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Saturday, October 5, 2024

पॉलिटेक्निक की खाली सीटों के लिए विशेष राउंड की काउंसिलिंग शुरू

पॉलिटेक्निक की खाली सीटों के लिए विशेष राउंड की काउंसिलिंग शुरू

7वें चरण की काउंसिलिंग में छह तक करनी होगी च्वॉइस फिलिंग

7 अक्तूबर को सीट अलॉटमेंट, 10 अक्टूबर तक लेना होगा प्रवेश

05 अक्टूबर 2024
लखनऊ। राजकीय, अनुदानित, पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप व निजी क्षेत्र के पॉलिटेक्निक संस्थानों की खाली सीटों के लिए विशेष चरण की काउंसिलिंग शुरू हो गई है। इस चरण में खाली एक लाख सीटों को भरने का प्रयास होगा।

सुप्रीम कोर्ट से प्रवेश को लेकर राहत मिलने के बाद इन सीटों को भरने का एक और अवसर मिला है। सेवायोजन डॉट कॉम ने 25 सितंबर को पॉलिटेक्निक की एक लाख सीटें खाली, भरने का मिलेगा मौका शीर्षक से खबर भी प्रकाशित की थी।

शासन के निर्देश पर संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद ने 7वें चरण की विशेष काउंसिलिंग शुरू कर दी है। इसके तहत सीट न मिलने वाले, कागजात का सत्यापन न कराने वाले विद्यार्थी छह अक्तूबर तक परिषद की वेबसाइट पर च्वॉइस भर सकेंगे। इनका सीट अलॉटमेंट सात अक्तूबर को जारी होगा।

अभ्यर्थियों को 8 से 10 अक्तूबर तक संबंधित संस्थान में उपस्थित होकर निर्धारित शुल्क जमाकर प्रवेश लेना होगा। इस दौरान कागजातों का सत्यापन भी होगा। अभ्यर्थी 10 अक्तूबर तक अपनी सीट भी विड्रा कर सकेंगे। शासन ने काफी समय होने से इस चरण में अभ्यर्थियों को सीधे संस्थान में जाकर प्रवेश लेने की व्यवस्था की है। काउंसिलिंग की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। इस चरण में यूपी के साथ अन्य चरण के अभ्यर्थी भी शामिल हो सकेंगे। 7वें चरण में अभ्यर्थियों को आवंटित सीट स्वतः फ्रीज होगी।

ऑनलाइन जमा करना होगा शुल्क

सीट आवंटन के बाद अभ्यर्थी को 3000 रुपये सीट स्वीकार्य व 250 रुपये काउंसिलिंग शुल्क पोर्टल पर ऑनलाइन जमा करना होगा। बता दें, प्रदेश में 150 सरकारी, 19 सहायता प्राप्त, 18 पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप व 270 निजी पॉलिटेक्निक संस्थानों में करीब 1.60 लाख सीटें हैं। छह चरण की काउंसिलिंग से सिर्फ 60 हजार सीटों पर ही प्रवेश हुआ है। सरकारी कॉलेजों की छह हजार व प्राइवेट की 94 हजार सीटें खाली हैं।



पॉलीटेक्निक की एक लाख सीटें खाली, भरने का मिलेगा मौका

25 सितम्बर 2024
लखनऊ। पॉलीटेक्निक संस्थानों में छह चरणों में आयोजित प्रवेश काउंसिलिंग के बाद भी कुल डेढ़ लाख सीटों के सापेक्ष लगभग एक लाख सीटें अभी खाली हैं। खास यह कि इसमें सरकारी कॉलेजों में भी लगभग छह हजार सीटें खाली हैं। ऐसे में अब सुप्रीम कोर्ट से प्रवेश के लिए अतिरिक्त समय मिलने के बाद राहत मिली है। 


प्राविधिक शिक्षा विभाग आल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) के आदेश का इंतजार कर रहा है। पॉलीटेक्निक संस्थानों में सरकारी कॉलेजों में भी लगभग छह हजार सीटें हैं खाली हैं।


इंजीनियरिंग व अन्य कोर्स (फार्मेसी छोड़कर) में प्रवेश की प्रक्रिया अभी 15 सितंबर तक पूरी हुई है। संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद के अनुसार प्रदेश में 150 सरकारी, 19 सहायता प्राप्त, 18 पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप व 270 प्राइवेट पॉलीटेक्निक हैं। इसमें लगभग 1.60 लाख सीटें हैं। प्रवेश काउंसिलिंग के माध्यम से लगभग 60 हजार सीटों पर ही प्रवेश हुआ है।


सरकारी कॉलेजों की 42 हजार में से लगभग छह हजार और प्राइवेट की 94 हजार सीटें खाली हैं। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट से प्रवेश के लिए लगभग एक महीने की राहत मिलने के बाद सरकारी व प्राइवेट कॉलेजों को सीटें भरने के लिए एक और मौका मिल सकता है। क्योंकि अभी डीफार्मा कोर्स में प्रवेश की प्रक्रिया होनी बाकी है।


 विभाग इसकी तैयारी में जुट गया है। हालांकि अभी उसे एआईसीटीई द्वारा जारी किए जाने वाले रिवाइज प्रवेश कैलेंडर का इंतजार है। 



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