एलटी ग्रेड : छह साल में पूरी नहीं हुई रिकॉर्ड बदलने की जांच
प्रयागराज : प्रदेश के राजकीय विद्यालयों में सहायक अध्यापक (एलटी ग्रेड) शिक्षकों की भर्ती के लिए यूपी बोर्ड के मूल रिकॉर्ड बदलने की जांच छह साल में पूरी नहीं हो सकी। बोर्ड के प्रयागराज क्षेत्रीय कार्यालय के बाबुओं ने वर्ष 2016 में शैक्षणिक मेरिट (हाईस्कूल, इंटर, स्नातक) के आधार पर सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए मोटी रकम लेकर कुछ अयोग्य अभ्यर्थियों के 10वीं-12वीं के मूल रिकॉर्ड बदल दिए थे।
प्रारंभिक जांच में पांच स्कूलों के हाईस्कूल के 73 व इंटर के 76 परीक्षार्थियों के नंबर बदलकर उन्हें अनुचित लाभ पहुंचाने की कोशिश की पुष्टि हुई थी। भ्रष्ट बाबुओं ने इन स्कूलों के रिकॉर्ड भी बदल दिए थे ताकि बाद में सत्यापन में खेल का पता न चले। इनमें से पांच छात्र ऐसे थे जिनका चयन फर्जी दस्तावेज के आधार पर सहायक अध्यापक (एलटी ग्रेड) भर्ती में हो गया था। हालांकि उसके बाद जांच पर जांच कराई जाती रही और आज छह साल का समय बीतने के बावजूद इस भ्रष्टाचार की जांच पूरी नहीं हो सकी है। जांच पूरी न होने के कारण क्षेत्रीय कार्यालय से वैयक्तिक सहायक के पद से 31 अक्टूबर को सेवानिवृत्त अश्वनी कुमार त्रिपाठी को अब तक पूरी पेंशन नहीं बन सकी है।
अश्वनी कुमार त्रिपाठी की ओर से हाईकोर्ट में दायर याचिका में चार अगस्त को सुनवाई के दौरान बोर्ड के अधिवक्ताओं का कहना था कि अब तक इस मामले की जांच पूरी नहीं हो सकी है। मजे की बात है कि पूर्व की जांचों में दोषी मिले छह कर्मचारियों को पेंशन और वेतन मिल रहा है।
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