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Friday, September 27, 2024

पहले से चल रहे नर्सिंग कॉलेजों में शिक्षक नहीं, नए खोलने की तैयारी, शिक्षकों की कमी से जूझ रहे सरकारी व निजी नर्सिंग और पैरामेडिकल कॉलेज

पहले से चल रहे नर्सिंग कॉलेजों में शिक्षक नहीं, नए खोलने की तैयारी, शिक्षकों की कमी से जूझ रहे सरकारी व निजी नर्सिंग और पैरामेडिकल कॉलेज

वर्तमान में 180 छात्रों को पढ़ाने के लिए कहीं आठ तो कहीं 10 अध्यापक

लखनऊ। प्रदेश के सरकारी और निजी नर्सिंग एवं पैरामेडिकल कॉलेज शिक्षकों की कमी से जूझ रहे है। इसके बावजूद नए सत्र में करीब 200 नए कॉलेजों को मान्यता देने की तैयारी चल रही है। विभाग की तैयारी है कि अक्तूबर तक इन कॉलेजों को हरी झंडी दे दिया जाए। 


प्रदेश में बीएससी नर्सिंग, जनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी सहित विभिन्न डिप्लोमा के करीब 148 सरकारी कॉलेज और 1200 से अधिक निजी कॉलेज हैं। इन कॉलेजों में शिक्षकों की कमी बनी हुई है।


हालत यह है कि तीन साल पहले सरकारी मेडिकल कॉलेजों में खोले गए नर्सिंग कॉलेजों में बीएससी नर्सिंग कोर्स पढ़ाने के लिए अभी तक मानक के अनुसार शिक्षक नहीं हैं। स्थिति यह है कि 180 छात्रों को पढ़ाने के लिए कहीं आठ तो कहीं 10 अध्यापक हैं। सूत्रों के मुताबिक डिप्लोमा इन फिजियोथेरैपी, डिप्लोमा इन ऑप्टोमेट्री, डिप्लोमा इन स्पीचथेरेपी और विभिन्न टेक्नीशियन के कोर्स के लिए भी अध्यापकों की कमी है। 


यही वजह है कि तमाम प्रयास के बावजूद अभी तक निजी कॉलेजों में शिक्षकों की हाजिरी के लिए बायोमीट्रिक व्यवस्था लागू नहीं हो पा रही है। निजी कॉलेज संचालकों का सीधा तर्क है कि पहले सरकारी कॉलेज में अध्यापकों की कमी पूरी की जाए। ऐसे में विभागीय अधिकारी चुप्पी साध लेते हैं।


विभागीय सूत्रों का कहना है कि पुराने कॉलेजों में अध्यापकों की कमी दूर करने के बजाय नए कॉलेज खोलने की तैयारी पूरी कर ली गई है। प्रदेश में करीब 2500 से ज्यादा कॉलेजों ने मान्यता के लिए आवेदन किया है। भारतीय गुणवत्ता परिषद (क्यूसीआई) की टीम ने करीब एक हजार से अधिक कॉलेजों के निरीक्षण की प्रक्रिया पूरी कर ली है। अन्य का अभी चल रहा है। 


क्यूसीआई की रिपोर्ट मिलते ही उत्तर प्रदेश स्टेट मेडिकल फैकल्टी संबधित कॉलेजों को मान्यता देने की प्रक्रिया पूरी कर लेगी। ऐसे में करीब दो सौ नए कॉलेज खुल जाएंगे। इन कॉलेजों के खुलने के बाद सीटें जरूर बढ़ जाएंगी, लेकिन पठन-पाठन की गुणवत्ता को लेकर संशय बना रहेगा।


क्यूसीआई की ओर से निरीक्षण की प्रक्रिया चल रही है। उसकी रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्यवाही होगी। जो कॉलेज चल रहे हैं, उन्हें मानक के अनुसार शिक्षकों की व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है। - डॉ. आलोक कुमार, सचिव, उत्तर प्रदेश स्टेट मेडिकल फैकल्टी

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