प्रदेश के सभी जिलों में पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा कराने की तैयारी, केंद्र निर्धारण नीति सख्त होने से एक दिन में परीक्षा का आयोजन बना चुनौती
आरओ/एआरओ परीक्षा के लिए भी आयोग को हर जिले में बनाने होंगे केंद्र
07 अक्टूबर 2024
प्रयागराज। पुलिस भर्ती और समीक्षा अधिकारी (आरओ)/सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) प्रारंभिक परीक्षा-2023 में पेपर लीक की घटना के बाद शासन ने केंद्र निर्धारण के नियम इतने सख्त कर दिए हैं कि केंद्रों की अनुपलब्धता के कारण उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग अब प्रदेश के हर जिले में परीक्षा के लिए केंद्र ढूंढ़ रहा है।
निजी स्कूल-कॉलेजों को परीक्षा केंद्र बनाए जाने पर रोक लगा दी गई है। ऐसे में आयोग को पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा-2024 के लिए पर्याप्त संख्या में केंद्र नहीं मिल रहे हैं। आयोग के सामने एक ही दिन में परीक्षा का आयोजन करा पाना बड़ी चुनौती है।
अगर आयोग प्रदेोश के सभी 75 जिलों में केंद्रों की व्यवस्था कर लेता है तो भी एक दिन में परीक्षा करा पाना मुश्किल होगा। कांस्टेबल भर्ती के लिए एक दिन में तकरीबन 4.80 लाख अभ्यर्थियों की परीक्षा कराई गई थी। जबकि, पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा-2024 के लिए 576154 अभ्यर्थी पंजीकृत हैं।
पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा-2023 जहां प्रदेश के 51 जिलों के 1241 केंद्रों में आयोजित की गई थी और परीक्षा के लिए 565459 अभ्यर्थी पंजीकृत थे। दोनों परीक्षाओं में अभ्यर्थियों की संख्या में मामूली अंतर है।
आयोग के सूत्रों का कहना है कि अगर प्रदेश के सभी जिलों में सरकारी और एडेड स्कूल-कॉलेजों को भी केंद्र बनाया जाता है तो एक दिन में परीक्षा करा पाना मुश्किल होगा।
वहीं, 11 फरवरी 2024 को आरओ/एआरओ प्रारंभिक 2023 प्रदेश के 58 जिलों के 2387 केंद्रों में आयोजित की गई थी। पुनर्परीक्षा 22 दिसंबर 2024 को प्रस्तावित है और इस परीक्षा के लिए 1076004 अभ्यर्थी पंजीकृत हैं।
आयोग के सूत्रों का कहना है कि आरओ/एआरओ परीक्षा के लिए भी प्रदेश के सभी जिलों में केंद्र बनाए जाने की योजना है। हालांकि, इसके बाद भी परीक्षा एक दिन में नहीं हो सकेगी।
केंद्र नहीं मिले तो टल सकती है PCS प्रारंभिक परीक्षा, आयोग के पास दो दिन परीक्षा कराने का भी विकल्प, पर अभ्यर्थी कर रहे विरोध
आरओ/एआरओ की परीक्षा योजना में संशोधन के बाद अब पीसीएस प्री पर नजर
01 अक्टूबर 2024
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) को सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा (पीसीएस) प्रारंभिक परीक्षा-2024 के लिए केंद्र नहीं मिल पा रहे हैं। आयोग के कैलेंडर में प्रारंभिक परीक्षा 27 अक्तूबर को प्रस्तावित है। परीक्षा के आयोजन में एक माह से कम वक्त बचा है। ऐसे में परीक्षा टाली जा सकती है
हालांकि, आयोग ने अभी कोई निर्णय नहीं लिया है। पूर्व में आयोग के सचिव की ओर से जिलाधिकारियों को जारी पत्र में स्पष्ट किया गया था कि पर्याप्त वं संख्या में केंद्र न मिल पाने के कारण आयोग ने प्रारंभिक परीक्षा दो दिन कराने का विकल्प भी रखा है। वहीं, अभ्यर्थी इसका विरोध कर रहे हैं और उनका कहना है कि दो दिन परीक्षा कराने से मानकीकरण (नॉर्मलाइजेशन) में गड़बड़ी की आशंका बनी रहेगी।
दो दिन परीक्षा होगी तो अलग- अलग प्रश्नपत्र आएंगे और अभ्यर्थियों का एक समान मूल्यांकन नहीं हो सकेगा। वहीं, यूपीपीएससी के सूत्रों का कहना है कि आयोग अब भी प्रयास में है कि किसी तरह केंद्रों की व्यवस्था हो जाए तो पूर्व की भांति प्रारंभिक परीक्षा एक ही दिन में करा ली जाए। परीक्षा केंद्र के लिए विश्वविद्यालयों और इंजीनियरिंग कॉलेज से भी बात की गई है।
फिलहाल पर्याप्त संख्या में केंद्रों की व्यवस्था न हो पाने की स्थिति में आयोग के सामने दो ही विकल्प रह जाएंगे। पीसीएस की प्रारंभिक परीक्षा टाल दी जाए या परीक्षा दो दिन कराई जाए। परीक्षा के आयोजन में एक माह से कम वक्त बचा है और आयोग पर एक ही दिन में परीक्षा कराने का दबाव भी है। ऐसे में केंद्रों की व्यवस्था न हो पाने की कि स्थिति में परीक्षा टलने के आसार अधिक होंगे।
पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा-2024 के तहत 220 पदों पर भर्ती के लिए 576154 अभ्यर्थियों ने आवेदन किए हैं। शासन की ओर से परीक्षा संबंधी नई गाइडलाइन में प्रावधान किया गया है कि निजी स्कूल कॉलेज परीक्षा केंद्र नहीं बनाए जाएंगे और पांच लाख से अधिक अभ्यर्थी होने पर परीक्षा दो दिन कराई जाएगी।
लेकिन पीसीएस परीक्षा को इस प्रावधान से अलग रखा गया है और पूर्व की भांति परीक्षा एक ही दिन में कराने की विशेष छूट दी गई है। अभ्यर्थी भी चाहते हैं कि परीक्षा एक ही दिन में कराई जाए। इस बीच आयोग ने आरओ/एआरओ की प्रारंभिक परीक्षा योजना में बदलाव करते हुए एक ही पाली में परीक्षा कराने का प्रावधान लागू कर दिया है। ऐसे में पीसीएस भर्ती के आवेदकों के बीच चर्चा है कि आयोग कहीं पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा में भी किसी बदलाव की तैयारी तो नहीं कर रहा है।
प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय का कहना है कि आयोग प्रारंभिक परीक्षा पर जल्द ही कोई निर्णय लेते हुए स्थिति स्पष्ट करे। साथ ही पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा में दो पालियों के बीच तीन घंटे के अंतराल को कम करके एक घंटे किया जाए ताकि, दूसरे जिलों से आने वाले परीक्षार्थियों को असुविधा न हो।
0 comments:
Post a Comment