दो दिन परीक्षा हुई तो परिणाम को प्रभावित करेगा मानकीकरण
अभ्यर्थियों ने उठाए सवाल, जब शासन ने दी है छूट तो एक दिन में क्यों नहीं हो पा रही है PCS परीक्षा?
पीसीएस-2022 में छह लाख से अधिक अभ्यर्थी होने के बावजूद एक दिन में कराई प्रारंभिक परीक्षा
पीसीएस-2024 के विज्ञापन में मानकीकरण का कोई प्रावधान भी नहीं किया गया
24 सितम्बर 2024
प्रयागराज। पीसीएस-2024 की प्रारंभिक परीक्षा 27 अक्तूबर को प्रस्तावित है। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) पर्याप्त संख्या में केंद्रों की व्यवस्था न हो पाने के कारण इस परीक्षा को दो दिन 26 एवं 27 अक्तूबर को कराने की तैयारी में है। अभ्यर्थी इसका विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि दो दिन परीक्षा कराने पर मानकीकरण (नॉर्मलाइजेशन) परीक्षा परिणाम प्रभावित करेगा।
की ओर से जारी की गई भर्ती परीक्षाओं से संबंधित नई गाइडलाइन में पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा एक दिन में कराने के लिए यूपीपीएससी को विशेष छूट दी गई है। आखिर, आयोग पूर्व की भांति एक ही दिन में प्रारंभिक परीक्षा क्यों नहीं करा पा रहा है।
को इस मसले पर अभ्यर्थियों ने सोमवार को जिला प्रशासन के माध्यम से सीएम को ज्ञापन प्रेषित किया। साथ ही आयोग में भी ज्ञापन दे कर अपनी समस्या बताई। अभ्यर्थी र वाल उठा रहे हैं कि जब शासन
वहीं, आयोग के सचिव की ओर से पूर्व में सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर बताया जा चुका है कि पर्याप्त संख्या में केंद्रों की व्यवस्था न हो पाने के कारण आयोग ने पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा दो दिन में कराने का विकल्प भी रखा है। इसी वजह से आयोग ने जिलाधिकारियों से 27 अक्तूबर को परीक्षा के लिए प्रस्तावित केंद्रों की लिस्ट 26 अक्तूबर के लिए भी मांग ली है। अगर पर्याप्त संख्या में केंद्रों की व्यवस्था नहीं हो पाती है तो 27 अक्तूबर के लिए जो केंद्र प्रस्तावित किए गए हैं, उन्हीं केंद्रों में 26 अक्तूबर को भी परीक्षा करा ली जाएगी।
दरअसल, परीक्षा केंद्र निर्धारण के नियम सख्त किए जाने और निजी शिक्षण संस्थानों को परीक्षा केंद्र बनाए जाने पर रोक लगा दिए जाने से परीक्षा के लिए केंद्र निर्धारण बड़ी समस्या बन गई है। इसी वजह से भर्ती संस्थाओं के लिए दूसरी चुनौतियां भी बढ़ गई हैं। वहीं, अभ्यर्थियों का कहना है कि दो दिन परीक्षा कराने पर एक समान मूल्यांकन नहीं हो सकेगा।
मानकीकरण की समस्या ने पूर्व में भी विभिन्न परीक्षा परिणामों में बाधा उत्पन्न की है। यह उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग समेत अन्य आयोगों/बोर्ड में विधिक विवाद का विषय रहा है। अभ्यर्थियों का कहना है कि पीसीएस-2022 में 6,02,974 अभ्यर्थी थे और प्रारंभिक परीक्षा एक ही दिन में करा ली गई थी। जबकि, पीसीएस-2024 में इससे कम 576154 अभ्यर्थी शामिल हो रहे हैं तो परीक्षा दो दिन कराने की क्या जरूरत है। अभ्यर्थी चाहते हैं कि पूर्व की भांति इस बार भी पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा एक ही दिन में कराई जाए।
दो दिन परीक्षा कराने से नहीं हो सकेगा एक समान मूल्यांकन, आरओ/एआरओ और पीसीएस प्री परीक्षा दो दिन कराने का शुरू किया विरोध
20 सितंबर 2024
प्रयागराज। पर्याप्त संख्या में परीक्षा केंद्र उपलब्ध न होने के कारण उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा- 2024 और आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा- 2023 दो दिन कराने का विकल्प भी तैयार कर रखा है। अभ्यर्थियों ने अभी से इसका विरोध शुरू दिया है। पूर्व की भांति परीक्षा एक ही दिन कराए जाने की मांग को लेकर बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री और यूपीपीएससी को ज्ञापन प्रेषित किया गया।
अभ्यर्थी सवाल उठा रहे हैं कि एक दिन की परीक्षा दो दिन में कराई जाएगी तो प्रश्नपत्र भी अलग-अलग आएंगे और ऐसे में अभ्यर्थियों का एक समान मूल्यांकन कैसे हो सकेगा। अगर एक समान मूल्यांकन के लिए मानकीकरण किया जाता है तो इसकी आड़ में भ्रष्टाचार की आशंका बनी रहेगी। अभ्यर्थियों को न्यायालय की शरण में जाना पड़ेगा और इसकी वजह से परीक्षाएं विलंबित होंगी।
प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय का कहना है कि पूर्व में भर्ती संस्थाओं ने जिन परीक्षाओं का मानकीकरण किया है, उनमें से अधिकतम परीक्षाएं विवादों के घेरे में रहीं हैं। ऐसे में परीक्षा परिणाम में गड़बड़ी की प्रबल आंशका है। आयोग को पूर्व की की भांति पीसीएस और आरओ/एआरओ परीक्षा एक ही दिन में पूरी करानी चाहिए
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