SSC : सॉल्वर की फोटो लगाने वाले आवेदकों को नोटिस, एमटीएस व हवलदार भर्ती परीक्षा परीक्षा से पहले AI के जरिये किए गए चिह्नित
प्रयागराज। एमटीएस और हवलदार भर्ती परीक्षा के लिए सॉल्वरों के फोटो लगाकर आवेदन करने वाले 598 अभ्यर्थियों को कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) मध्य क्षेत्र ने नोटिस जारी कर दिया है। उनको बुलाकर देखा जाएगा कि असली आवेदक कौन हैं? इन सभी को डिबार किया जाएगा। ऐसे ही देशभर में आवेदन करने वाले कुल 1300 आवेदकों को अलग-अलग जोनल कार्यालयों से नोटिस जारी किया जा रहा है।
एसएससी की परीक्षा में पहले फोटो मिक्सिंग करके सॉल्वर शामिल होते थे। उनको पकड़ना मुश्किल होता था। कुछ पकड़े भी जाते थे। परीक्षा से लेकर प्रमाण पत्रों की जांच होने के बावजूद कई सॉल्वर कामयाब हो जाते थे। कई वर्षों तक सॉल्वर गैंग ने ऐसा खेल किया। फरवरी 2023 से एसएससी ने लाइव फोटो के साथ ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू कराई तो फोटो मिक्सिंग का खेल खत्म हो गया। सॉल्वर फोटो मिक्सिंग नहीं कर पा रहे हैं तो नया तरीका अपनाया है। एक-एक सॉल्वर ने कई आवेदकों के नाम से अपनी फोटो लगाकर आवेदन कर दिया है।
30 सितंबर से शुरू होने वाली परीक्षा से पहले आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के जरिये एसएससी ने फोटो का मिलान करवाया तो वह सभी चिह्नित कर लिए गए हैं। पहली बार एआई का प्रयोग करके ऐसा किया गया। इससे 400 सॉल्वर चिह्नित कर लिए गए। मध्य क्षेत्र प्रयागराज में 261 सॉल्वरों ने 598 आवेदन किए हैं। चिह्नित किए गए सॉल्वर अब परीक्षा नहीं दे पाएंगे।
कंप्यूटर मॉनिटर बदलकर कराई गई थी नकल, जांच में पुष्टि
गोरखपुर। एसएससी की ऑनलाइन परीक्षा में फर्जीवाड़ा कर सरकारी नौकरी पाने का मामला जांच में सही पाया गया है। एसटीएफ की जांच में नौसड़ स्थित स्वास्तिक ऑनलाइन सेंटर पर परीक्षा के दौरान कंप्यूटर मॉनिटर बदलकर 22 परीक्षार्थियों को मदद पहुंचाने की पुष्टि के बाद एसटीएफ की तरफ से गीडा थाने में छह नामजद व परीक्षा केंद्र के कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज करा दिया गया है। जांच में पता चला है कि बदले गए मॉनिटर पर एनी डेस्क के माध्यम से पेपर सॉल्व किए गए। इसमें फर्जीवाड़ा कर 22 लोगों को सरकारी नौकरी मिलने की शिकायत मिली थी।
SSC की ऑनलाइन परीक्षा में फर्जीवाड़ा कर 22 ने हथिया ली नौकरी, स्क्रीन टाइम से मिला सुराग
एसएससी की ओर से आयोजित परीक्षा में फर्जीवाड़ा करके 22 लोगों ने सरकारी नौकरी हथिया ली। राष्ट्रपति को भेजे गए शिकायती पत्र के बाद एसटीएफ ने इस पूरे मामले की जांच की। इसमें पता चला कि गोरखपुर के नौसड़ में स्थित स्वास्तिक सेंटर में परीक्षा देकर सफल हुए 37 अभ्यर्थियों में से 22 टॉप 200 में शामिल हैं। इनके कंप्यूटर के मानीटर बिना किसी आदेश के बदले गए। फिर एनी डेस्क के माध्यम से पेपर सॉल्व किया गया। सेंटर के सभी कर्मचारियों की मिलीभगत से नकल की गई थी। इस मामले में गीडा पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। सरकारी नौकरी हथियाने की धांधली का खुलासा करने में कंप्यूटर के स्क्रीन टाइम से अहम सुराग मिला।
जानकारी के मुताबिक, आठ मई से 11 मई 2023 तक स्वास्तिक ऑनलाइन सेंटर में परीक्षा आयोजित की गई थी। सेंटर में 798 कंप्यूटर लगे थे, लेकिन 37 लोगों ने ही परीक्षा पास की। इसमें से 22 ऐसे लोग हैं, जिन्होंने देश में टॉप किया। केंद्र के अंदर लगे सीसी टीवी कैमरों की जांच के दौरान संदेह के बाद सभी सफल 22 अभ्यर्थियों के परीक्षा देने के समय को देखा गया। पता चला कि 22 अभ्यर्थी ऐसे हैं, जिनके मानीटर बदले गए उन्होंने हर सवाल का चंद सेकेंड में दे दिए हैं।
यहां तक की गणित से जुड़े सवाल के लिए भी उन्हें गुणा-भाग नहीं करना पड़ा। इनकी परीक्षा थोड़ी ही देर में खत्म हो गई थी। लेकिन, किसी को संदेह न हो, इस वजह से इन्होंने पूरा समय बैठकर काटा और सभी के साथ बाहर निकले। दरअसल, इस फर्जीवाड़े में स्वास्तिक ऑनलाइन सेंटर के सभी कर्मचारी शामिल हैं और इसी परीक्षा के बाद सबने अपने रास्ते भी अलग कर लिए। केंद्र का आईटी मैनेजर अब चिड़ियाघर में आईस्क्रीम पार्लर चला रहा है तो कक्ष निरीक्षक और सेटिंग करने वाला जुगेश कुमार एक कंपनी में एमआर हो गया है। मगर, एसटीएफ को संदेह है कि ये अब भी ऑनलाइन परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों से सेटिंग करते हैं।
जानकारी के अनुसार, ऑनलाइन सेंटर पर कोई कार्रवाई न होने पाए, इसके लिए यह लोग अन्य अभ्यर्थियों की कड़ाई से जांच करते थे। गुमराह करने के लिए पुलिस को सूचना भी दे देते थे, ताकि सेंटर की शुचिता पर किसी को शक न हो। इसी फेर में सेंटर पर जितनी बार भी अभ्यर्थी पकड़े गए, उन पर और सॉल्वर पर ही कार्रवाई हुई, कोई जिम्मेदार नहीं फंसा। मगर, इस बार एसटीएफ की जांच में खेल खुल गया।
10 से 15 लाख तक वसूले
आरोपियों ने एक अभ्यर्थी को पास कराने के बदले 10 से 15 लाख वसूले थे। आधी रकम एडवांस के तौर ली गई थी, बाकी पैसा रिजल्ट आने के बाद लेना था। कोई सबूत न छूटे इसलिए लेनदेन को नकद में किया जाता था।
कक्ष निरीक्षक को सीसी टीवी निगरानी का जिम्मा
कंप्यूटर के मानीटर को बदलते समय सीसी कैमरे में करतूत कैद न आने पाए, इसके लिए सेंटर संचालक रंजन ने कक्ष निरीक्षक को ही कैमरे की निगरानी दे दी थी। जिस कंप्यूटर के मानीटर को बदला जाता था, वहां से सीसी टीवी कैमरे का फोकस हटा कर दूसरी तरफ की रिकार्डिंग करता था। इसी तरह से 21 मानीटर बदले गए ।
इनके खिलाफ दर्ज हुआ केस
गीडा थाने में दर्ज मुकदमे में मोद्दीपुर निवासी व सेंटर के संचालक राजीव रंजन, कक्ष निरीक्षक रहे गोरखनाथ निवासी जुगेश कुमार गौतम, बेलघाट के कुरीबाजार निवासी व आईटी मैनेजर अवनीश कुमार, बड़हलगंज निवासी संस्था में कंपानडिंग ऑफिसर परमहंस यादव, एमटीएस कंपनी के प्रभारी व पीपीगंज निवासी रामस्वरूप यादव को नामजद किया गया है।
फ्लाइट से दो सीपीयू भेजे गए मुंबई, नहीं ली थी अनुमति
किसी परीक्षा केंद्र पर अभ्यर्थी कंप्यूटर खराब होने की शिकायत करता है तो परीक्षा कराने वाली संस्था एमटीएस की ओर से अधिकृत संस्था के इंजीनियर उसकी जांच करते हैं। फिर कक्ष निरीक्षक और लखनऊ कमांड सेंटर को सूचना दी जाती है तब मानीटर बदला जाता है। लेकिन, धांधली के दिन सूचना कमांड सेंटर को नहीं दी गई थी। बाद में कक्ष निरीक्षक ने इसकी जानकारी मुख्यालय को दी थी। जांच में पता चला कि सिर्फ दो ही कंप्यूटर बदला गया था। दोनों के सीपीयू को मुंबई प्रयोगशाला में जांच के लिए फ्लाइट से भेजा गया।
सीसी कैमरे से खुला फर्जीवाड़ा
एसएससी की ओर से आयोजित परीक्षा में फर्जीवाड़ा करके 22 लोगों ने सरकारी नौकरी हथिया ली। इस मामले में झाझर निवासी चरण सिंह चौधरी ने राष्ट्रपति को पत्र लिखा कि ऑनलाइन परीक्षा में धांधली हो रही है। इसका संज्ञान लेकर एसएससी मुख्यालय, नई दिल्ली को पत्र भेजा गया। मुख्यालय ने प्रयागराज भर्ती बोर्ड को पत्र भेजकर जवाब मांगा। इसी के बाद यूपी एसटीएफ को जांच सौंपी गई। जांच में सीसी टीवी कैमरे की मदद से पूरी घटना साफ हो गई है। पाया गया कि 21 अभ्यर्थियों के मानीटर को बदला गया है, जबकि को एक सॉल्वर के बगल में ही बैठाया गया।
नौकरी के बाद रौब जमाना पड़ गया भारी
झाझर के जिस शख्स ने शिकायत की है, उसके घर के पास के ही दो लड़कों ने भी गोरखपुर के सेंटर में परीक्षा दी थी। दोनों ने नौकरी पाने के बाद पड़ोसी का उपहास उड़ाया और कहा कि दस लाख रुपये खर्च करो, तुम्हारे बेटे की भी नौकरी लगवा दूंगा। फिर उसने शिकायत कर दी और अब जांच में पूरा खेल सामने आ गया है।
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