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Tuesday, April 4, 2023

सपा शासन में हुईं पशुधन प्रसार अधिकारियों की सेवाएं समाप्त करने की तैयारी, ज्यादातर उत्तर पुस्तिकाओं में ओवरराइटिंग की पुष्टि हुई

पशुधन प्रसार अधिकारियों की भर्ती घोटाले में पूर्व मंत्री और रिटायर अफसर पर दर्ज होगा केस


शासन ने सपा शासनकाल में प्रदेश के 17 मंडलों में पशुधन प्रसार अधिकारियों के 1198 पदों पर भर्ती में हुए घोटाले में तत्कालीन पशुधन मंत्री राज किशार सिंह व तत्कालीन प्रमुख सचिव योगेश कुमार पर मुकदमा चलाने की अनुमति दी है।


फिरोज गांधी इंस्टीट्यूट रायबरेली के तत्कालीन निदेशक राम प्रताप शर्मा और तत्कालीन सिस्टम एडमिन मो. इशरत हुसैन के खिलाफ भी मुकदमा चलाया जाएगा। इससे इस भर्ती में चयनित सभी 1005 पशुधन प्रसार अधिकारियों की नौकरी पर भी तलवार लटक गई है। इन्हें भी सेवा से बर्खास्त किए जाने का फैसला लिया जा सकता है। 


एसआईटी की जांच में पाया गया कि तत्कालीन पशुधन मंत्री राज किशोर सिंह के संरक्षण में अफसरों ने भर्तियों में जमकर मनमानी की थी। पशुधन प्रसार अधिकारियों की भर्ती प्रक्रिया में नियमों को ताक पर रख दिया गया। एसआईटी ने जांच रिपोर्ट के आधार पर पूर्व मंत्री समेत चार के विरुद्ध अभियोजन की स्वीकृति मांगी थी



सपा शासन में हुईं पशुधन प्रसार अधिकारियों की सेवाएं समाप्त करने की तैयारी, ज्यादातर उत्तर पुस्तिकाओं में ओवरराइटिंग की पुष्टि हुई


उत्तर प्रदेश में वर्ष 2013-14 में 1148 पशुधन प्रसार अधिकारियों की भर्ती के लिए 100 के बजाय 80 नंबरों के लिए लिखित परीक्षा कराई गई। जबकि, 20 नंबर साक्षात्कार के लिए रखे गए। इस भर्ती घोटाले की जांच योगी सरकार ने 28 दिसंबर 2017 को एसआईटी को सौंपी थी।

सपा शासन में हुए पशुधन प्रसार अधिकारी भर्ती घोटाले में शासन कड़ा निर्णय लेने जा रहा है। फोरेंसिक लैब की रिपोर्ट में ज्यादातर उत्तर पुस्तिकाओं में ओवरराइटिंग की पुष्टि हुई है। हाईकोर्ट ने भी पूरे मामले में कड़ा रुख अपनाया है। इसलिए इन अधिकारियों की सेवाएं समाप्त करने की तैयारी की जा रही है।




उत्तर प्रदेश में वर्ष 2013-14 में 1148 पशुधन प्रसार अधिकारियों की भर्ती के लिए 100 के बजाय 80 नंबरों के लिए लिखित परीक्षा कराई गई। जबकि, 20 नंबर साक्षात्कार के लिए रखे गए। इस भर्ती घोटाले की जांच योगी सरकार ने 28 दिसंबर 2017 को एसआईटी को सौंपी थी। एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर 28 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। वहीं, 22 अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाने की अनुमति दी जा चुकी है।


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत पुलिस एसआईटी ने पूरे मामले में तत्कालीन पशुधन मंत्री राज किशोर सिंह और उनके प्रमुख सचिव योगेश कुमार के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति भी मांगी है। उच्चपदस्थ सूत्रों के मुताबिक, जांच में प्रथमदृष्टया ही उत्तर पुस्तिकाओं में किया गया खेल सामने आ गया। उत्तर पुस्तिकाओं में इतनी ज्यादा ओवरराइटिंग है कि जांच में शामिल अधिकारी भी हैरान रह गए।


गलत ढंग से चयनित अभ्यर्थियों के खिलाफ कार्रवाई होने पर उन्हें अदालत से भी कोई राहत न मिल सके, इसलिए 469 चयनित अभ्यर्थियों और 223 चयनित न होने वाले अभ्यर्थियों की ओएमआर शीट फोरेंसिक साइंस लैब में जांच के लिए भेजी गईं। उच्चपदस्थ सूत्रों के मुताबिक, जांच रिपोर्ट में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। अगर गड़बड़ नहीं हुई होती तो जो अभ्यर्थी चयनित नहीं किए गए, उनके नंबर चयनित अभ्यर्थियों से कहीं ज्यादा होते।


क्या पूरी भर्ती प्रक्रिया रद्द होगी
 शासन के एक उच्चपदस्थ सूत्र बताते हैं कि अधिकतर आंसरशीट में गंभीर गड़बड़ियां हैं। यह साबित हो चुका है कि भर्ती प्रक्रिया दूषित एवं त्रुटिपूर्ण है। अब यह निर्णय उच्चस्तर पर लिया जाना है कि भर्ती प्रक्रिया रद्द की जाए या जहां गड़बड़ मिली हैं, उनकी सेवाएं समाप्त करके नियमानुसार आगे की विधिक कार्रवाई की जाए। साथ ही कहा कि सभी की सेवाएं समाप्त किए जाने की ज्यादा संभावना है।


सपा शासन में हुईं इन भर्तियों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया था। मामला कोर्ट में विचाराधीन है। सरकार सीएम की भ्रष्टाचार की जीरो टॉलरेंस की नीति और कोर्ट की भावना के अनुरूप कठोर निर्णय लेगी।-धर्मपाल सिंह, पशुधन मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार


जिम्मेदार अफसरों पर होगी कार्रवाई : प्रमुख सचिव

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट में प्रमुख सचिव पशुपालन ने मंगलवार को पशुधन प्रसार अधिकारी भर्ती में घोटाले के मामले में अनुपालन हलफनामा दाखिल कर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया। इस पर कोर्ट ने उन्हें दो सप्ताह का समय देते हुए मामले की सुनवाई के लिए 12 अप्रैल की तिथि तय कर दी। यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक चौधरी ने मोहम्मद अकरम की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। 


इसके पहले कोर्ट ने सुनवाई कर मामले में आदेश का अनुपालन न करने पर प्रमुख सचिव पशुपालन को 28 मार्च को तलब किया था। कोर्ट ने कहा है कि प्रमुख सचिव पूरे रिकॉर्ड के साथ उपस्थित होंगे। कोर्ट ने अनुपालन हलफनामे को रजिस्ट्री के जरिये दाखिल करने का निर्देश दिया।

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