उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के बाहर जबर्दस्त धरना प्रदर्शन, PCS और RO/ARO परीक्षा एक दिन में कराने की मांग, सांसत में लोक सेवा आयोग
नॉर्मलाइजेशन के विरोध में उमड़े प्रतियोगी छात्र
एक दिन की परीक्षा के लिए सड़क पर उतरे सैकड़ों छात्र, चक्काजाम छह घंटे तक जारी रहा धरना-प्रदर्शन, छात्रों के बीच पहुंचे यूपीपीएससी के सचिव
प्रयागराज। पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा-2024 और आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा-2023 एक ही दिन कराए जाने की मांग को लेकर सोमवार को सैकड़ों छात्र सड़क पर उतर आए। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के सामने छह घंटे तक चक्का जाम रहा। अंत में आयोग के सचिव को छात्रों के बीच आना पड़ा। जल्द ही स्थिति स्पष्ट किए जाने के आश्वासन पर छात्र वहां से हटे।
प्रतियोगी छात्र सुबह 11 बजे आयोग के गेट नंबर-दो के सामने इकट्ठा हुए और चक्काजाम कर दिया। आयोग के चौराहे से सिविल लाइंस हनुमान मंदिर चौराहे वाली सड़क पर आवागमन ठप हो गया। पुलिस ने भी मार्ग पर बैरिकेडिंग लगा दी। अभ्यर्थी चाहते थे कि आयोग के अफसर उनके बीच आकर स्पष्ट करें कि पीसीएस और आरओ/एआरओ परीक्षाएं एक दिन में पूरी होंगी या दो दिन कराई जाएंगी।
हालांकि, अभ्यर्थी इस मांग को लेकर ही धरना देने पहुंचे थे कि परीक्षाएं पूर्व की भांति एक ही दिन में कराई जाएं, क्योंकि अलग-अलग दिनों में परीक्षा कराने पर अभ्यर्थियों के एक समान मूल्यांकन के लिए मानकीकरण (नॉर्मलाइजेशन) होगा, जिसकी आड़ में गड़बड़ी और भ्रष्टाचार की आशंका बनी रहेगी।
धरना-प्रदर्शन के दौरान आयोग की तरफ से अभ्यर्थियों के एक प्रतिनिधिमंडल को वार्ता के लिए आमंत्रित किया गया लेकिन अभ्यर्थी चाहते थे कि आयोग के जिम्मेदार अफसर उनके बीच आकर बात करें। इस बीच गेट नंबर-दो के बाहर इकट्ठा अभ्यर्थी बीच-बीच में नारेबाजी भी करते रहे। सुरक्षा के मद्देनजर वहां बड़ी संख्या में में पुलिस फोर्स तैनात रही।
शाम साढ़े चार बजे के आसपास आयोग के सचिव अशोक कुमार पुलिस के सुरक्षा घेरे में अभ्यर्थियों के बीच पहुंचे। उन्होंने अभ्यर्थियों को बताया कि अभी यह तय नहीं है कि परीक्षा एक दिन में होगी या दो दिन में। आयोग मानक के अनुसार परीक्षा केंद्रों का निर्धारण कर रहा है। मानक के अनुसार केंद्र निर्धारण के बाद आकलन होगा कि एक दिन में परीक्षा का आयोजन संभव है या नहीं।
सचिव ने कहा कि केंद्र निर्धारण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद स्थिति स्पष्ट कर दी जाएगी। छात्रों ने उन्हें ज्ञापन सौंपा और शाम पांच के आसपास वहां से हट गए लेकिन इस बात पर अड़े रहे कि परीक्षा एक ही दिन में पूरी कराई जाए।
इस दौरान पंकज पांडेय, आशुतोष पांडेय, राजन त्रिपाठी, मोनू, रिंकू सिंह, संदीप यादव, प्रभात पांडेय सहित सैकड़ों अभ्यर्थी मौजूद रहे, जिनमें बड़ी संख्या में महिला अभ्यर्थी शामिल रहीं।
प्रयागराज । उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की सम्मिलित राज्य प्रवर अधीनस्थ सेवा (पीसीएस) प्रारंभिक परीक्षा 2024 को दो दिन में कराने की तैयारियों के बीच सोमवार को प्रतियोगी छात्रों का आक्रोश उबल पड़ा। दो दिन परीक्षा होने पर नॉर्मलाइजेशन के नाम पर गड़बड़ी से आशंकित सैकड़ों अभ्यर्थियों ने आयोग के गेट नंबर दो पर जमकर प्रदर्शन किया और नारेबाजी की। भारी फोर्स की मौजूदगी के बीच दोपहर बाद तकरीबन 3:15 बजे आयोग के सचिव अशोक कुमार ने प्रदर्शनकारियों से वार्ता कर साफ किया कि अभी आयोग ने दो दिन परीक्षा का कोई निर्णय नहीं लिया है। अभी जिलों से शासनादेश के अनुसार मानक केंद्रों की सूची मांगी गई है। सूची मिलने के बाद स्थिति साफ होगी की परीक्षा एक दिन में कराई जाएगी या दो दिन में, इसकी जानकारी भी छात्रों को दी जाएगी। छात्रों ने मांग किया कि पीसीएस 2024 और आरओ/एआरओ 2023 प्रारंभिक परीक्षा एक शिफ्ट में दिसंबर में आयोजित की जाए।
क्या है छात्रों का तर्क
छात्रों का तर्क है कि जब परीक्षाएं कई शिफ्ट में आयोजित की जाती हैं, तो अक्सर प्रश्नपत्रों के कठिनाई स्तर में एक कथित या वास्तविक अंतर होता है, जिससे उम्मीदवारों के बीच अनुचितता की भावना पैदा हो सकती है। ऐसे में नॉर्मलाइजेशन से होने वाली विसंगतियों को एक शिफ्ट में परीक्षा आयोजित करके, समाप्त किया जा सकता है। साथ ही यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि सभी उम्मीदवारों का समान स्तर पर मूल्यांकन हो। इसके अलावा एक शिफ्ट में परीक्षा आयोजित करने से लॉजिस्टिक मुद्दों, तकनीकी गडबडियों आदि की आशंका कम हो जाएगी, जो कई शिफ्टों से उत्पन्न हो सकती है।
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