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड का परिसर है। यह सरकारी परिसर है और जगह भी पर्याप्त है। उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग किराये के भवन में संचालित किया जाता है। वहीं, बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में शिक्षक भर्ती सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय कराता है, जिसका परिसर सरकारी है।


परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय परिसर में पर्याप्त जगह नहीं है। यह कार्यालय चयन बोर्ड के ठीक सामने है। हालांकि, नए शिक्षा सेवा चयन आयोग को डीएलएड परीक्षा कराने की जिम्मेदारी भी सौंपी जा रही है, जो अब तक परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय के पास थी। ऐसे में नए आयोग के गठन के बाद चयन बोर्ड के साथ परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय परिसर का प्रयोग भी किया जा सकता है।


कई जिले के छात्रों को मिलेगी सहूलियत

प्रयागराज पूर्वाचल के गाजीपुर, देवरिया, बलिया, आजमगढ़, जीनपुर, महराजगंज, गोरखपुर, बस्ती, मऊ समेत कई जिलों के छात्र प्रयागराज में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं। वहीं, इलाहाबाद विश्वविद्यालय में भी आधे से अधिक छात्र पूर्वाचल के रहने वाले हैं। ऐसे में पूर्वांचल की राजनीति में अपनी जगह बनाए रखने के लिए सत्ताधारी दल पर प्रयागराज में मुख्यालय बनाए जाने का काफी दबाव भी है।

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