Searching...
Saturday, October 21, 2023

03 महीने बाद भी 285 पदों का नहीं किया सत्यापन, टीजीटी-पीजीटी 2021 में ज्वाइनिंग न होने से शिक्षकों के पद हैं खाली

03 महीने बाद भी 285 पदों का नहीं किया सत्यापनटीजीटी-पीजीटी 2021 में ज्वाइनिंग न होने से शिक्षकों के पद हैं खाली


प्रयागराज : माध्यमिक शिक्षा विभाग के अफसरों की लापरवाही के कारण सैकड़ों बेरोजगार दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में प्रशिक्षित स्नातक (टीजीटी) और प्रवक्ता (पीजीटी) भर्ती 2021 की प्रतीक्षा सूची के अभ्यर्थियों के समायोजन के लिए जिला विद्यालय निरीक्षकों से जून में सत्यापन रिपोर्ट मांगी गई थी। जो अब तक नहीं मिल सकी है। इससे नाराज अपर शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) सुरेन्द्र कुमार तिवारी ने 10 अक्तूबर को भेजे पत्र में मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों व डीआईओएस से सत्यापन रिपोर्ट मांगी है।



एडेड कॉलेजों में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड से चयनित शिक्षकों के रिक्त पदों पर प्रतीक्षा सूची से तैनाती का अधिकार पहले डीआईओएस के पास था। प्रतीक्षा सूची के अभ्यर्थियों के त्वरित समायोजन, भ्रष्टाचार और विवाद खत्म करने के साथ ही मुकदमों की संख्या कम करने के लिए शासन ने चयन बोर्ड नियमावली 1998 में 31 मार्च 2023 को संशोधन करते हुए समायोजन का अधिकार माध्यमिक शिक्षा निदेशक को दे दिया था। इसके बाद डीआईओएस ने समायोजन में रुचि लेना बंद कर दिया। 


उनके स्तर से शिक्षा निदेशालय को रिक्त पदों की सूचना भेजने में रुचि नहीं रह गई। समायोजन का इंतजार कर रहे प्रतीक्षा सूची के अभ्यर्थियों ने टीजीटी-पीजीटी 2021 में रिक्त 285 पद खोजकर उसकी सूची शिक्षा निदेशालय को उपलब्ध कराई थी। ये पद मूल चयनित अभ्यर्थियों के कार्यभार ग्रहण न करने के कारण खाली रह गए थे। हालांकि समायोजन से पहले शिक्षा निदेशक ने 12 और 26 जून को सूची भेजते हुए सत्यापन रिपोर्ट मांगी थी लेकिन सत्यापन रिपोर्ट न मिलने के कारण 17 से 26 जुलाई तक हुई काउंसिलिंग में इन पदों को शामिल नहीं किया जा सका।


एडी ने दिया आखिरी मौका, तय होगी जिम्मेदारी

अपर शिक्षा निदेशक ने साफ किया है कि इस बार सत्यापन रिपोर्ट मिलने के बाद भी भविष्य में टीजीटी-पीजीटी 2021 में मूल चयनित अभ्यर्थियों के कार्यभार ग्रहण न करने के कारण रिक्ति होती है तो संबंधित की जिम्मेदारी तय की जाएगी। एडी ने यहां तक लिखा है कि कई रिक्तियों का विवरण शिक्षा निदेशालय को जानबूझकर उपलब्ध नहीं कराया गया है।

0 comments:

Post a Comment