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Friday, December 9, 2022

PCS-J के 303 पदों पर भर्ती को आवेदन आज से, देखें विज्ञप्ति, चार साल बाद भर्ती आने से हजारों प्रतियोगी हुए ओवरएज

PCS-J  के 303 पदों पर भर्ती को आवेदन आज से, देखें विज्ञप्ति, चार साल बाद भर्ती आने से हजारों प्रतियोगी हुए ओवरएज

पीसीएस-जे भर्ती : नौ अधिनियम प्री मेंस के पाठ्यक्रम में जोड़े गए, इस उम्र तक के अभ्यर्थी कर सकते हैं आवेदन


आयोग के मुताबिक रिक्तियों की संख्या परिस्थिति के अनुसार घट या बढ़ सकती है। 01 जुलाई 2023 को 22 वर्ष की आयु पूरी कर चुके अभ्यर्थी आवेदन कर सकते हैं। जबकि अधिकतम आयु सीमा 35 वर्ष निर्धारित की गई है। अर्थात अभ्यर्थी का जन्म 02 जुलाई 1988 से पूर्व तथा 01 जुलाई 2001 के बाद का नहीं होना चाहिए। इसी प्रकार दिव्यांगजन के लिए अधिकतम आयु 50 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।


303 पदों पर होगी भर्ती

303 पदों में अनारक्षित (सामान्य वर्ग) के लिए 123, अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 81, अनुसूचित जाति के लिए 63, अनुसूचित जनजाति के लिए छह और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए 30 पद आरक्षित हैं। इसमें क्षैतिज आरक्षण के तहत भूतपूर्व सैनिकों के 16, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के आश्रित के छह, महिला के 60, दिव्यांग के 12 पद शामिल हैं।


प्रयागराज ।  सिविल जज (जूनियर डिवीजन) के चयन के लिए होने वाली लोक सेवा आयोग की पीसीएस जे 2022 परीक्षा बदले पाठ्यक्रम पर होगी। बदलाव प्री और मेंस दोनों के पाठ्यक्रम में किया गया है। इस भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन शनिवार से शुरू हो गया। वर्ष 2018 के बाद हो रही इस भर्ती में वे अभ्यर्थी भी आवेदन कर सकेंगे, जो वर्ष 2019, 2020 एवं 2021 की परीक्षा में शामिल होने के लिए आयु में पात्र थे। लेकिन परीक्षा के लिए अधिकतम अवसर की संख्या चार ही रहेगी।


सरकारी कर्मचारी भी आवेदन कर सकेंगे, लेकिन उन्हें किसी प्रकार की छूट नहीं दी जाएगी। लोक सेवा आयोग ने शनिवार को इस भर्ती का विस्तृत विज्ञापन जारी कर दिया। 303 पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन 10 जनवरी तक लिए जाएंगे।


पाठ्यक्रम में शामिल किए गए नौ अधिनियम आयोग की ओर से जारी विज्ञापन में पाठ्यक्रम की जानकारी विस्तार से दी गई है। जूडिशियल स्टडी सेंटर के निदेशक आरएन राय ने बताया कि प्री और मेंस दोनों के पाठ्यक्रम में नौ अधिनियम को शामिल किया गया है। दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016, माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण तथा कल्याण अधिनियम 2007, दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961, घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम 2005, महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिग उत्पीड़न अधिनियम 2013, गर्भ धारण पूर्व एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम 1964, गर्भ का चिकित्सकीय समापन अधिनियम 1971, स्त्रत्त्ी अशिष्ठ रुपण (प्रतिषेध) 1986, लैंगिग अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 को शामिल किया गया है। मेंस के प्रश्न पत्र संख्या छह में उत्तर प्रदेश शहरी भवन (किराये पर देने, किराए तथा बेदखली का विनियम) 1972 के साथ 2021 के उत्तर प्रदेश नगरीय परिसर किरायेदारी विनियम अधिनियम को भी शामिल किया गया है। पहले अंग्रेजी भाषा का दो सौ अंकों का प्रश्नपत्र होता था। अब अंग्रेजी और हिंदी भाषा के सौ-सौ अंकों के प्रश्न पत्र होंगे। प्री परीक्षा 450 और मेंस एक हजार अंक की होगी।



प्रयागराज । उत्तर प्रदेश में न्यायिक सेवा अधिकारियों के चयन के लिए होने वाली पीसीएस-जे भर्ती प्रक्रिया चार साल बाद शनिवार से शुरू होगी। उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा सिविल जज (जूनियर डिविजन) परीक्षा 2022 के तहत 303 पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की वेबसाइट पर शनिवार से होंगे। ऑनलाइन माध्यम से बैंक में फीस जमा करने की अंतिम तिथि छह जनवरी और ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि दस जनवरी रखी गई है। 22 से 35 वर्ष के अभ्यर्थी आवेदन कर सकते हैं।


सचिव आलोक कुमार ने अभ्यर्थियों को विस्तृत विज्ञापन देखने के बाद और अर्ह होने पर ही आवेदन करने की सलाह दी है। आयोग ने इससे पहले 2018 में 610 पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी जो 20 जुलाई 2019 को पूरी हुई थी। उसके बाद से अभ्यर्थी इस भर्ती का इंतजार कर रहे थे। इसी साल अप्रैल में कैबिनेट बैठक में उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा (चतुर्थ संशोधन) नियमावली 2022 को मंजूरी दी गई थी। नए नियमों के अनुसार अब अंग्रेजी भाषा के 200 अंकों के प्रश्नपत्र की बजाय अंग्रेजी और हिंदी भाषाओं के 100-100 अंकों के प्रश्नपत्र होंगे। न्यायिक अधिकारियों की भर्ती में दिव्यांगों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण का भी प्रावधान किया गया है।


चार साल तक पीसीएस-जे की भर्ती नहीं आने से हजारों प्रतियोगी छात्र ओवरएज हो गए। प्रयागराज में हाईकोर्ट होने और प्रतियोगी परीक्षाओं का गढ़ होने के कारण बड़ी संख्या में विधि की पढ़ाई कर चुके छात्र यहीं रहकर प्रैक्टिस और तैयारी करते हैं। नियमित भर्ती न होने से काफी छात्र ओवरएज हो गए। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष अवनीश पांडेय कहते हैं कि नियमित भर्ती आयोग करना आयोग की जिम्मेदारी है। यदि किसी भी कारण से देरी होती है तो प्रभावित छात्रों को अवसर मिलना चाहिए।

UPPCS–J : देखें विस्तृत नोटिफिकेशन 

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