10.76 लाख छात्रों की परीक्षा शुचितापूर्वक कराने को उठाया कदम
RO/ ARO परीक्षा में पैटर्न बदलने से डेढ़ दिन में होगी प्रारंभिक परीक्षा
दो प्रश्न पत्र की पुरानी व्यवस्था से प्री कराने में लग जाते तीन दिन
प्रयागराज । उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से समीक्षा अधिकारी (आरओ)/ सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) 2023 की प्रारंभिक परीक्षा के पैटर्न में किए गए बदलाव से 10,76,004 अभ्यर्थियों की परीक्षा डेढ़ दिन में ही पूरी हो जाएगी। पुरानी व्यवस्था से चलते तो आयोग को परीक्षा कराने में तीन दिन लग जाते।
परीक्षा केंद्रों की अनुपलब्धता और शुचितापूर्वक परीक्षा कराने के उद्देश्य से ही आयोग ने पैटर्न बदलने का निर्णय लिया है। सरकार की गाइडलाइन के अनुसार, सभी 75 जिले के राजकीय और सहायता प्राप्त माध्यमिक व उच्च शिक्षण संस्थान को परीक्षा केंद्र बनाने पर भी एक दिन में अधिकतम 4.80 लाख अभ्यर्थियों की परीक्षा ही कराई जा सकती है।
जैसा की पिछले महीने सिपाही भर्ती परीक्षा में देखने को मिला था। सभी केंद्रों की अधिकतम क्षमता का उपयोग करते तो भी पुराने पैटर्न पर आरओ/एआरओ की परीक्षा कराने में तीन दिन का समय लगता। इसे देखते हुए आयोग ने सामान्य अध्ययन और सामान्य हिंदी (सामान्य शब्द ज्ञान एवं व्याकरण) की अलग- अलग परीक्षा कराने की बजाय तीन घंटे का एक प्रश्नपत्र कराने का फैसला लिया है।
तीन घंटे की एक पाली होने के कारण 10,76,004 अभ्यर्थियों की परीक्षा तीन पाली में डेढ़ दिन में ही संपन्न हो जाएगी। इसका दूसरा लाभ यह मिलेगा कि कम समय में परीक्षा होने से शुचिता बनी रहती है। जितना अधिक समय परीक्षा कराने में लगेगा उतना अधिक उसमें सेंधमारी की आशंका बढ़ जाती है। गौरतलब है कि आरओ के 334 और एआरओ के 77 कुल 411 पदों के लिए आयोग की ओर से 11 फरवरी को 58 जिलों के 2387 केंद्रों पर प्रारंभिक परीक्षा आयोजित की गई थी।
प्रयागराज । उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने समीक्षा अधिकारी (आरओ)/सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) 2023 की प्रारंभिक परीक्षा में बड़ा बदलाव किया है। अब प्रारंभिक परीक्षा में सामान्य अध्ययन और सामान्य हिन्दी (सामान्य शब्द ज्ञान एवं व्याकरण) की अलग अलग परीक्षा की बजाय तीन घंटे का एक प्रश्नपत्र कराने का फैसला लिया है। इस संबंध में आयोग के परीक्षा नियंत्रक हर्षदेव पांडेय ने नौ अक्तूबर 2023 के विज्ञापन का शुद्धि पत्र सोमवार को जारी किया।
बदले पैटर्न में तीन घंटे के एक प्रश्नपत्र में पहले की तरह ही सामान्य अध्ययन के 140 और सामान्य हिन्दी के 60 प्रश्न वस्तुनिष्ठ प्रकार के होंगे। प्रत्येक प्रश्न का सही उत्तर देने पर एक अंक मिलेंगे। आयोग की ओर से 11 फरवरी को सुबह 9:30 से 11:30 बजे की पहली पाली में सामान्य अध्ययन और 2:30 से 3:30 बजे की दूसरी पाली में सामान्य हिन्दी की परीक्षा कराई गई थी।
हालांकि परीक्षा के बाद पेपर लीक को लेकर हुए हंगामे के बाद आयोग को परीक्षा निरस्त करनी पड़ गई थी। अब नए सिरे से परीक्षा की तैयारियों में जुटे लोक सेवा आयोग ने दो पालियों की बजाय एक पाली में ही दोनों प्रश्नपत्र की परीक्षा का निर्णय लिया है। खास बात यह है कि पाठ्यक्रम में कोई बदलाव नहीं किया गया है सिर्फ परीक्षा पैटर्न में बदलाव हुआ है।
RO/ARO पुनर्परीक्षा : प्रीलिम्स परीक्षा में महत्वपूर्ण बदलाव की घोषणा, सामान्य अध्ययन और हिंदी के प्रश्नपत्र होंगे एक साथ
RO/ARO पुनर्परीक्षा के प्रीलिम्स परीक्षा में महत्वपूर्ण बदलावों की घोषणा की गई है। अब GS (सामान्य अध्ययन) और हिंदी के प्रश्नपत्र एक साथ होंगे, जिससे अभ्यर्थियों को एक नई परीक्षा प्रणाली का सामना करना पड़ेगा।
नई व्यवस्था के अनुसार, GS के 140 प्रश्न और हिंदी के 60 प्रश्न मिलाकर कुल 200 प्रश्नों का पेपर एक ही सेट में प्रस्तुत किया जाएगा। यह परीक्षा एक ही OMR शीट पर आयोजित की जाएगी, जो कि अभ्यर्थियों के लिए एक नई चुनौती प्रस्तुत करती है।
अभ्यर्थियों को दोनों भागों के लिए मिलाकर कुल 3 घंटे का समय दिया जाएगा। इस बदलाव से यह उम्मीद की जा रही है कि अभ्यर्थियों को अधिक समग्र तैयारी करनी होगी, क्योंकि उन्हें दोनों विषयों को एक साथ संभालना होगा।
यह निर्णय अभ्यर्थियों की परीक्षा की तैयारी में महत्वपूर्ण बदलाव लाएगा, और यह देखना दिलचस्प होगा कि छात्र इस नए प्रारूप को कैसे अपनाते हैं। परीक्षार्थियों को सलाह दी जाती है कि वे अपने अध्ययन की रणनीतियों में बदलाव करें और दोनों विषयों के लिए समान ध्यान दें।
RO/ARO परीक्षा के संबंध में आगे की जानकारी और अपडेट के लिए अभ्यर्थियों को नियमित रूप से आधिकारिक वेबसाइट पर जाने की सलाह दी जाती है।
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