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Monday, September 2, 2024

UPESSC: अध्यक्ष मिलीं तो अब परीक्षा नियंत्रक का इंतजार

UPESSC: अध्यक्ष मिलीं तो अब परीक्षा नियंत्रक का इंतजार

नवगठित उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग में भर्तियों का काम पकड़ेगा रफ्तार

आयोग में अब तक परीक्षा नियंत्रक की नहीं हो सकी है तैनाती

 उप सचिव के चार पदों पर नियमित अफसरों की नियुक्ति नहीं

प्रयागराज । उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग को गठन के सालभर बाद प्रो. कीर्ति पांडेय के रूप में नियमित अध्यक्ष तो मिल गई हैं लेकिन परीक्षा नियंत्रक की नियुक्ति का इंतजार अब तक पूरा नहीं हो सका है। यही नहीं उपसचिव के चार सृजित पदों में से केवल एक पर कार्यवाहक उपसचिव कार्यरत हैं। ऐसे में नए आयोग को यदि सरकार और प्रतियोगी छात्रों की अपेक्षाओं के अनुरूप तेजी से चयन प्रक्रिया शुरू करनी है तो नियमित अधिकारियों की तैनाती आवश्यक है। 


इसमें परीक्षा नियंत्रक की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है। पारदर्शी एवं समयबद्ध तरीके से परीक्षाएं आयोजित करने के लिए नए आयोग में परीक्षा नियंत्रक का पद सृजित किया गया है। इस पद पर नियमित अधिकारी तो दूर कार्यवाहक तक की तैनाती नहीं की गई है।

 परीक्षा समिति का चेयरमैन आयोग का अध्यक्ष के अलावा वरिष्ठतम सदस्य, सचिव, परीक्षा नियंत्रक और उपसचिव शामिल होंगे। अधिनियम के अनुसार आयोग की परीक्षाओं के संचालन एवं उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन संबंधी सभी कार्यों का नियंत्रक प्राधिकारी परीक्षा नियंत्रक होगा जो आयोग एवं परीक्षा समिति के उपबंधों के अनुसार कार्य करेगा। 

इसके अलावा परीक्षा केंद्रों, केंद्र अधीक्षकों तथा कक्ष निरीक्षकों की व्यवस्था, परीक्षार्थियों को अनुक्रमांक आवंटन एवं प्रवेश पत्र की व्यवस्था, आवेदन पत्र आमंत्रित करने के लिए विज्ञापन के प्रक्रम में चयनित अभ्यर्थियों का पैनल अग्रसारित करने तक पदों की विभिन्न श्रेणियों के लिए अभ्यर्थियों के चयन की कार्यवाही, आवेदन पत्रों की समुचित और समय से संवीक्षा की जिम्मेदारी परीक्षा नियंत्रक की है।


कार्यभार ग्रहण नहीं कर सकीं नवनियुक्त अध्यक्ष

नवनियुक्त अध्यक्ष प्रो. कीर्ति पांडेय को सोमवार को लखनऊ में कार्यभार ग्रहण करना था लेकिन गोरखपुर विश्वविद्यालय से कार्यमुक्त नहीं होने के कारण वह कार्यभार ग्रहण नहीं कर सकीं। सूत्रों के अनुसार एक-दो दिन में उनके कामकाज संभालने की उम्मीद है।



UPESSC: प्रो0 कीर्ति पाण्डेय बनीं उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग की पहली अध्यक्ष, अब जोर पकड़ेगी लटकी हुई शिक्षक भर्तियों की प्रक्रिया

13 लाख युवाओं का खत्म होगा इंतजार

चयन आयोग में नए अध्यक्ष की तैनाती के साथ ही 5000 से अधिक शिक्षकों की भर्ती का रास्ता साफ हो गया है। टीजीटी, पीजीटी के 4100 से अधिक व प्रवक्ता, असिस्टेंट प्रोफेसर के 1000 से अधिक पदों पर भर्ती के लिए आवेदन लिए जा चुके हैं। दोनों भर्ती के लिए 13 लाख से अधिक आवेदन आए हैं। लेकिन अधिनस्थ सेवा चयन बोर्ड व उच्च शिक्षा सेवा चयन आयोग में अध्यक्ष की तैनाती न होने से भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही थी। अब नए अध्यक्ष के साथ ही इन भर्ती प्रक्रिया का रास्ता खुल गया है।


दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की प्रोफेसर कीर्ति पाण्डेय को उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग का पहला पूर्णकालिक अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। 

गोरखपुर। उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग को अपना पहला पूर्णकालिक अध्यक्ष मिल गया है। प्रो. कीर्ति पाण्डेय को आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है। प्रो. कीर्ति पाण्डेय वर्तमान में दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में कला संकाय की अध्यक्ष हैं।

डीडीयू के समाजशास्त्र विभाग की प्रोफेसर कीर्ति पाण्डेय के आयोग का अध्यक्ष बनाए जाने पर विश्वविद्यालय में जश्न का माहौल है। रविवार को सुबह से बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। सोशल मीडिया पर भी उन्हें बधाई दी जा रही है। कुलपति प्रो पूनम टंडन, कुलसचिव प्रो. शांतनु रस्तोगी, समाजशास्त्र के विभागाध्यक्ष प्रो. अनुराग द्विवेदी, प्रो. संगीता पाण्डेय, प्रो. सुभी धुसिया, प्रो. अंजू, डॉ मनीष पाण्डेय, डॉ पवन कुमार, डॉ प्रकाश प्रियदर्शी, दीपेन्द्र मोहन सिंह समेत सभी शिक्षकों व कर्मचारियों ने बधाई और शुभकामनाएं दी है।

प्रो. कीर्ति पाण्डेय का लंबा प्रशासनिक अनुभव है। वे जून 2023 से डीडीयू में डीन आर्ट्स हैं। वर्ष 2011-14 तक वे समाजशास्त्र की विभागाध्यक्ष रही हैं। वर्ष 2015 से 2017 तक वे डीडीयू स्थित यूजीसी-एचआरडीसी की निदेशक रही हैं। अक्तूबर 2021 में भारत सरकार द्वारा तीन साल के लिए नाथ ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी, शिलांग का विजिटर्स नॉमिनी नियुक्त किया गया था। वहां इसी महीने उनका कार्यकाल पूरा होगा। प्रो. कीर्ति राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्याल फैजाबाद, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी और सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु के बोर्ड ऑफ स्टडीज की सदस्य रही हैं। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ और आरएमएल अवध यूनिवर्सिटी में से रिसर्च डिग्री समिति की भी सदस्य रही हैं।

39 वर्षों का है शिक्षण अनुभव
उच्च शिक्षा में शिक्षक के रूप में प्रो. कीर्ति पाण्डेय का 39 वर्षों का लंबा अनुभव है। वर्ष 1985 में समाजशास्त्र विभाग में उन्होंने एडहॉक पर लेक्चरर के रूप में शिक्षण कार्य शुरू किया था। वर्ष 1987 में एसवी डिग्री कॉलेज, देवरिया में एजुकेशन सर्विस कमीशन की परीक्षा के जरिए नियुक्ति हुई थी। वर्ष 1988 में लेक्चरर के रूप में डीडीयू में स्थाई रूप से नियुक्त हुई थीं। डीडीयू में वर्ष 2006 से प्रोफेसर हैं।

इंडियन सोसाइटी एंड कल्चर में है विशेषज्ञता
प्रो. कीर्ति पाण्डेय की विशेषज्ञता ‘इंडियन सोसाइटी एंड कल्चर पर है। इस पर उन्होंने काफी काम भी किया है। सोशियोलॉजी ऑफ डेवलपमेंट उनका पसंदीदा क्षेत्र है।


बेसिक से उच्चतर शिक्षा तक करेगा नियुक्ति

उप्र शिक्षा सेवा चयन आयोग बेसिक और माध्यमिक से लेकर एडेड महाविद्यालयों तक में शिक्षक भर्ती करेगा। पहले इसके लिए अलग-अलग आयोग होते थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर एकीकृत शिक्षक भर्तियां करने के लिए उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग का अधिनियम 23 अगस्त 2023 को बनाया गया। इसमें एक अध्यक्ष 12 सदस्यों के पद सृजित किए गए थे। पूर्णकालिक अध्यक्ष की नियुक्ति होने तक एमपी अग्रवाल को कार्यवाहक अध्यक्ष का प्रभार दिया गया था।



गोरखपुर यूनिवर्सिटी की समाजशास्त्र विभाग की प्रो. कीर्ति पांडेय को उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। बीते वर्ष शासन ने प्रदेश में बेसिक शिक्षा से माध्यमिक व उच्च शिक्षा विभाग में शिक्षकों की भर्ती के लिए इस आयोग का गठन किया था।


इसके साथ ही आयोग के अध्यक्ष व 12 सदस्य पदों के लिए आवेदन मांगे गए थे किंतु सभी 12 सदस्यों की नियुक्ति 14 मार्च को कर दी गई पर सही अभ्यर्थी न मिलने के कारण दोबारा अध्यक्ष पद के लिए आवेदन मांगे गए थे।


इसके साथ ही प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा को 20 मार्च को आयोग का कार्यवाहक अध्यक्ष बनाया गया था। इस आयोग ने प्रयगागराज में कामकाज शुरू कर दिया था साथ ही पिछले दिनों सचिव पद पर भी तैनाती की जा चुकी है। हालांकि, नियमित अध्यक्ष की तैनाती न होने से नियुक्ति प्रक्रिया नहीं शुरू हो रही थी। अब पहले से माध्यमिक व उच्च शिक्षा विभाग में लंबित लगभग 20 हजार पदों पर भर्ती की प्रक्रिया गति पकड़ेगी।


बता दें कि प्रदेश में एकीकृत शिक्षक भर्ती के लिए इस आयोग का गठन किया गया है। अभी तक शिक्षक भर्तियां माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड व उच्च शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के माध्यम से अलग-अलग हो रही थीं। अब भर्ती प्रक्रिया इस आयोग के माध्यम से होंगी।

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