बंगलूरु मामले के बाद छात्रों को चेताया, दाखिले से पहले संस्थानों की मान्यता जांचें
नई दिल्ली। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने दो टूक कहा कि डीम्ड-टू-बी और निजी विश्वविद्यालयों से संबद्ध कॉलेजों की डिग्री मान्य नहीं होगी। क्योंकि यूजीसी ने निजी विवि और डीम्ड-टू-बी विश्वविद्यालयों को अन्य कॉलेजों या संस्थानों को इस प्रकार से संबद्ध करने की अनुमति नहीं दी है।
यूजीसी ने छात्रों को चेताया है कि बंगलूरू स्थित एमवर्सिटी नामक संस्थान अपने संबद्ध केंद्रों के साथ मिलकर निजी और डीम्ड-टू-बी विश्वविद्यालयों के साथ फ्रेंचाइजिंग, सहयोग या समझौतों के माध्यम से डिग्री कार्यक्रमों को संचालित कर रहा है। जबकि उसे यह अनुमति प्रदान नहीं गई थी। इसलिए इस यहां से डिग्री लेने वाले सभी छात्रों की डिग्रियां मान्य नहीं होंगी।
यूजीसी के सचिव प्रोफेसर मनीष जोशी की ओर से सभी राज्यों और विश्वविद्यालयों को पत्र लिखा गया है। इसमें कहा गया कि यूजीसी अधिनियम, 1956 के प्रावधानों के अनुसार केंद्रीय अधिनियम, राज्य अधिनियम या प्रांतीय अधिनियम के तहत स्थापित विवि ही डिग्री प्रदान कर सकते हैं। इसके अलावा, यूजीसी अधिनियम, 1956 की धारा 3 के तहत डीम्ड-टू-बी विश्वविद्यालयों का दर्जा प्राप्त है, वे भी डिग्री प्रदान कर सकते हैं। लेकिन निजी विश्वविद्यालयों और डीम्ड-टू-बी विश्वविद्यालयों को अन्य कॉलेजों या संस्थानों को इस प्रकार से संबद्ध करने की अनुमति नहीं है।
यूजीसी नेट उम्मीदवारों का सत्यापन आधार व 10वीं के प्रमाणपत्र से होगा
नई दिल्ली। विश्वविद्यालयों में पीएचडी दाखिले, जूनियर रिसर्च फेलोशिप (जेआरएफ) और असिस्टेंट प्रोफेसर के पद के लिए उम्मीदवारों की योग्यता निर्धारित करने के लिए यूजीसी नेट दिसंबर-2025 परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन विंडो ओपन हो चुकी है। उम्मीदवार सात नवंबर तक आवेदन भेज सकते हैं। यूजीसी नेट दिसंबर 2025 परीक्षा का आयोजन दिसंबर और जनवरी के बीच होगा। इस परीक्षा के लिए उम्मीदवारों का सत्यापन 10वीं कक्षा के सर्टिफिकेट और आधार नंबर से होगा। ब्यूरो
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