विधि विश्वविद्यालयों और संस्थानों ने बीसीआई की अधिसूचना को छात्रों से किया साझा
लखनऊ। प्रदेश में विधि विश्वविद्यालयों व संस्थानों में अब आपराधिक रिकॉर्ड वाले विद्यार्थियों को एलएलबी डिग्री पाना मुश्किल होगा। इस संबंध में बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) की अधिसूचना जारी होने के बाद लखनऊ विश्वविद्यालय के विधि संकाय के डीन प्रो. बीडी सिंह ने छात्रों से यह जानकारी साझा की है।
अधिसूचना के मुताबिक कानूनी पेशे के नैतिक मानकों को बनाएं रखने के लिए कोर्स में पंजीकृत विद्यार्थी को अंतिम मार्क्सशीट और डिग्री पाने से पहले स्वयं के खिलाफ दर्ज एफआईआर, आपराधिक मामले, दोष सिद्धि या बरी होने की सूचना संस्थान के माध्यम से बीसीआई को देनी होगी। ऐसी जानकारी न देने की दशा में विद्यार्थी के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई करने के साथ ही उनकी मार्क्सशीट व डिग्री रोकी जा सकती है। वहीं, शैक्षिक संस्थान को विद्यार्थी की उपस्थिति समेत अन्य शैक्षणिक जानकारी बीसीआई को भेजनी होगी।
एलएलबी के साथ नहीं कर पाएंगे दूसरा कोर्स
बीसीआई की अधिसूचना में कानूनी शिक्षा के नियम 2 के अध्याय नियम छह का हवाला देते हुए कहा है कि एलएलबी कोर्स में दाखिला लेने वाले विद्यार्थी एक साथ दो नियमित कोर्स की शिक्षा नहीं ले सकते हैं। इसका उल्लंघन करने वाले विद्यार्थी को डिग्री नहीं जारी की जाएगी।
छात्रों की होगी बायोमीट्रिक उपस्थिति
सभी विधि संस्थानों में दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों की बायोमीट्रिक उपस्थिति दर्ज करवाने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही सभी कक्षाओं में सीसीटीवी कैमरों की अनिवार्यता की बात भी गई है। वहीं विद्यार्थियों को शपथ पत्र में घोषित करना होगा कि वह पढ़ाई के दौरान किसी नौकरी अथवा सेवा में नहीं था। जब तक उन्होंने संस्थान अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) न हासिल कर लिया हो। छात्र के रोजगार संबंधी सभी मामलों को ईमेल के माध्यम से बीसीआई को रिपोर्ट करना होगा।
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